bad oil for cooking: हम रोज अपने घर में जो खाना बनाते हैं, वह सिर्फ स्वाद के लिए नहीं होता, बल्कि हमारे शरीर की ऊर्जा, सेहत और भविष्य को भी तय करता है। आप चाहे जितनी हरी सब्ज़ियां लें, चाहे घर पर ही खाना पकाएं, लेकिन अगर उसमें इस्तेमाल किया गया तेल सही नहीं है, तो वो खाना शरीर के लिए ज़हर जैसा असर भी कर सकता है। आजकल मार्केट में इतने तरह के कुकिंग ऑयल्स मौजूद हैं कि लोग बिना जानकारी के किसी भी ब्रांड या प्रकार का तेल इस्तेमाल करने लगते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुछ तेल ऐसे होते हैं जो रोजाना इस्तेमाल के लिए बेहद हानिकारक होते हैं और धीरे-धीरे आपकी सेहत पर गंभीर असर डाल सकते हैं? जानिए ऐसे तीन तेल जिनका रोज के खाने में इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। साथ ही, बताएंगे कि क्यों ये तेल नुकसानदायक हैं और किन तेलों को आप इनके विकल्प के रूप में चुन सकते हैं।
1. रिफाइंड ऑयल
रिफाइंड तेल सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले कुकिंग ऑयल्स में से एक है। इसकी कीमत कम होती है, रंग हल्का होता है, और यह जल्दी खराब नहीं होता, यही वजह है कि ज्यादातर घरों में इसका इस्तेमाल होता है। लेकिन रिफाइंड तेल को बनाने की प्रक्रिया में इतने केमिकल्स, हाई टेंपरेचर और रसायन डाले जाते हैं कि इससे इसके पोषक तत्व पूरी तरह खत्म हो जाते हैं।
यह तेल शरीर में ट्रांस फैट और फ्री रेडिकल्स को बढ़ाता है, जो हृदय रोग, मोटापा, डायबिटीज़ और हाई ब्लड प्रेशर जैसे रोगों का कारण बनते हैं। रोजाना इसका सेवन करने से शरीर में सूजन बढ़ती है और लिवर पर भी बुरा असर पड़ता है। खासतौर पर बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए यह और भी खतरनाक साबित हो सकता है।
2. पाम ऑयल
पाम ऑयल का इस्तेमाल आजकल बड़े पैमाने पर पैक्ड फूड्स, नमकीन, बिस्किट और यहां तक कि कई रेस्टोरेंट्स में भी किया जा रहा है। इसकी वजह है, इसका सस्ता दाम और लंबा शेल्फ लाइफ। लेकिन यह तेल सैचुरेटेड फैट से भरपूर होता है, जो कि हृदय की धमनियों में ब्लॉकेज की संभावना को बढ़ाता है।
पाम ऑयल को प्रोसेस करते वक्त जो केमिकल्स इस्तेमाल किए जाते हैं, वे शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर बिगाड़ते हैं और डाइजेशन को कमजोर करते हैं। अगर इसे रोज खाने में इस्तेमाल किया जाए, तो यह धीरे-धीरे शरीर को बीमारियों का घर बना सकता है। खासतौर पर फ्राई करने के लिए इसका बार-बार उपयोग स्वास्थ्य के लिए बहुत नुकसानदायक होता है।
3. वनस्पति घी (हाइड्रोजेनेटेड ऑयल)
पुराने समय में वनस्पति घी का खूब इस्तेमाल होता था, लेकिन अब यह तेल से ज्यादा एक रसायन मिश्रित उत्पाद बन चुका है। यह पूरी तरह से कृत्रिम होता है, जिसमें ट्रांस फैट की मात्रा सबसे ज्यादा होती है। ट्रांस फैट शरीर में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को घटाता है और बुरे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है, जिससे हृदय रोग की संभावना कई गुना बढ़ जाती है।
वनस्पति घी का नियमित इस्तेमाल शरीर में सूजन, हार्मोनल असंतुलन, और ब्लड सर्कुलेशन की समस्याओं को जन्म देता है। इसके अलावा यह डायजेशन को स्लो करता है और वजन बढ़ाता है। अगर आपको दिल की बीमारी, थायरॉयड या डायबिटीज़ है, तो इसका सेवन बिल्कुल भी न करें।
तो फिर कौन-से तेल का करें इस्तेमाल?
इन खतरनाक तेलों से बचने का मतलब यह नहीं कि हम तेल खाना ही छोड़ दें। बल्कि सही और संतुलित तेल का इस्तेमाल करके हम स्वाद और सेहत दोनों को साथ लेकर चल सकते हैं। नीचे दिए गए तेल रोजाना इस्तेमाल के लिए बेहतर विकल्प हैं:
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सरसों का तेल (Mustard Oil): एंटी-बैक्टीरियल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर।
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तिल का तेल (Sesame Oil): पाचन के लिए बेहतरीन और विटामिन्स से भरपूर।
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नारियल तेल (Coconut Oil): मेटाबॉलिज्म को बढ़ावा देने वाला और दिल के लिए सुरक्षित।
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घी (देसी गाय का): सीमित मात्रा में उपयोग करने पर शरीर के लिए अमृत के समान।
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