शुक्रवार, 26 अप्रैल 2024
  • Webdunia Deals
  1. लाइफ स्‍टाइल
  2. नन्ही दुनिया
  3. क्या तुम जानते हो?
  4. why celebrate constitution day on 26th November
Written By

26 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है 'संविधान दिवस'

26 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है 'संविधान दिवस' - why celebrate constitution day on 26th November
हर साल 26 नवंबर को संविधान दिवस मनाया जाता है। जिसे बनाने में अहम भूमिका डॉ. भीम राव अंबेडकर की हैं। जिन्होंने संविधान को आम सहमति से बनाया है बजाए के बहुमत के। डॉ भीमराव अंबेडकर के अलावा जवाहर  लाल नेहरू, डॉ राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्‍लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद की अहम भूमिका रही। विश्व का सबसे बड़ा संविधान लिखने के पहले डॉ भीमराव अंबेडकर जी ने गहराई से अध्ययन किया था। इसके बाद 10 देशों से अलग-अलग नियम और प्रक्रिया को लिया। इस तरह करीब 1 लाख 40 हजार शब्दों से भारत का संविधान तैयार किया गया। हालांकि एक सवाल आज भी कई लोगों के जहन में उठता है कि क्‍या 26 नवंबर को ही संविधान दिवस मनाया जाता है जब 26 जनवरी को मनाया जाता है। आइए जानते हैं ऐसा क्यों होता है?

दरअसल,  2 साल 11 महीने और 18 दिन में तैयार किए गए संविधान दिवस को 26 नवंबर 1949 को ही विधिवत तरीके से अपनाया गया था। और 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया था। भारत के प्रत्येक नागरिक को संविधान के बारे में पता होना चाहिए। इसके बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से फैसला लिया गया। 19 नवंबर 2015 के दिन सामाजिक  न्‍याय मंत्रालय द्वारा यह फैसला लिया गया कि 26 नवंबर को भारत सरकार संविधान दिवस के रूप में मनाए जाने की परंपरा शुरू की जाएगी और इसके बाद से हर साल संविधान दिवस मनाया जाता है।

इस संविधान को बनाना इसलिए जरूरी था क्‍योंकि करीब 200 साल बाद अंग्रेजों के हुकूमत का कार्यकाल खत्म हुआ। इसके बाद देश को ऐसा नियम, कानूनों की जरूरत थी ताकि देश में रहने वाले लोग, विभिन्न धर्मों के बीच एक समानता और एकता मिल सके। ताकि देश में रहने वाले भिन्‍न-भिन्‍न लोगों को समाज, आयु, वर्ग बिना किसी भेदभाव के समानता के अधिकार के साथ रह सकें। 

विश्व का सबसे लंबा संविधान यूके, अमेरिका, जर्मनी, आयरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और जापान से लिया गया है। जिसमें देश के राष्ट्रपति से लेकर आम जन तक के सभी मौलिक अधिकारों, कर्तव्यों, प्रधानमंत्री और राज्यपाल और सीएम के  शक्तियों का वर्णन है। 
 
 
ये भी पढ़ें
Indore Literature Festival 2021 - शिव और कबीर के नाम से हुआ इंदौर लिट् फेस्ट का श्री गणेश