हरिवंश राय बच्चन का रचना-समग्र
साहित्य में ही यह संभव है कि लोगों के लड़खड़ाते कदमों के लिए जिसे कोसा जाता हो, उसमें भी एकता व धार्मिक सौहार्द की भावना ढूँढ ली जाए। कलम का ऐसा जादू हरिवंश राय बच्चन के अलावा और कहाँ देखने को मिलता है। जिन्होंन सरलता और सहजता के साथ जीवन दर्शन को प्रस्तुत किया, गद्य और पद्य दोनों विधाओं पर समान अधिकार के साथ लेखनी चलाई। प्रस्तुत है उनकी रचनाओं का संक्षिप्त परिचय- कविताएँ तेरा हार (1932) मधुशाला (1935) मधुबाला (1936) मधुकलश (1937) निशा निमंत्रण (1938) एकांत संगीत (1939) आकुल अंतर (1943) सतरंगिनी (1945) हलाहल (1946) बंगाल का काव्य (1946) खादी के फूल (1948) सूत की माला (1948) मिलन यामिनी (1950) प्रणय पत्रिका (1955) धार के इधर उधर (1957) आरती और अंगारे (1958) बुद्ध और नाचघर (1958) त्रिभंगिमा (1961) चार खेमे चौंसठ खूंटे (1962) दो चट्टानें (1965) बहुत दिन बीते (1967) कटती प्रतिमाओं की आवाज़ (1968) उभरते प्रतिमानों के रूप (1969) जाल समेटा (1973) विविध बचपन के साथ क्षण भर (1934) खय्याम की मधुशाला (1938) सोपान (1953) मैकबेथ (1957) जनगीता (1958) ओथेलो(1959) उमर खय्याम की रुबाइयाँ (1959) कवियों के सौम्य संत: पंत (1960) आज के लोकप्रिय हिन्दी कवि: सुमित्रानंदन पंत (1960) आधुनिक कवि (1961) नेहरू: राजनैतिक जीवनचित्र (1961) नये पुराने झरोखे (1962) अभिनव सोपान (1964) चौसठ रूसी कविताएँ (1964) डब्लू बी यीट्स एंड औकल्टिज़्म (1968) मरकट द्वीप का स्वर (1968) नागर गीत) (1966) बचपन के लोकप्रिय गीत (1967) हैमलेट (1969) भाषा अपनी भाव पराये (1970) पंत के सौ पत्र (1970) प्रवास की डायरी (1971) 1972)
टूटी छूटी कड़ियाँ(1973) मेरी कविताई की आधी सदी (1981) सोहं हँस (1981) आठवें दशक की प्रतिनिधी श्रेष्ठ कवितायें (1982) मेरी श्रेष्ठ कविताएँ (1984)आत्मकथा / रचनावली क्या भूलूँ क्या याद करूँ (1969) नीड़ का निर्माण फिर(1970) बसेरे से दूर (1977) दशद्वार से सोपान तक (1965) बच्चन रचनावली के नौ खण्ड (1983)