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World Television Day: विश्व टेलीविजन दिवस 2023 की थीम और इतिहास

World Television Day
World Television Day 2023 : हर साल 21 नवंबर को विश्व टेलीविजन दिवस (World Television Day) मनाया जाता है। इस दिवस की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 नवंबर 1996 में की थी। टेलीविजन के ज़रिए हमारे निर्णयों और विचारों को शिक्षित, सूचित, मनोरंजन और प्रभावित होते हैं।

आज के समय में लगभग हर घरों में टीवी मौजूद होती हैं। साथ ही आज की जनरेशन के कई बच्चों का बच्चपन टीवी के साथ ही गुज़रा है। पड़ोसी की टीवी से लेकर घर में सेटअप की सुविधा तक हर घरों में टीवी की कई कहानियां हैं। आप टीवी तो ज़रूर देखते होंगे लेकिन आज हम आपको विश्व टेलीविजन दिवस का इतिहास..
 
विश्व टेलीविजन दिवस का इतिहास | World Television Day History
साल 1927 में, फिलो टेलर फ़ार्नस्वर्थ नाम के एक 21 वर्षीय आविष्कारक ने दुनिया के पहले इलेक्ट्रॉनिक टेलीविजन का आविष्कार किया था। वह 14 वर्ष की आयु तक बिना बिजली वाले घर में रहे। हाई स्कूल में उन्होंने एक ऐसी प्रणाली के बारे में सोचना शुरू किया जो चलती तस्वीरों को कैप्चर कर सके, उन्हें एक कोड में बदल सके और उन छवियों को रेडियो तरंगों के साथ विभिन्न उपकरणों में स्थानांतरित कर सके। 
 
फ़ार्नस्वर्थ ने बाद में अपने टेलीविजन का उपयोग करके एक डॉलर चिह्न की छवि को प्रसिद्ध रूप से प्रसारित किया जब एक साथी आविष्कारक ने पूछा 'हम इस चीज से डॉलर कब देखेंगे?' उनमें से किसी को भी नहीं पता था कि टेलीविजन वैश्विक सूचना के प्रसार को बढ़ावा देने वाले अंतर्राष्ट्रीय दिवस का प्रतीक बन जाएगा।
World Television Day
1996 में 21 और 22 नवंबर को संयुक्त राष्ट्र ने पहला विश्व टेलीविजन फोरम आयोजित किया। यहां, प्रमुख मीडिया हस्तियों ने तेजी से बदलती दुनिया में टेलीविजन के बढ़ते महत्व पर चर्चा की और विचार किया कि वे अपने आपसी सहयोग को कैसे बढ़ा सकते हैं। 
 
क्या है विश्व टेलीविजन दिवस की थीम? | World Television Day Theme 2023
इस साल वर्ल्ड टेलीविज़न डे 2023 की थीम 'Accessibility' यानी 'पहुंच' निर्धारित किया गया है। इस थीम के ज़रिए ज्यादा से ज्यादा लोगों तक टीवी की पहुंच बढ़ाना हैं ताकि कई लोगों को सूचना और मनोरंजन का अधिकार मिले। भारत के अलावा दुनिया में ऐसी कई जगह हैं जहां आज भी टीवी की व्यवस्था नहीं है। इसलिए आज के समय में टीवी की पहुंच को बढ़ाना ज़रूरी है ताकि लोग दुनिया को बेहतर तरीके से समझ पाएं।