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Written By WD Feature Desk
Last Modified: शुक्रवार, 25 जुलाई 2025 (17:50 IST)

रोने के बाद क्या सच में आंखें हो जाती है स्वस्थ? जानिए इसके पीछे का साइंटिफिक सच

crying
rone se kya hota hai: कभी आपने गौर किया है कि जब आप दिल से रोते हैं, तो कुछ समय बाद आपको हल्का महसूस होता है? कुछ लोगों को तो यह भी लगता है कि रोने के बाद आंखें और दिमाग दोनों साफ हो जाते हैं। लेकिन सवाल ये है कि क्या रोना वाकई हमारी आंखों के लिए हेल्दी होता है? क्या इससे आंखों की सफाई होती है या ये केवल भावनात्मक राहत का असर है? आइए जानें इस विषय पर वैज्ञानिक नजरिए से और भावनात्मक दृष्टिकोण से गहराई से।
 
आंसुओं की रचना
हमारी आंखों में बनने वाले आंसू सिर्फ भावनाओं की अभिव्यक्ति नहीं हैं, बल्कि यह आंखों को नमी देने, गंदगी को हटाने और बैक्टीरिया से बचाने का एक प्राकृतिक तरीका है। आंसुओं में तीन प्रमुख लेयर होती हैं, म्यूसिन (mucin), एक्वस (aqueous), और लिपिड (lipid)। ये तीनों मिलकर आंखों की सतह को पोषण देने, सूखने से बचाने और संक्रमण से सुरक्षा देने का काम करती हैं। जब हम रोते हैं, तो आंसुओं का बहाव अधिक हो जाता है, जिससे आंखों की गहराई से सफाई होती है।
 
रोने के बाद आंखों को मिलती है नमी और सफाई
रोने से आंखों में जमा हुई गंदगी, धूल के कण और प्रदूषण के तत्व आंसुओं के साथ बाहर निकल जाते हैं। इसके अलावा, रोने के दौरान उत्पन्न आंसू आंखों की सतह को फिर से हाइड्रेट करते हैं, जिससे आंखों की ड्राईनेस और जलन जैसी समस्याएं काफी हद तक कम हो जाती हैं। यही कारण है कि रोने के बाद आंखें कुछ समय के लिए चमकदार और तरोताजा महसूस होती हैं। हालांकि, ये असर अस्थायी होता है और बार-बार या अत्यधिक रोना आंखों को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
 
भावनात्मक तनाव से राहत देता है रोना
वैज्ञानिक शोध यह बताते हैं कि रोने से हमारे शरीर से स्ट्रेस हार्मोन यानी 'कॉर्टिसोल' की मात्रा कम होती है। जब हम भावनात्मक रोते हैं, तो साथ में ऐसे केमिकल्स भी बाहर निकलते हैं जो दिमाग को रिलैक्स करने में मदद करते हैं। यही वजह है कि लोग कहते हैं कि रोने के बाद दिल हल्का हो जाता है। इस तरह, रोना न सिर्फ मानसिक शांति देता है बल्कि आंखों की सफाई में भी सहयोग करता है।
 
लेकिन ज्यादा रोना हो सकता है नुकसानदायक
हर चीज़ की एक हद होती है। ठीक उसी तरह अधिक रोना आपकी आंखों को नुकसान भी पहुंचा सकता है। लगातार रोने से आंखों में सूजन, रेडनेस, इरिटेशन और डिहाइड्रेशन हो सकता है। साथ ही, अगर किसी को पहले से ही सूखी आंखों (Dry Eyes) की समस्या है तो रोने से जलन और बढ़ सकती है। इसलिए, रोने को आंखों के स्वास्थ्य के लिए एक हेल्दी आदत मानने से पहले यह जानना जरूरी है कि संतुलन बनाए रखना आवश्यक है।
 
आंखों की देखभाल में क्या है बेहतर तरीका?
अगर आप अपनी आंखों को स्वच्छ और स्वस्थ रखना चाहते हैं तो सिर्फ रोने पर निर्भर न रहें। दिन में दो बार ठंडे पानी से आंखों को धोना, डिजिटल डिवाइसेज से थोड़ी-थोड़ी देर पर ब्रेक लेना, और संतुलित आहार का सेवन करना भी जरूरी है। इसके अलावा, पर्याप्त नींद और आंखों की एक्सरसाइज करने से आपकी आंखें लंबे समय तक स्वस्थ रह सकती हैं। 


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