blood sugar control: डायबिटीज यानी मधुमेह, आज के समय की सबसे तेजी से बढ़ने वाली बीमारियों में से एक है। यह सिर्फ एक ब्लड शुगर डिसऑर्डर नहीं, बल्कि एक ऐसी क्रॉनिक स्थिति है जो पूरे शरीर को धीरे-धीरे प्रभावित करती है। हाई ब्लड शुगर का असर न केवल हार्ट, किडनी, आंखों और नर्वस सिस्टम पर पड़ता है, बल्कि यह शरीर में जरूरी पोषक तत्वों के अवशोषण (absorption) और उपयोग (utilization) को भी रोकता करता है।
डायबिटीज से ग्रस्त लोगों में विटामिन की कमी (Vitamin Deficiency) एक आम लेकिन अक्सर अनदेखी की जाने वाली समस्या है। शरीर को सुचारु रूप से चलाने के लिए विटामिन्स की एक संतुलित मात्रा आवश्यक होती है, और जब ये संतुलन बिगड़ता है, तो थकावट, नर्व प्रॉब्लम्स, इम्यूनिटी की गिरावट और घाव न भरने जैसी समस्याएं सामने आने लगती हैं। इस आर्टिकल में हम गहराई से जानेंगे कि डायबिटीज़ में किन विटामिन्स की कमी आमतौर पर पाई जाती है, और इन्हें संतुलित रखने के लिए किन उपायों को अपनाना चाहिए।
विटामिन B12 की कमी से क्या होता है?
डायबिटीज के मरीजों में सबसे आम और चिंताजनक विटामिन की कमी है विटामिन B12। यह विटामिन नर्व हेल्थ, ब्रेन फंक्शन और रेड ब्लड सेल्स के निर्माण में अहम भूमिका निभाता है। डायबिटीज के मरीज, खासकर जो लंबे समय से Metformin जैसी दवाइयाँ ले रहे हैं, उनके शरीर में B12 का स्तर अक्सर गिर जाता है। इसकी कमी से हाथ-पैरों में झुनझुनी, सुन्नपन, कमजोरी और याद्दाश्त की समस्या हो सकती है। अगर यह समय रहते पूरा न किया जाए, तो यह Diabetic Neuropathy को बढ़ा सकता है, जो एक बेहद तकलीफदेह स्थिति होती है।
विटामिन D की कमी से क्या होता है?
विटामिन D की कमी आजकल आम हो गई है, लेकिन डायबिटिक लोगों में यह और भी खतरनाक हो सकती है। विटामिन D न केवल हड्डियों की मजबूती के लिए जरूरी है, बल्कि यह शरीर में इंसुलिन की संवेदनशीलता (Insulin Sensitivity) बढ़ाने में भी मदद करता है। इसकी कमी से डायबिटिक मरीजों में इंसुलिन रेसिस्टेंस बढ़ता है, जिससे ब्लड शुगर नियंत्रित करना मुश्किल हो जाता है। साथ ही हड्डियों की कमजोरी, बार-बार थकान, नींद की कमी और मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं भी जुड़ जाती हैं। सूरज की रोशनी, विटामिन D सप्लीमेंट्स और सही डाइट इसके स्तर को बनाए रखने में मदद करते हैं।
विटामिन C की कमी से क्या होता है?
डायबिटीज शरीर की हीलिंग क्षमता को धीमा कर देता है, और इसमें विटामिन C की कमी भी एक बड़ा कारण होती है। यह विटामिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। डायबिटिक लोगों में यह देखा गया है कि शरीर में विटामिन C का स्तर अपेक्षाकृत कम होता है, जिससे घाव भरने में समय लगता है, स्किन ड्राई हो जाती है और सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं बार-बार होती हैं। विटामिन C युक्त फल जैसे आंवला, संतरा, अमरूद और नींबू डाइट में जरूर शामिल करने चाहिए।
विटामिन E की कमी से क्या होता है?
विटामिन E एक और जरूरी एंटीऑक्सीडेंट है जो डायबिटीज़ के मरीजों के लिए बेहद अहम है। यह शरीर में मौजूद फ्री रेडिकल्स को खत्म करता है और कोशिकाओं को नुकसान से बचाता है। डायबिटिक लोग जब हाई ब्लड शुगर की स्थिति में रहते हैं, तो उनके शरीर में ऑक्सीडेटिव डैमेज ज़्यादा होता है। विटामिन E की कमी इस स्थिति को और खराब कर सकती है, जिससे हार्ट, किडनी और नर्व को नुकसान हो सकता है। नट्स, बीज, सूरजमुखी के तेल और हरे पत्तेदार सब्जियों में विटामिन E भरपूर मात्रा में मिलता है।
विटामिन A की कमी से क्या होता है?
डायबिटीज के मरीजों में डायबेटिक रेटिनोपैथी (Diabetic Retinopathy) एक गंभीर समस्या होती है, जिसमें आंखों की रेटिना को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में विटामिन A की कमी इस जोखिम को और बढ़ा सकती है। विटामिन A आंखों की सेहत, स्किन सेल्स की मरम्मत और इम्यूनिटी के लिए जरूरी होता है। इसकी कमी से आंखों की रोशनी कमजोर होती है और संक्रमण का खतरा बढ़ता है। गाजर, शकरकंद, पपीता और दूध जैसे खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल कर इसकी कमी से बचा जा सकता है।
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