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Written By WD Feature Desk

गर्भाशय की ये समस्याएं बनती हैं इनफर्टिलिटी का कारण, समझिए किन कारणों से होती है कंसीव करने में परेशानी

अगर आप भी कंसीव करने में दिक्कत अनुभव कर रही हैं तो गर्भाशय से जुड़ी ये जानकारी है ज़रूरी

uterus problems causing infertility
uterus problems causing infertility

Uterus Problems Causing Infertility: अगर गर्भाशय यानी बच्चेदानी में किसी तरह की परेशानी हो जाए, तो महिलाओं को कंसीव करने में परेशानी हो सकती है। इसलिए बच्चेदानी में होने वाली परेशानियों को लंबे समय तक नजरअंदाज करने से बचना चाहिए। महिलाओं में बच्चेदानी से जुड़ी समस्याएं की वजह से महिलाओं की प्रजनन क्षमता प्रभावित होती है।

अगर आप इन परेशानियों को नजरअंदाज करते हैं, तो इनफर्टिलिटी से जुड़ी परेशानी हो सकती है। आइए जानते जानते हैं गर्भाशय की किन समस्याओं की वजह से इनफर्टिलिटी की परेशानी हो सकती है?ALSO READ: IVF और IUI में क्या है अंतर? जानिए कैसे तय करें कि आपको IVF करवाना चाहिए या IUI

बच्चेदानी में गांठ होना (Uterine fibroid cause infertility)
गर्भाशय फाइब्रॉएड महिलाओं में होने वाली सबसे आम ट्यूमर है। फाइब्रॉएड की परेशानी की वजह से कई तरह की समस्याएं होती हैं, जिसमें  इनफर्लिटी भी शामिल है। इस परेशानी की वजह से महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर असर पड़ता है। एक रिपोर्ट् के मुताबिक, बच्चेदानी में गांठ की वजह से 2-3% महिलाओं में इनफर्टिलिटी की परेशानी देखी गई है।

गर्भाशय में पॉलीप्स होना (Uterine polyps cause infertility)
गर्भाशय में पॉलीप्स बनना महिलाओं में इनफर्टिलिटी की वजह बन सकती है। दरअसल, गर्भाशय में पॉलीप्स जब बन जाता है, तो इससे निषेचित अंडे के लिए गर्भाशय की दीवारों से जुड़ना काफी कठिन हो जाता है। पॉलीप्स शुक्राणु (Sperm) को अंडे से जुड़ने से रोकता है। ऐसे में स्पर्म को गर्भाशय में प्रवेश करने में परेशानी होती है, जिसकी वजह से महिलाओं में इनफर्टिलिटी की परेशानी हो सकती है।

इनफर्टिलिटी का कारण बनती है एंडोमेट्रियोसिस (Endometriosis causes infertility)
एंडोमेट्रियोसिस में गर्भाशय के बाहर सेल्स विकसित होने लगती हैं। ये सेल्स फैलोपियन ट्यूब्स, ओवरीज या अन्य पैल्विक अंगों की ओर बढ़ते हैं। ऐसे में महिलाओं को कंसीव करने में परेशानी आती है।
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, एंडोमेट्रियोसिस गर्भवती होने में कठिनाई या इनफर्टिलिटी के जोखिमों को बढ़ावा देता है। अध्ययनों से पता चला है कि लैप्रोस्कोपी के समय देखी जाने वाली एंडोमेट्रियोसिस की मात्रा फ्यूचर की प्रजनन क्षमता से जुड़ी होती है।

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