अगर आपकी उम्र 40 से 50 वर्ष की है और मेनोपॉज के बाद भी आपको ब्लीडिंग हो रही हैं, तो आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए क्योंकि मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग होना एंडोमेट्रियल कैंसर का संकेत भी हो सकता है।
एंडोमेट्रियल कैंसर को गर्भाशय के कैंसर के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रजनन कैंसर का सबसे आम प्रकार है। ऐसे में अगर आपको भी अचानक मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग की समस्या हो रही है, तो इसे बिल्कुल भी नजरअंदाज न करें और तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करें।
किन कारणों से हो सकता है पोस्टमेनोपॉज़ ब्लीडिंग-
पोस्टमेनोपॉज़ ब्लीडिंग होने के ये हो सकते हैं मुख्य कारण :
- एंडोमेट्रियल कैंसर या गर्भाशय का कैंसर
- गर्भाशय ग्रीवा या योनि का कैंसर
- गर्भाशय को अस्तर देने वाले ऊतकों का पतला होना
- फाइब्रॉएड
- यूटरीन पॉलिप
- एंडोमेट्राइटिस
- हार्मोन थेरेपी
- मूत्र पथ या मलाशय से रक्तस्राव।
मेनोपॉज के बाद ब्लीडिंग के का उपचार क्या हो सकता हैं-
मेडिसिन : अगर आपको मेनोपॉज के बाद अचानक से ब्लीडिंग की समस्या शुरू हो गई है और अगर यह किसी कैंसर का संकेत है तो वक्त रहते इसे सही इलाज से ठीक किया जा सकता है। वहीं अगर यह किसी इंफेक्शन आदि की वजह से हो रहा है, तो इसके लिए आप इंफेक्शन ठीक करने की दवा ले सकते हैं। लेकिन सही उपचार के लिए जरूरी है कि आप पहले डॉक्टर की सलाह लें।
एस्ट्रोजन क्रीम का करें इस्तेमाल- कुछ परिस्थितियों में डॉक्टर आपको एस्ट्रोजन क्रीम का यूज करने की सलाह देते हैं। यह क्रीम बहुत ही फायदेमंद है।
प्रोजेस्टिन- प्रोजेस्टिन एक हार्मोनल थेरेपी है। जब आपको पोस्टमेनोपॉज़ल ब्लीडिंग हो रही है, तो आप यह थेरेपी ले सकती है लेकिन इस थेरेपी को लेने से पहले डॉक्टर से एक बार जरूर कंसल्ट करें।
हिस्टेरेक्टॉमी- यह एक सर्जरी है। अगर आपके गर्भाशय में कैंसर होने का खतरा है तो डॉक्टर आपको इस सर्जरी की सलाह देते हैं।
पॉलिप्स सर्जरी- मेनोपोज़ के बाद ब्लीडिंग को काम करने के लिए डॉक्टर इस सर्जरी का सहारा लेते हैं, हालांकि इस सर्जरी का सहारा गंभीर परिस्थिति को रोकने के लिए लिया जाता है।
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