Chhangur Baba : धर्मांतरण गैंग की शिकार मेरठ की आशा नेगी की कहानी, पढ़िए छांगुर बाबा के राइटहैंड बदर सिद्दीकी ने कैसे फंसाया जाल में
छांगुर बाबा धर्मांतरण प्रकरण में एक और बड़ा मोड़ सामने आया है। मेरठ की रहने वाली आशा नेगी, जो बीते कई वर्षों से लापता हैं, इससे पहले प्रिया के परिजनों ने भी बदर पर अपनी बेटी को गायब करने का आरोप लगाया है। आशा और प्रिया अब इस पूरे कथित धर्मांतरण नेटवर्क से जुड़ी पाई जा रही हैं। आशा के परिजनों ने इस मामले में चौंकाने वाले आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि आशा का संपर्क बदर अख्तर सिद्दीकी से था, जो छांगुर बाबा का करीबी और उसका 'राइट हैंड' बताया जा रहा है।
परिजनों के अनुसार, आशा नेगी 2009-10 में मेरठ के एक कॉल सेंटर में कार्यरत थीं, वहीं उनकी मुलाकात बदर सिद्दीकी से हुई थी। बाद में उन्होंने 2012 में मेरठ के एक निजी विश्वविद्यालय के मीडिया हाउस में नौकरी की और फिर 2015 में नोएडा के एक क्राइम चैनल में एचआर पद पर नियुक्त हुई। इसी दौरान वह एक बार फिर से बदर के संपर्क में आई, जो उस वक्त नोएडा के एक जिम में ट्रेनर था। दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और वह नोएडा के सेक्टर 62 में साथ रहने लगे।
आशा ने जून 2018 में अपने भाई को फोन कर बताया था कि उसकी जान को खतरा है। उसने भाई आरोप लगाया था कि बदर ने उसका धर्मांतरण करवा दिया है और अब वह किसी अन्य लड़की के साथ रह रहा है, यह लड़की भी मेरठ से जुड़ी हुई थी, आशा ने बदर के इन संबंधों का विरोध किया तो वह मारपीट करता है। आशा ने अपनी चोटिल हालत की तस्वीरें भी परिजनों को भेजी थीं। परिवार उसे वापस लाना चाहता था, लेकिन बदर ने आशा को वापस घर नहीं आने दिया।
आशा के भाई ने मीडिया को बताया कि बहन के क्रेडिट कार्ड से 65 हजार रुपए में मोबाइल और एक एलईडी खरीदारी गई थी। क्रेडिट कार्ड की रकम बदर ने अदा नहीं की। 65 हजार रुपए वापस लेने के लिए कुछ लोग घर आए। उन्होंने खरीदारी के समय का एक फोटो भी दिखाया तो पता चला कि बदर अख्तर के साथ आशा नहीं बल्कि दूसरी युवती थी, जो आशा की तरह बदर के चंगुल में फंस चुकी थी।
परिजनों का आरोप है कि बदर के संबंध न्यायिक सेवा में कार्यरत उसके जीजा से हैं, जिसके चलते पुलिस ने मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। मेरठ पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से यह कहकर इनकार कर दिया कि मामला नोएडा का है, जिससे परिवार डरकर चुप बैठ गया।
हालांकि छांगुर बाबा केस की जांच के दौरान जब बदर सिद्दीकी का नाम सामने आया और यह बात उजागर हुई कि वह छांगुर का राइट हैंड है तो आशा के परिवार को फिर से उम्मीद की किरण नजर आई है। हालांकि परिवार ने आशा के साथ अनहोनी की आशंका भी जाहिर की है।
बदर पर आरोप है कि वह मेरठ और नोएडा में एक सुनियोजित तरीके से हिन्दू लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर उनका धर्मांतरण करवाता था और उन्हें खाड़ी देशों में भेजने की साजिश का हिस्सा था। आशा के भाई ने कहा कि बदर जैसे लोग लड़कियों को 'चॉकलेटी बॉय' की छवि दिखाकर फंसाते थे और फिर उनका शोषण करते थे।
अब परिवार चाहता है कि मामले की गहन जांच हो और आशा नेगी का पता लगाया जाए। एडीजी जोन भानु भास्कर ने मीडिया को बताया है कि छांगुर गैंग की इंवेस्टिगेशन लखनऊ मुख्यालय से एटीएस कर रही है। जो भी मामला सामने आ रहा है जांच उपरांत सभी जानकारी एटीएस को भेज देंगे। उम्मीद है कि जल्द ही इस मामले में सच्चाई सामने आएगी और दोषियों पर कार्रवाई होगी। Edited by : Sudhir Sharma