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गुजरात : इतिहास और संस्कृति की समृद्ध परंपरा

गुजरात : इतिहास और संस्कृति की समृद्ध परंपरा - Gujrat profile
महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल और अब नरेन्द्र मोदी जैसे नेता देश को देने वाले गुजरात की इतिहास और संस्कृति की समृद्ध परंपरा रही है। गुजरात का इतिहास साढ़े तीन हजार ईसा पूर्व का माना जाता है, लेकिन वर्तमान गुजरात महाराष्ट्र से अलग होकर 1 मई 1960 को अस्तित्व में आया।
 
गुजरात में विधानसभा की 182 सीटें हैं और 2012 के चुनाव में भाजपा को 115, कांग्रेस को 61 और अन्य के खाते में 6 सीटें आई थीं। राज्य में लोकसभा की 26 सीटें हैं। करीब 14 साल राज्य के मुख्‍यमंत्री रहे नरेन्द्र मोदी आज देश के प्रधानंमत्री हैं। राज्य में पिछले 22 सालों से भाजपा की सरकार है। इससे पहले ज्यादातर समय कांग्रेस की ही सरकार रही।
 
क्षेत्रफल एवं जनसंख्या : गुजरात भारत के पश्चिमी तट पर स्थित है। इसके पश्चिम में अरब सागर, उत्‍तर में पाकिस्‍तान तथा उत्‍तर-पूर्व में राजस्‍थान, दक्षिण-पूर्व में मध्‍य प्रदेश और दक्षिण में महाराष्‍ट्र है। राज्य का क्षेत्रफल 1 लाख 96 हजार 24 वर्ग किलोमीटर है तथा जनसंख्‍या 6 करोड़ से ज्यादा है। राज्य की राजधानी गांधीनगर है और राज्य की मुख्‍य भाषा गुजराती है। हालांकि राज्य में अन्य भाषाएं भी बोली जाती हैं। 
 
इतिहास : कहा जाता है कि ईस्वी पूर्व लगभग 2,000 साल पहले जब भगवान कृष्‍ण मथुरा छोड़कर सौराष्‍ट्र के पश्चिमी तट पर जा बसे, तब इसे द्वारका यानी प्रवेशद्वार कहा गया था। बाद के वर्षों में मौर्य, गुप्‍त, प्रतिहार तथा अन्‍य अनेक राजवंशों ने इस प्रदेश पर राज किया। चालुक्‍य (सोलंकी) राजाओं का शासनकाल गुजरात में प्रगति और समृद्धि का युग माना जाता है। महमूद गजनवी की लूटपाट के बावजूद चालुक्‍य राजाओं ने यहां के लोगों की समृद्धि और भलाई का पूरा ध्‍यान रखा। आजादी से पहले गुजरात का वर्तमान क्षेत्र मुख्‍य रूप से दो भागों में बंटा था- एक ब्रिटिश क्षेत्र और दूसरा देसी रियासतें।
 
संस्कृति : गुजरात की संस्कृति भी देश के अन्य हिस्सों की तरह विविधता लिए हुए है। यहां हिंदू, इस्लाम, जैन, बौद्ध, पारसी आदि धर्मावलंबी रहते हैं। राज्य में पतंगबाजी और नवरात्रि के दौरान डांडिया उत्सव देश-विदेश में काफी लोकप्रिय हैं। यहां  तरह के त्योहार मनाए जाते हैं जिनमें भाद्रपद्र (अगस्‍त-सितंबर) मास के शुक्‍ल पक्ष में चतुर्थी, पंचमी और षष्‍ठी के दिन तरणेतरी गांव में भगवान शिव की स्‍तुति में तरणेतर मेला लगता है। भगवान कृष्‍ण और रुक्‍मणी विवाह के उपलक्ष्‍य में चैत्र (मार्च-अप्रैल) के शुक्‍ल पक्ष की नवमी को पोरबंदर के पास माधवपुर में माधवराय मेला लगता है।
 
उत्‍तरी गुजरात के बानसकांठा जिले में मां अंबा को समर्पित अंबाजी मेला आयोजित किया जाता है। राज्‍य का सबसे बड़ा वार्षिक मेला द्वारका और डाकोर में भगवान कृष्‍ण के जन्‍मदिवस जन्‍माष्‍टमी के अवसर पर आयोजित होता है। इसके अलावा गुजरात में मकर सक्रंति, नवरत्रि, डांगी दरबार, शामलाजी मेले तथा भावनाथ मेले का भी आयोजन किया जाता है।
 
कृषि और उद्योग : गुजरात कपास, तंबाकू और मूंगफली का उत्‍पादन करने वाला देश का प्रमुख राज्‍य है तथा यह कपड़ा, तेल और साबुन जैसे महत्‍वपूर्ण उद्योगों के लिए कच्‍चा माल उपलब्‍ध कराता है। यहां की अन्‍य महत्‍वपूर्ण नकदी फसलें हैं- ईसबगोल, धान, गेहूं और बाजरा। गुजरात में वनों में उपलब्‍ध वृक्षों की जातियां हैं- सागौन, खैर, हलदरियो, सादाद और बांस।
 
यहां रसायन, पेट्रो-रसायन, उर्वर‍क, इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्‍स आदि उद्योगों का विकास हो रहा है। इसके साथ ही, अनिवासी भारतीयों की मदद से नए-नए उद्योगों का काम तेजी से चल रहा है। राज्‍य में भूतलीय जल तथा भूमिगत जल द्वारा कुल सिंचाई क्षमता 64.88 लाख हेक्‍टेयर आंकी गई है जिसमें सरदार सरोवर (नर्मदा) परियोजना की 17.92 लाख हेक्‍टेयर क्षमता है।
 
परिवहन : राज्य सड़क परिवहन की दृष्टि से कापी विकसित है और राज्य में 2007-08 के अंत तक सड़कों की कुल लंबाई (गैर योजना, सामुदायिक, शहरी और परियोजना सड़कों के अलावा) लगभग 74 हजार 112 किलोमीटर थी। राज्‍य के अहमदाबाद स्थित मुख्‍य हवाई अड्डे से मुंबई, दिल्‍ली और अन्‍य शहरों के लिए दैनिक विमान सेवा उपलब्‍ध है। अहमदाबाद हवाई अड्डे को अंतरराष्‍ट्रीय हवाई अड्डे का दर्जा मिला है। अन्‍य घरेलू हवाई अड्डे वड़ोदरा, भावनगर, भुज, सूरत, जामनगर और राजकोट में हैं। रेल का भी यहां अच्छा-खासा नेटवर्क है। 
 
समुद्री सीमा से लगे गुजरात में कुल 41 बंदरगाह हैं। कांडला राज्‍य का प्रमुख बंदरगाह है। वर्ष 2009-10 के दौरान गुजरात के मंझोले और छोटे बंदरगाहों से कुल 2055.40 लाख टन माल ढोया गया, जबकि कांडला बंदरगाह से 795 लाख टन माल ढ़ोया गया। वर्तमान यह आंकड़ा और अधिक है। 
 
पर्यटन स्‍थल : राज्‍य में द्वारका, सोमनाथ, पालीताना, पावागढ़, अंबाजी, भद्रेश्‍वर, शामलाजी, तरंगा, गिरनार जैसे धार्मिक स्‍थलों के अलावा महात्‍मा गांधी की जन्‍मभूमि पोरबंदर तथा पुरातत्‍व और वास्‍तुकला की दृष्टि से उल्‍लेखनीय पाटन, सिद्धपुर, घुरनली, दभाई, वड़नगर, मोधेरा, लोथल और अहमदाबाद जैसे स्‍थान भी है। अहमदपुर मांडवी, चोरवाड़, और तीथल के सुंदर तट, सतपुड़ा पर्वतीय स्‍थल, गिर वनों में शेरों का अभयारण्‍य और कच्‍छ में जंगली गधों का अभयारण्‍य भी पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है।
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