मंगलवार, 26 सितम्बर 2023
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चाँदनी की रश्मियों से चित्रित छायाएँ

रविवार,अक्टूबर 11, 2009
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सबकी अपनी कहानी होती है या कहें कि सब की अपनी कहानियाँ होती हैं। सुबह-शाम और रात। और फिर सुबह-शाम और रात। और इन लगातार बीतते दिनों में हमारा जीवन कतरा-कतरा टपकता रहता है। कई बार इसकी आवाज किसी को सुनाई नहीं देती। कई बार हमें ही हमारे जीवन की आवाज ...
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काफ्का को समझने की बेहतरीन कोशिशें हुई हैं। पिएत्रो सिताती ने उन पर किताब लिखी है। इसके कुछ अनुवादित हिस्से पढ़ने को मिले। यह काफ्का को पढ़ने का एक नायाब जतन है। जब से ये गद्यांश पढ़े हैं एक अजीब सी हताशा और निराशा का भाव घर कर गया है। कभी एक सिहरन ...
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कभी-कभी कोई बहुत ही सादी सी बात दिल को छू जाती है। और मामला यदि प्रेम कविता को हो तो इसमें सादी सी बात कुछ गहरे असर करती है। दिल में गहरे उतरकर देर तक गूँजती रहती है। उस गूँज से आप कुछ खोए-खोए से रहते हैं। जैसे बहुत ही गहरी और हरे रंग में खिली किसी ...
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एक दिन सुबह एक दृश्य उभरा। यह दृश्य गाँव से दूर था। वहाँ दो पहाड़ी थीं। ये दोनों अटल अलग अलग थे। शाश्वत अलग अलग। बरसात के दिन थे। पेड़ बहुत हरे थे। चौड़े चौड़े पत्तों की छोटी छोटी आड़ थी। कहीं महुआ, नीम, आम, पलाश, सागौन के हरे-भरे पेड़ थे।
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यह पहली सुबह है इस ईसाई संत के प्राचीन कमरे में अकेले। दिन धीर-धीरे चढ़ रहा है। थोड़ी देर पहले इस कमरे से लगे छोटे से बगीचे में एक रंगीन सी चिड़िया थी। पर प्रायः कोई आवाज नहीं है, कभी-कभी चीजों की अपनी आवाज जैसा कुछ सुनाई देता है।
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जीवन की तरफ देखो तो यह उतना ही सहज लगता है जितना पानी का बहना, फूल का खिलना और फिर किसी हवा का चलना और उससे किसी हरे पे़ड़-पौधों का लय में हिलना। वे बारिश के पानी में नहाकर कितने ताजादम और खूबसूरत लगते हैं। बारिश के बाद निकली धूप इन्हें और चमकदार बना ...
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प्रसून जोशी बॉलीवुड में गीतकार के रूप में खासे लोकप्रिय हो गए हैं। उनके गीतों में कविता है। उन्होंने अपने बेहतरीन गीतों से यह बखूबी जता दिया है कि वे किसी भी चालू मुहावरे और किसी भी तरह की फूहड़ता का सहारा नहीं लेंगे। उनके तमाम गीत इस बात के सुरीले ...
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खिड़की बाहर खुलती है वह अंदर को बाहर देखने के जरिये जोड़ती है। बाहर है यह अंदर को याद रहे। बाहर को यह अहसास बना रहे कि अंदर है। खिड़की अंदर और बाहर दोनों को एक दूसरे का एहतराम करने का एक सीधा-साधा अवसर है। आकाश हर घर पर छाया है पर कई बार वह खिड़की से ...
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बारिश भी एक रहस्य है। हर बार गिरती हुई वह अपने किसी नए रहस्य के साथ प्रकट होती है। वह प्रकट होकर आपके किसी रहस्य से जुड़ जाती है आप महसूस करने लगते हैं कि आपके ही भीतर छिपे किसी रहस्य को वह बारिश प्रकट कर रही है।
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शहर और आप, दोनों साथ-साथ विकसित होते हैं। पल्लवित होते हैं और एक साथ टूटते-फूटते हैं। कभी शहर में फूल खिलते हैं, नये पत्ते आते हैं तो आपके भीतर भी वे सब दर्ज होते हैं और जब आपके भीतर फुलवारी खिलती है तो आप देखते हैं कि शहर में भी जगह-जगह गुलमोहर फूल ...
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ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित कवि-उपन्यासकार-चिंतक श्रीनेरश मेहता अपनी वैष्णवी संवेदनशीलता के लिए जाने जाते हैं। अपने संस्मरणों की एक किताब 'हम अनिकेत' बरसों पहले छप कर आई थी और हिंदी साहित्य में इसका कोई .....
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ऐसे ही किसी झुरमुट में रखी गेंद इस समय याद आ रही है। जीवन के उस अधेड़ झुरमुट में बचपन अब गेंद की तरह ही रखा हुआ है। अब खेल नहीं सकते, सिर्फ महसूस भर कर सकते हैं।
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जानता हूँ कि बारिश को ठीक -ठीक, पूरा -पूरा किसी कविता में भी नहीं लिखा जा सकता। कहानी में तो कतई नहीं। वह गद्य के स्पर्श भर से स्थूल हो जाएगी। या हो सकता है वह विवरण के किसी रेगिस्तान में ही विलीन हो जाए। जबकि उसके हर अंग से बारिश होती है।
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वह जब भी करीब आती है, लगता बारिश करीब आ रही है। उसके भीतर हमेशा बारिश मचलती रहती है। मैं जब भी उसके करीब खड़ा होता हूँ तो मुझे बारिश का संगीत सुनाई देता है। उसका आलाप सुनाई देता है। उसकी विलंबित लय सुनाई देती है।
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यह बारिश का इंतजार है लेकिन इंतजार के साथ ही एक पुकार है कि बारिश गिरो ना। यह एक कवि की पुकार है। इसमें कवि का दुःख दूसरों के दुःखों से मिलकर बना है। बल्कि दूसरों का दुःख ही उसका दुःख है। इसलिए बारिश के लिए इसमें जो पुकार है, जो प्रार्थना है वह एक ...
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दुनिया के मशहूर चित्रकार पिकासो की गुएर्निका विश्वविख्यात पेंटिंग है। उस पेंटिंग को असल रूप में देखने का सौभाग्य तो इस जनम में नहीं मिलेगा लेकिन मैंने उसके अलग-अलग जगहों पर कुछ फोटो देखे हैं, कुछ प्रतिलिपियाँ देखी हैं।
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कला या काव्य इसलिए हैं ताकि दैनंदिन जीवन की हर घटना. हर स्थिति, हर यथार्थ की काव्यात्मकता और कलात्मकता का प्रत्यक्ष हो जाए। यह निखिल चराचर एक समय अनुभव का विषय बन जाए। ज्ञान के विभाजन में कलाओं को अनेक प्रकारों में
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मेरे लिए हिंदी में कृष्ण बलदेव वैद की मौजूदगी बहुत हसीन और मारू है। उनका गद्य इतना अलहदा और मौलिक है कि उसकी किसी से तुलना नहीं। वह अतुलनीय है। उनके गद्य की महीनता और खुरदुरापन मुझे भाता है। उसकी रवानगी बहा ले जाती है। कल्पनाएँ मोहक औऱ मारक हैं। ...
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इश्क में दिल को समझाना पड़ता है। कई तरह से समझाना पड़ता है। इश्क में दिल को बहलाना पड़ता है। कई तरह से बहलाना पड़ता है। समझाने और बहलाने के लिए कई तरह से जतन करना पड़ते हैं। रब ने बना दी जोड़ी का एक गीत इसी तरह के जतन करता है।
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