तांसा वन्यजीव अभयारण्य में दिखा रानपिंगला
उल्लू की लुप्तप्राय प्रजाति रानपिंगला को हाल में पश्चिमी घाट में देखा गया है जिसे अब तक सतपुड़ा पर्वतीय क्षेत्र का ही मूल निवासी माना जाता था।
बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी (बीएनएचएस) इंडिया के संचार प्रबंधक अतुल साठे ने कहा कि विलुप्तप्राय पक्षी को हाल में महाराष्ट्र के पालघर जिले में स्थित तांसा वन्यजीव अभयारण्य में देखा गया। तांसा को बीएनएचएस के पूर्व के अध्ययनों के आधार पर एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र (आईबीए) करार दिया गया था।
उन्होंने कहा कि खोज महत्वपूर्ण है तथा उत्तर-पश्चिमी घाट के शुष्क क्षेत्र में ऐसे ही अन्य आवासों में इसकी मौजूदगी का पता लगाने के लिए और अध्ययनों की आवश्यकता है।
जब आमतौर पर हर जगह तथा खासकर पश्चिमी घाट में जंगल नष्ट हो रहे हैं या कम हो रहे हैं तो ऐसे में रानपिंगला या हेटेरोग्लाउक्स ब्लेविट्टी (वैज्ञानिक नाम) की खोज ने जैवविविधिता के लिए एक नई उम्मीद जगा दी है।
इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर (आईयूसीएन) की रेड लिस्ट में इसे लुप्तप्राय प्रजाति बताया गया है।
इस साल अक्टूबर में बीएनएचएस के पूर्व कर्मी और प्रकृतिविद सुनील लाड ने अपने साथियों के साथ रानपिंगला को देखा था, जो सुबह के समय एक सूखे पेड़ पर बैठा था। यह पक्षी आम उल्लू (वैज्ञानिक नाम-एथने ब्रामा) से बिलकुल भिन्न था।
इसके बाद की यात्राओं में इस स्थल से 7 किलोमीटर दूर भी रानपिंगला की आवाज सुनी गई थी।