एकता कपूर: सफलता की ग्यारंटी वाला नाम
वेबदुनिया डेस्क
बालाजी टेलीफिल्म की हेड एकता कपूर। अपने जमाने के सुपर स्टार जितेंद्र की बेटी एकता ने उस समय छोटे पर्दे का रुख किया, जब लोग टीवी के लिए काम करना कमतर समझते थे। बालाजी टेलीफिल्म की स्थापना से न केवल एकता ने टीवी कंटेट बदला बल्कि कई ऐसे कलाकारों को काम और पहचान दी, जो बड़े पर्दे का संघर्ष सह न पाए। बालाजी टेलीफिल्म ने भारतीय टेलीविजन के लिए घरेलू कंटेट पर आधारित ऐसे सीरियल बनाए, जिन्होंने टेलीविजन का नक्शा ही बदल दिया। एकता के प्रोडक्शन हाउस ने न केवल टीवी ट्रेंड को बदला बल्कि नए कलाकारों को अपनी पहचान साबित करने का मौका दिया।इसके साथ ही टीवी कंटेट को इस कदर प्रभावशाली बनाया कि एकता के सीरियल डाइनिंग टेबल पर डिस्कस किए जाने लगे।। एकता कपूर ने ही टीवी के स्वरूप को बदला और आज आलम यह है कि हर बड़ा कलाकार टीवी पर आने की तमन्ना रखता है।एकता का जन्म 7 जून, 1975 को मुंबई मे हुआ। उनकी मां शोभा कपूर और भाई तुषार कपूर हैं। एकता ने पिता की सहमति से टीवी प्रोडक्शन हाउस खोला और सबसे पहले दूरदर्शन के लिए कार्यक्रम बनाए। 1994 में बालाजी टेलिफिल्म्स की स्थापना के बाद, 1995 से ही एकता टीवी की दुनिया में सक्रिय हो गईं और कई लोकप्रिय और कामयाब धारावाहिकों का निर्माण किया।एकता ने ''हम पांच'', ''क्योंकि सास भी कभी बहू थी'', ''कहानी घर-घर की'', ''कसौटी जिंदगी की'', ''कहीं किसी रोज'', ''कुसुम'', ''कुटुंब'', ''कहीं तो होगा'', ''कसम से'', ''बंदनी'', ''पवित्र रिश्ता'', ''प्यार की एक कहानी, ''कितनी मोहब्बत है'', ''किस देश में है मेरा दिल'' और ''करम अपना-अपना'' जैसी घर-घर में देखी जाने वाली लोकप्रिय सीरियलों को घर घर पहुंचाने का श्रेय एकता को जाता है। बालाजी टेलीफिल्म्स द्वारा निर्मित ''क्योंकि सास भी कभी बहू थी'' एकता कपूर के के लिए पहली बड़ी सफलता लाया। इस सारियल ने लगातार नौ सालों तक छोटे पर्दे पर राज किया। जिस जमाने में केबल टीवी सभी जगह उपलब्ध नहीं था, उस समय भी एकता और उनके निर्मित सीरियलों ने अपनी धाक जमा रखी थी। आज भी उनके बनाए सीरियल ''बड़े अच्छे लगते हैं'' व ''कुछ तो लोग कहेंगे'' दर्शकों की पसंद हैं।एकता की खासियत है कि वे लगातार प्रयोग करती रहती हैं और इसी वजह से दर्शक उनके सीरयिलों से जुड़ाव महसूस करता है। छोटे पर्दे पर कब्जा जमाने के बाद एकता ने फिल्म निर्माण में भी कामयाबी हासिल की। एकते के बैनर ने 'वंस अपॉन ए टाइम इन मुंबई', 'शूट ऑउट एट लोखंडवाला' 'लव सेक्स और धोखा' और 'रागिनी एमएमएस', जैसा सफल फिल्मों का निर्माण किया है और हाल ही में एक फिल्म 'द डर्टी पिक्चर' बनाकर बॉलीवुड में नई शैली स्थापित करने की कोशिश की है।