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जानिए 7 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है सशस्त्र सेना झंडा दिवस

जानिए 7 दिसंबर को क्यों मनाया जाता है सशस्त्र सेना झंडा दिवस - Why do celebrate Flag Day
Armed Forces Flag Day: वर्ष 2023 में भारतभर में सशस्त्र सेना झंडा दिवस गुरुवार को मनाया जा रहा है। हर साल सशस्त्र सेना झंडा दिवस यानी आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे 7 दिसंबर को मनाया जाता है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की रक्षा समिति ने युद्ध दिग्गजों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए 7 दिसंबर की यह तारीख तय की थी। इस दिवस को मनाने की शुरुआत सन् 1949 से हुई।
 
सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाने के मुख्य 3 उद्देश्य है। पहला- युद्ध के समय हुए नुकसान में मदद। दूसरा- सेना में काम कर रहे सैनिकों और उनके परिवार के लिए मदद। तीसरा- सेवानिवृत्त सैनिक और उनके परिवार की मदद करना। 
 
यह दिवस आपको बहुत बड़ा मौका उन देश के हीरों की सेवा करने के लिए देता है, जो हर रोज आपकी रक्षा करते हैं ताकि आप सुरक्षित रहे। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य है भारतीय सेना के कर्मियों के कल्याण के लिए फंड जुटाना उनकी और उनके परिवार के लिए सहयोग प्रदान करना है। देशभर में एकत्रित धन के बदले लाल, नीले और हल्के नीले रंग के झंडे दिए जाते हैं। ये तीनों रंग भारतीय सेना, नौसेना और वायुसेना का प्रतीक होते हैं।
 
यह दिवस सभी देश के नागरिकों के लिए वो अवसर होता है जो सीमा पर मुश्किल हालातों में लड़ रहे भारतीय जवानों, वायु सेना और नौसेना का संबल बढ़ा सकें। 24 घंटे अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात रहने वाले वीर जाबांज दुश्मन से मोर्चा लेने में कोई दिव्यांग हो जाते हैं, तो कोई गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाते हैं। इस तरह मदद के लिए इस फ्लैग डे पर धनराशि जुटाई जाती है।
 
करीबन 60 हजार सैनिक प्रतिवर्ष रिटायर होते हैं। इन वीर जवानों को आर्थिक मदद के लिए झंडा दिवस पर धनराशि एकत्रित कर सहयोग किया जाता है। इसलिए हर साल सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है। इस दिन इंडियन आर्मी, एयर फोर्स और नेवी द्वारा अलग-अलग कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन एकत्रित किए हुए धन को ‘आर्म्ड फोर्सेज फ्लैग डे' फंड में डाल दिया जाता है। यह दिवस देश की सेना के प्रति सम्मान प्रकट करने का दिन है।
 
देश की आजादी के बाद सरकार को लगा सीमा पर तैनात सैनिकों के परिवार वालों की आवश्यकताओं का ख्याल रखने की अधिक आवश्यकता है, इसलिए 7 दिसंबर, 1949 को झंडा दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया गया था, जो आज भी जारी है। इसीलिए यह उन जांबाज सैनिकों के प्रति एकजुटता दिखाने का दिन, जो देश की तरफ आंख उठाकर देखने वालों से लोहा लेते हुए शहीद हो गए। सेना में रहकर जिन्होंने न केवल हमारी सीमाओं की रक्षा की, बल्कि आतंकवादियों एवं उग्रवादी से मुकाबला कर शांति स्थापित करने में अपनी जान न्यौछावर कर दी। अत: हर साल 7 दिसंबर को सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है। 
 
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