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Written By अनिरुद्ध जोशी

छत्तीसगढ़ के 10 बेस्ट टूरिज्म स्पॉट

Chhattisgarh Tourism | छत्तीसगढ़ के 10 बेस्ट टूरिज्म स्पॉट
छत्तीसगढ़ भारत का मध्य राज्य है जो मध्यप्रदेश से अलग होकर बना है। छत्तीसगढ़ में देखने लायक सैकड़ों टूरिज्म स्पॉट है। आओ जानते हैं यहां के 10 बेहतरीन पर्यटन स्थल जहां पर आपको जरूर घूमने जाना चाहिए।
 
 
1. इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान : इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान भारत के छत्तीसगढ़ राज्य के दंतेवाड़ा जिले में स्थित है। यह दुर्लभ जंगली भैंसे की अंतिम आबादी वाली जगहों में से एक है। इसका कुल क्षेत्रफल 2799.08 वर्ग किलोमीटर है। यह राष्ट्रीय उद्यान छत्तीसगढ़ राज्‍य का एकमात्र 'टाइगर रिजर्व' है। इंद्रावती नदी के किनारे बसे होने के कारण इसका नाम इंद्रावती राष्ट्रीय उद्यान है। इंद्रावती को 1981 में 'राष्ट्रीय उद्यान' का दर्जा प्राप्त हुआ और 1983 में भारत की प्रसिद्ध 'प्रोजेक्‍ट टाइगर नामक योजना' के तहत टाइगर रिजर्व घोषित किया गया। यहा प्रमुख रूप से जंगली भैंसे, बारहसिंगा, बाघ, चीते, नीलगाय, सांभर, जंगली कुत्ते, जंगली सूअर, उड़ने वाली गिलहरियां, साही, बंदर और लंगूर आदि अन्य अनेक जीव-जंतु पाए जाते हैं।
 
वैसे छत्तीसगढ़ में जंगलों की भरमार है यहां का अचानकमार टाइगर रिजर्व, कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, बर्नवापारा वन्यजीव अभयारण्य, तमोरपिंगला आदि कई जंगल देखने लायक है जहां आपका सामना सैंकड़ों जंगली जानवारों लाखों पक्षियों से होगा। 
 
2. चित्रकूट झरना : छत्तीसगढ़ में बस्तर संभाग के चित्रकूट में भी बहुत ऊंचाई से झरना गिरता है। जगदलपुर से 39 किमी दूर इन्द्रावती नदी पर यह जलप्रपात बनता है। इस जल प्रपात की ऊंचाई 100 फीट है। हालांकि इस झरने की चौड़ाई ज्यादा है। यहां कई ऊंची पहाड़ियां और घाटियों के नजारे आपके मन को मोह लेंगे। 
 
3. कैलाश और कोटुसमर गुफा : माना जाता है कि कैलाश और कोटुसमर की गुफाएं भारत की सबसे लंबी गुफाओं में शामिल हैं। 1993 में खोजी गई गुफा 100 मीटर के क्षेत्र तक फैली हुई है। बहुत अंदर तक जाने के बाद यहां ऑक्सीजन का प्रवाह समाप्त हो जाता है। घने जंगलों के बीच यह 2 किलोमीटर गहरी गुफा आश्चर्यजनक रूप से विशाल दिखाई देती है। यहां पर ताली बजाने से खोखले दीवारों से हिलती हुई संगीतमय आवाज़ निकलती है। गुफा तीरथगढ़ झरने के पास और जगदलपुर से लगभग 40 किलोमीटर दूर स्थित है।
 
4. चिरमिरी : यह छत्तीसगढ़ का बेहद ही खूबसूरत हिल स्टेशन है। कोरिया जिले में स्थित चिरिमिरी या चिरमिरी को 'छत्तीसगढ़ का स्वर्ग' कहा जाता है। यहां पर हरे-भरे पेड़, पहाड़, मंदिर और नदियां इसे बहुत ही शानदार स्थल बनाती है। प्रकृति प्रेमियों के लिए यह बहुत ही सुकून का घर है। चिरमिरी रेल और सड़क के माध्यम से प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। 
5. धमतरी : धमतरी महानदी और उसकी सहायक नदियों के किनारे स्थित है। यहां धान की खेती आम है। धरमतरी एक महत्वपूर्ण पर्यटन शहर है, जो अपने प्राचीन मंदिरों के लिए भी जाना जाता है। मानसून में रविशंकर वॉटर डैम की यात्रा के करना बहुत ही सुंदर है। यह क्षेत्र लोक संस्कृति और वन्यजीव अभयारण्य के लिए भी प्रसिद्ध है। इस जिले ने आज भी आदिवासी इतिहास, संगीत, व्यंजन और नृत्य जैसे विभिन्न पारंपरिक कला रूपों को अपने में से समेटा रखा है।
 
6. तीरथगढ़ वॉटरफॉल : बस्तर जिले में जगदलपुर से लगभग 38 किमी दूर कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान में कांगेर नदी की सहायक नदी मुनगा और बहार नदी में यह झरना स्थित है जो लगभग 300 फीट ऊंचाई से नीचे गिरता है। इस झरने के पास ही शिव जी और पार्वती माता को समर्पित एक मंदिर है। यहां की प्रकृति को देखना बहुत ही मनमोहक है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में तातापानी, रक्‍सगंडा आदि कई जलप्रपात हैं।
 
7. मैनपाट : इसे अंडरग्राउंड हिल स्टेशन कहा जात है। हालांकि यहां पर बहुत कम ही पर्यटक आते हैं। इसे छत्तीसगढ का शिमला और मिनी तिब्बत भी कहा जाता है। मिनी तिब्बत इसलिए कि तिब्बत पर चीनी आक्रमण के बाद तिब्बत शरणार्थियों ने यहां शरण ली थी। यहां संस्कृतियों और विविध परंपराओं का संगम देखने को मिलता है। भागदौड़ भरे जीवन से दूर होकर कुछ दिन सुकून पाने वाले पर्यटकों के लिए यह जगह किसी स्वर्ग से कम नहीं है।
 
8. मंडकु द्वीप : छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में शिवनाथ के मौन नदी के पास स्थित एक सुंदर मेंढ़क की आकृति का द्वीप है जिले मंडकु द्वीप कहते हैं। इस द्वीप की सुंदरता मंत्रमुग्ध करने वाली क्योंकि यह सुरम्य मडकू द्वीप करीब 24 हेक्टेयर में फैला हुआ है जहां भरपूर हरियाली है। यह द्वीप प्राचीन मंदिरों के लिए भी प्रसिद्ध है। मडकु द्वीप को केदार तीर्थ और हरिहरक्षेत्र केदार दवेप के नाम से भी जाना जाता है।
 
9. ढोलकल गणेश : यह स्थान जिला दंतेवाड़ा से करीब 18 किलोमीटर दूर फरसपाल गांव के पास बैलाडिला पहाड़ी में पर स्थित है। लगभग 3000 फीट की ऊंचाई पर स्थित है यहां पर गणेशजी की एक विशालकाय और प्राचीन मूर्ति रखी हुई है। यह रहस्य अभी तक बरकरार है कि यह मूर्ति यहीं पर बनाई थी या कि उसे नीचे से लाकर ऊपर रखा गया और यहां जगलों के बीच इतनी ऊंची पहाड़ी पर क्यों रखा गया?
 
लोगों का मानना है कि यह मूर्ति लगभग 1000 वर्ष से भी अधिक प्राचीन है और माना जाता है कि इस मूर्ति को 9वीं और 11वीं शताब्दी के बीच नागवंशी शासकों के शासनकाल के दौरान बनाई गई थी। यदि आप अपने सफर में रोमांच, ट्रैकिंग पसंद करते हैं तो यह छत्तीसगढ़ का यह पर्यटन स्थल आपके लिए बेस्ट डेस्टिनेशन है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको बैलाडीला के जंगलों में ट्रैकिंग करना पड़ेगी और ऊंची पहाड़ी पर चढ़ान भी होगा।
 
10. मरेरगढ़ : कोरिया जिले में ही मरेरगढ़ भी घूमने लायक है। यहां पर प्राचीन किला, मंदिर, हिल स्‍टेशन और कई ऐतिहासिक और पुरातत्विक स्थान हैं।