फेरीवाला- चिट्ठियाँ खोलने वाला चाकू खरीदेंगे साहब? सुखीराम- अरे भाई, मैं शादीशुदा आदमी हूँ। मुझे पहले से ही खुली हुई चिट्ठियाँ मिलती हैं।