1 दिसंबर को बंद हो जाएँगे ढाई करोड़ मोबाइल हैंडसेट
चीनी मोबाइल फोन पर रोक के लिए डॉट के आदेश का होगा असर
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धीरज कनोजियानई दिल्ली। अगर दूरसंचार विभाग के एक दिसंबर से बिना आईएमईआई नंबर वाले मोबाइल हैंडसेटों पर रोक के आदेश पर पूरी तरह से अमल हुआ तो देशभर में ढाई करोड़ मोबाइल हैंडसेट हमेशा के लिए बंद हो जाएँगे। दूरसंचार विभाग के आदेश के चलते न सिर्फ चीनी हैंडसेट वाले ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा बल्कि लगभग 300 करोड़ के नकली मोबाइल बाजार (ग्रे मार्केट) को भी धक्का लगेगा। इस आदेश से भले ही ग्राहकों और ग्रे मार्केट पर असर प़ड़े लेकिन मोबाइल फोन उद्योग से जु़ड़े संगठन इसका स्वागत करते हैं। उनका मानना है कि विभाग का आदेश अगर काफी पहले लागू हो जाता तो चीनी मोबाइल हैंडसेटों की संख्या करो़ड़ों पर नहीं पहुँचती। इंडियन सेल्यूलर संघ के अध्यक्ष पंकज महेंद्रू का कहना है कि सुरक्षा के लिहाज से देश में दूरसंचार क्षेत्र में अब तक का यह सबसे ब़ड़ा और महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने कहा कि हमारे संघ ने ही विभाग से बिना आईएमईआई नंबर वाले हैंडसेटों पर रोक लगाने की गुजारिश की थी। संघ और दूरसंचार विभाग की ओर से अखबारों में इस बारे में विज्ञापन भी दिए गए। लोगों को बताया गया है कि बिना आईएमईआई नंबर वाले मोबाइल हैंडसेटों का इस्तेमाल करना उनके और देश के लिए कितना खतरनाक है। कई विज्ञापनों में नकली और असली के अंतर को भी बताकर ग्राहकों को जागरूक किया गया है लेकिन अब भी करोड़ों लोग ऐसे हैंडसेट का इस्तेमाल कर रहे हैं। अभी ग्रे मार्केट में फर्जी आईएमईआई नंबर वाले तीन तरह के मोबाइल हैंडसेट उपलब्ध हैं। पहले वे हैंडसेट हैं, जिसमें यह नंबर ही नहीं है। दूसरा कुछ शून्य शून्य के रूप में है। तीसरा ऐसे नंबर हैं, जो किसी वैध आईएमईआई नंबर वाले हैंडसेट से चुराए गए हैं। बड़ी मोबाइल कंपनियाँ जहाँ इस पहल का स्वागत कर रही है। वहीं ग्रे मार्केट से जु़ड़े लोग इसे बड़ी कंपनियों की उनके कारोबार के खिलाफ साजिश करार दे रहे हैं।