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Written By WD
Last Updated : शुक्रवार, 3 सितम्बर 2021 (13:05 IST)

Expert Advice : कहीं वायरल फीवर और डेंगू पर सवार होकर कोरोना वायरस की तीसरी लहर न आ जाए

Expert Advice : कहीं वायरल फीवर और डेंगू पर सवार होकर कोरोना वायरस की तीसरी लहर न आ जाए - covid-19 third wave may be due to dengue and chikungnya
बरसात के मौसम में बहुत से लोग वायरल फीवर, सर्दी-खांसी, बदन दर्द, ऐंठन, सिरदर्द से परेशान है और इन दिनों सिर्फ शासकीय अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ही ऐसे मरीज नहीं देखे जा रहे हैं बल्कि निजी अस्पतालों में भी बड़ी संख्या में ऐसे मरीज इलाजरत है। वैसे इसके अलावा शहर में डेंगू और मलेरिया का प्रकोप भी छाया हुआ है और डेंगू से प्रभावितों की संख्या भी लगातार बढ़ती जा रही है। इस कारण हमारी इम्युनिटी भी प्रभावित हो रही है। कोरोना वायरस से बचने में कोविड प्रोटोकॉल, वैक्सीन तथा इम्युनिटी ही कारगर साबित हुई है। 

लेकिन डेंगू, मलेरिया और वायरल फीवर के कारण जहां लोग बीमार पड़ने लगे हैं, वहीं अब कोरोना की तीसरी लहर की आशंका भी सताने लगी है। त्यौहारों के चलते बाजारों में उमड़ती भीड़ के कारण कोविड प्रोटोकॉल के उल्लंघन का खतरा बना हुआ है। उप्र, मप्र तथा अन्य राज्यों में डेंगू और वायरल के बढ़ते मरीजों के आंकड़ों ने चिकित्सा विभाग को भी सतर्क कर दिया है। कोविड काल में अन्‍य बीमारियां तेजी से बढ़ रही है, तो तीसरी लहर का डर भी है। ऐेसे में कोविड संक्रमित, कोविड से रिकवर या डेंगू - मलेरिया से पीड़ित मरीजों को कितना 
खतरा है? इसे लेकर वेबदुनिया ने कोविड स्‍पेशलिस्‍ट डॉ रवि दोसी से चर्चा की आइए जानते हैं क्‍या कहा - 
 
* क्या डेंगू या वायरल से कोरोना वायरस म्युटेशन का खतरा है, कहीं कोई नया वेरिएंट न सामने आ जाए?
 
दरअसल, अभी कुछ समय पहले तक सिर्फ कोरोना वायरस ही था लेकिन इसमें भी इंसानों जैसा ही होता है। कुछ समय तक मच्‍छरों की प्रजाति ने अनुमति दी, लेकिन अब ऐसा नहीं कर रहे हैं। अब अलग -अलग वायरस एक साथ आक्रमण कर रहे हैं। देखा जाए तो कोविड भी अब बहुत खराब तरह से आ रहे हैं। ऐसे में भी फिर से कोविड के सभी नियमों का सख्‍ती से पालन करने की जरूरत है। अब देखा जाए तो डेंगू, चिकनगुनिया या स्‍क्रब टाइफस की मरीज भी तेजी से मिल रहे हैं। अब सभी बीमारियां अलग - अलग तरह से हो रही है। 
 
* क्या कोविड रिकवर्ड लोगों को डेंगू या वायरल होने पर री-इंफेक्शन की संभावना है? 
 
हां, री-इंफेक्‍शन होने की संभावना होती है। इसलिए सोशल डिस्‍टेंसिंग, मास्‍क पहने, साफ-सफाई का ध्‍यान रखें, घर के आसपास, कहीं भी पानी जमा नहीं हो, मच्‍छरों का आसपास या घर में जमावड़ा नहीं हो। 
 
* क्या कोविड होने पर डेंगू या वायरल होने की अधिक संभावना है?
 
फिलहाल, इसे लेकर कोई प्रामाणिक डाटा नहीं है। लेकिन वायरल या सर्दी-जुकाम होने पर हल्‍के में नहीं लें। अपने मन से दवा नहीं लें। सही समय पर डॉक्‍टर को दिखाएं।  कई बार डेंगू की जांच कराने में पहली बार में पुष्टि नहीं होती है। लेकिन 2 से 3 दिन बाद फिर से डेंगू की जांच कराएं। कई बार मरीज नहीं करते हैं। जिस वजह से डॉक्‍टर बीमारी को समझ नहीं पाते हैं। जब तक ठीक नहीं हो जाते हैं डॉक्‍टर को दिखाएं और फॉलोअप लेते रहे।  
 
कैसे करें डेंगू, मलेरिया और कोविड में अंतर 
 
समूचे देश में डेंगू, मलेरिया और कोविड के केस लगातार बढ़ रहे हैं। कोविड के बाद ये दो बीमारियों का आक्रमण भी बढ़ गया है। ऐसे में तीनों की पहचान करना भी जरूरी हो गया है। तीनों के लक्षण बहुत हद तक मिलते हुए है लेकिन कुछ लक्षण है जिन्‍हें देखकर डायग्‍नोसिस किया जा सकता है। डेंगू के लक्षण - थकान, बुखार, बदन दर्द होना और बुखार आना। वहीं कोविड-19 में मरीजों के गले में खराश, स्‍वाद नहीं आना, गंध की कमी, सूखी खांसी और सांस लेने में परेशानी होना। डेंगू के लोगों में इस तरह के लक्षण बहुत कम नजर आते हैं। वहीं मलेरिया में तेज ठंड लगकर बुखार आना, उल्‍टी, दस्‍त, पाचन तंत्र ठीक नहीं होना है। लेकिन कोविड-19 में ऐसा शुरूआत लक्षण में नहीं होता है। यह कुछ आम लक्षण है जिन्‍हें जानकर आप समझ सकते हैं। लेकिन पुरी तरह से बीमारी को पकड़ने के लिए डॉक्‍टर के संपर्क में रहना जरूरी। 
 
कोविड के बाद अन्‍य बीमारियां पसार रही पांव 
 
एक तरफ जहां कोविड से बचने का प्रयास किया जा रही है वहीं अब उत्‍तर प्रदेश में डेंगू और स्‍क्रब टाइफस का खौफनाक मंजर सामने आ रहा है। मथुरा, वाराणसी, आगरा सहित अन्‍य छोटे - छोटे गांव और जिलों में लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। डॉक्‍टर से उपलब्‍ध जानकारी के मुताबिक अपने आसपास साफ-सफाई रखें, पानी जमा नहीं होने दें, अलग - अलग तरीकें से मच्‍छरों को भगाएं। 
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