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डायबिटीज इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहा है, इससे कैसे बचें?

डायबिटीज इतनी तेजी से क्यों बढ़ रहा है, इससे कैसे बचें? - symptoms of diabetes in hindi
- मोनिका पाण्डेय 
 
पूरे दिन की व्यस्त दिनचर्या और ख़राब जीवनशैली के कारण डायबिटीज रोग तेजी से फ़ैल रहा है। आमतौर पर डायबिटीज के मुख्य कारण ये स्थितियां हो सकती हैं। जब शरीर सही तरीके से रक्त में मौजूद ग्लूकोज़ या शुगर का उपयोग नहीं कर पाता है, तब व्यक्ति को डायबिटीज की समस्या हो जाती है। 
 
मधुमेह के मरीजों को अपने खाने-पीने का विशेष ध्यान रखना चाहिए, क्योंकि मधुमेह के मरीज का ब्लड शुगर लेवल का ना तो सामान्य से अधिक होना ठीक रहता है और ना ही सामान्य से कम होना ठीक रहता है। यह जेनेटिक बीमारी भी है, अगर आपकी फेमिली में किसी को डायबिटीज है, तो वह आप में भी आ सकती है।

इंसुलिन की कमी की वजह से भी शुगर होने का खतरा बना रहता है। इसके साथ अगर आपका कोलेस्ट्रॉल लेवल हाई है तो भी शुगर होने का खतरा बना रहता है। इसे डायबिटीज, मधुमेह या शुगर के नाम से जाना जाता है। 
 
आज हम इस लेख में बात करेंगे मधुमेह से बचाव के बारे में- 
 
क्या है इसके लक्षण- 
  
पीड़ित व्यक्ति के शरीर में बढ़े हुए ब्लड शुगर के अनुसार इसमें डायबिटीज के लक्षण दिखाई देते हैं। ज्यादातर मामलों में अगर व्यक्ति प्री डायबिटीज या टाइप-2 डायबिटीज से पीड़ित हो तो, समस्या की शुरुआत में लक्षण दिखाई नहीं पड़ते। लेकिन, टाइप-1 डायबिटीज के मरीजों में डायबिटीज लक्षण बहुत तेजी से प्रकट होते हैं और ये काफी गंभीर भी होते हैं। टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के मुख्य लक्षण ये हैं। 
 
- भूख कम लगना 
- बार-बार पेशाब आना 
- चिड़चिड़ापन होना 
- घाव भरने में अधिक समय लगना 
- ओरल इंफेक्शन
- स्किन इंफेक्शन 
- धुंधला दिखाई देना 
- थकान महसूस करना 
- अचानक वजन का बढ़ना घटना।
 
डायबिटीज से कैसे बचें-  
 
इसके लिए सबसे पहले चेकअप करना चाहिए, जिससे आपको यह पता चल पाए कि आपका शुगर लेवल बढ़ा भी है तो कितना बढ़ा है या किस टाइप का डायबिटीज है आपको। आपको शुगर का कोई लक्षण जैसे ही दिखाई देता है, आप तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें। डायबिटीज के निदान के लिए इस प्रकार के कुछ टेस्ट कराने की सलाह दी जा सकती है। 
 
A1C test or glycohemoglobin test- 
 
इस प्रकार का टेस्ट टाइप-2 डायबिटीज के लिए किया जाता है। जिसमें, मरीज को हर 3 महीने में एक बार ब्लड टेस्ट कराना होता है और उसका एवरेज ब्लड ग्लूकोज लेवल जांचा जाता है। ए1सी टेस्ट में 5 से 10 तक के अंकों में ब्लड में ग्लूकोज का स्तर मापा जाता है। अगर टेस्ट रिपोर्ट में 5.7 से नीचे का आंकड़ा दिखाया जाता है तो वह नॉर्मल होता है। लेकिन अगर किसी का ए1सी लेवल 6.5% से अधिक दिखाई पड़ता है तो ऐसा माना जाता है कि आपको डायबिटीज है। 
 
फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट- 
 
हाई ब्लड शुगर की स्थिति को समझने के लिए यह सबसे आम ब्लड टेस्ट है। इस टेस्ट के लिए व्यक्ति को खाली पेट रहते हुए ब्लड सैम्पल देना पड़ता है। जिसके लिए 10-12 घंटों तक भूखे रहने के लिए कहा जाता है। उसके बाद फास्टिंग प्लाज्मा ग्लूकोज टेस्ट किया जाता है। यह टेस्ट डायबिटीज या प्री डायबिटीज का पता लगाने के लिए किया जाता है।
 
रैंडम ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट- 
 
इस टेस्ट में पीड़ित व्यक्ति के ब्लड सैम्पल की चार बार जांच की जाती है। अगर ब्लड शुगर लेवल दो बार नॉर्मल से ज्यादा पाया जाता है, तो प्रेग्नेंट महिला को जेस्टेशनल डायबिटीज होने की पुष्टि की जाती है।
 
ओरल ग्लूकोज टॉलरेंस टेस्ट- 
 
इस टेस्ट में भी खाली पेट रहते ही ब्लड सैम्पल लिया जाता है। यह टेस्ट करने से दो घंटे पहले मरीज को ग्लूकोज युक्त पेय पदार्थ पीने को कहा जाता है।

 
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