शनिवार, 21 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. सेहत
  3. हेल्थ टिप्स
  4. research azithromycin is not useful in covid treatment
Written By

क्या Covid के इलाज में कारगर नहीं है एजिथ्रोमाइसिन - शोध

क्या Covid  के इलाज में कारगर नहीं है एजिथ्रोमाइसिन - शोध - research azithromycin is not useful in covid treatment
कोविड-19 से बचाव के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। लेकिन जिस तरह वायरस लगातार म्‍यूटेट हो रहा है यह वैज्ञानिकों और डॉक्‍टर्स दोनों के लिए किसी परेशानी से कम हीं है। लेकिन इन दिनों कोविड से बचाव में प्रयोग किए जा रहे हैं वैक्‍सीन अधिकतम कारगर साबित हो रही है। इसमें से कुछ बहुत ज्‍यादा प्रभावी है तो कुछ बहुत कम। कोविड-19 के इलाज के दौरान बचाव के लिए कुछ दवा भी दी गई लेकिन उनके प्रभाव बहुत कम नजर आए या उल्‍टा इफेक्‍ट नजर आया। जिसमें एजिथ्रोमाइसिन भी मौजूद रही है। इस दवा का प्रयोग बैक्टिरियल संक्रमण से बचाव के लिए किया जाता है। लेकिन क्या एजिथ्रोमाइसिन कोविड के इलाज में कारगर नहीं रही....इसे लेकर क्‍या रिसर्च सामने आई है। 
 
रिसर्च में आया सामने 
 
हाल ही में शोध में सामने आया कि कोविड मरीजों को दी जाने वाली दवा खतरनाक संक्रमण में कारगर नहीं है। इसका असर सिर्फ प्‍लेसिबो जितना ही असरदार है। गंभीर अवस्‍था होने पर इसका प्रयोग नहीं किया जा सकता है। जर्नल ऑफ द अमेरिकल एसोसिएशन में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई। उसमें दावा किया गया कि सार्स-कोवि-2 वायरस से संक्रमित मरीजों पर एजिथ्रोमाइसिन का प्रभाव कम नजर आया है। पहला इससे मरीजों के भर्ती होने की दर भी बढ़ गई और यह बहुत अधिक प्रभावशाली कारगर नहीं हुई। 

ICMR के एक अधिकारी ने साल 2020 में इस दवा के प्रयोग करने को लेकर सतर्क किया था। वजह थी दिल संबंधी समस्‍या पैदा हो सकती है। एम्‍स डिपार्टमेंट में नेशनल टास्‍क फोर्स के सदस्‍य डॉ नवनीत विग ने इस बारे में कहा था कि पहले एजि‍थ्रोमाइसिन दिया जाता था लेकिन इसकी जरूरत नहीं लगी। यह दवा केस पर निर्भर करती है। सिर्फ गाइडलाइन के अनुसार ही इसे दिया जा सकता है। शुरूआत में कोविड से बचाव के लिए इस दवा का इस्‍तेमाल किया जा रहा था लेकिन इससे बैक्‍टीरिया संक्रमण का खतरा भी बढ़ सकता था इस‍ वजह से इसे देने के लिए अनुचित नहीं समझा गया। 
 
एजिथ्रोमाइसिन क्‍या है?
 
इस दवा इस्‍तेमाल संक्रमण, टाइफाइड,गर्भावस्‍था के दौरान, कंजक्‍टीवाइटिस के दौरान मुख्‍य रूप से किया जाता है। साथ ही नाक,गला, टॉन्सिल,साइनस,फेफड़ों और बैक्‍टीरियल संक्रमण के दौरान किया जाता है। यह दवा जरूरती प्रोटीनों के संश्‍लेषण को रोक कर जीवाणु के विकास को रोकता है। जिसकी जरूरत जीवाणुओं को जरूरी कार्यों को पूरा करने में होती है। यह दवा अन्‍य वायरस जैसे इबोला और और जीका पर प्रभावी रही है। 
 
पीलिया ग्रसित मरीजों को यह दवा नहीं दी जाती है। साथ ही यह दवा संक्रमण जैसे फ्लू और सर्दी के लिए कारगर नहीं है। 
 
इसके दुष्‍प्रभाव 

पेट दर्द होना, उल्‍टी, उबकाई और दस्‍त है।
 
 
 
ये भी पढ़ें
Covid-19 सर्जिकल मास्‍क का दोबारा किया जा सकता है इस्‍तेमाल, जानिए कैसे करें डिस्‍इनफैक्‍ट