हौले हौले हो जाएगा प्यार ...
इस बार जयदीप साहनी का गीत और कलाकृति
इश्क में दिल को समझाना पड़ता है। कई तरह से समझाना पड़ता है। इश्क में दिल को बहलाना पड़ता है। कई तरह से बहलाना पड़ता है। समझाने और बहलाने के लिए कई तरह से जतन करना पड़ते हैं। फिल्म रब ने बना दी जोड़ी का एक गीत इसी तरह के जतन करता है। खूबसूरती के साथ। सीधे-सादे शब्दों में। किसी पंक्ति में पंजाबी का तड़का लगाकर। इश्क हुआ है तो किसी तरह की उतावली या जल्दबाजी ठीक नहीं है। सब काम धीरे धीरे होगा। हौले हौले। इन्हीं शब्दों से गीत शुरू होता है। हौले हौले हवा, दवा और दुआ लगने की बात है। हौले हौले से हवा लगती हैहौले हौले से दवा लगती हैहौले हौले से दुआ लगती है हाँ ....लेकिन इसी बात को थोड़ा और खूबसूरत अंदाज में कहने के लिए चंदा, घूँघट और नशा की बात कही गई है। चंद्रमा के धीरे धीरे बढ़ने की बात ही अलग है। दूज के चाँद से लेकर पूर्णिमा के चाँद तक का सफर। एक सुहाना सफर। धीरे धीरे बढ़ता हुआ। अपनी मोहकता में। फिर घूँघट के उठने की बात है। हौले हौले। और नशा तो सब जानते ही हैं कि धीरे धीरे चढ़ता है। तो यहाँ सब हौले हौले है। इसलिए इश्क में इस हौले हौले आगे बढ़ने की बातें हैं। हाय, हौले हौले चंदा बढ़ता हैहौले हौले से घूंघट उठता हैहौले हौले से नशा चढ़ता हैऔर चूँकि इश्क में सब हौले हौले होना है इसलिए मन को ही समझाया जा रहा है कि थोड़ा धीरज धर। सब्र कर। सब्र कर क्योंकि सब्र का फल मीठा होता है। लेकिन सब्र के साथ ही चिंता नहीं करनी है लिहाजा फिक्र को गोली मारने की बात है। तू सब्र तो कर मेरे यारजरा साँस तो ले दिलदारचल फिक्र नूँ गोली मारयार हैं दिन जिंदड़ी दे चारतो यह मामला इश्क है लिहाजा हौले हौले ही सब होगा। हौले हौले ही प्यार होगा। हौले हौले हो जाएगा प्यार चलयाहौले हौले हो जाएगा प्यार चलयालेकिन ये इश्क है, इसकी गलियाँ तंग हैं और मन ही मन खुद से जंग है। यह एक प्रेमी के मन की दुविधा का, उसके द्वंद्व् का सीधा-सच्चा बयान है। हर पल घबराने और शरमाने की बातें हैं। कुछ कहने और कुछ और ही कर जाने की बातें हैं। यही हाल होता है जब इश्क होता है। लेकिन इश्क में किसी भी तरह की जल्दबाजी नहीं क्योंकि इश्क में जल्दी बड़ा जुर्माना है। इसलिए सब्र करने की बातें बार बार है। मन को समझाने की बातें बार बार हैं। इश्क दी गलियाँ तंग हैंशरमो शर्मीले बंद हैंखुद से खुद की कैसी ये जंग हैपल पल ये दिल घबराएपल पल ये दिल शरमाएकुछ कहता है और कुछ कर जाएकैसी ये पहेली मुआ दिल मर जानाइश्क में जल्दी बड़ा जुर्मानातू सब्र तो कर मेरे यार.....लेकिन दिल है कि मानता नहीं इसलिए चाहता है कि कुछ जादू हो जाए ताकि वह भी प्यार करने लग जाए। लेकिन यह सब इतना आसाँ नहीं । यह गीत एक बड़े शायर गालिब को याद करता हूआ कहता है कि इश्क आग का दरिया है और डूब के जाना है। इस लिए सब्र कर। जो भी होना है हौले हौले हो जाएगा। रब दा ही तब कोई होणा, करे कोई यूँ जादू टोणामन जाए मन जाए, हाय मेरा सोणारब दे सहारे चल दे, ना है किनारे चल देकोई है ना कहारे चल देक्या कह के गया था शायर वो सयानाआग का दरिया डूब के जानातू सब्र तो कर मेरे यारहौले हौले हो जाएगा प्यार....जाहिर है यह गीत इश्क के हौले हौले जादू का गीत है। हौले हौले महसूस कीजिए।