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Last Updated : मंगलवार, 29 दिसंबर 2020 (19:39 IST)

किसान आंदोलन की आड़ में दूरसंचार टावरों में तोड़फोड़ की COAI ने की कड़ी निंदा

किसान आंदोलन की आड़ में दूरसंचार टावरों में तोड़फोड़ की COAI ने की कड़ी निंदा - Sabotaging telecom infra, disrupting services as form of protest strongly condemned: COAI
नई दिल्ली। केंद्र सरकार के 3 कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसान आंदोलन में विशेषकर पंजाब में दूरसंचार टावऱों में बड़ी संख्या में तोड़फोड़ की सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने मंगलवार को कड़ी निंदा करते हुए कहा इससे राज्य में संपर्क सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं। किसान आंदोलन के दौरान पंजाब में विशेष रूप से मुकेश अंबानी की रिलायंस जियो के टावरों में तोड़फोड़ की गई है।
सीओएआई के महानिदेशक एसपी कोचर ने आज बयान जारी कर  दूरसंचार सेवाओं को लाखों लोगों के जीवनयापन की 'जीवनरेखा' बताते हुए कहा कि दूरसंचार टावरों में तोड़फोड़ से सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हुई हैं और लोगों को इसकी वजह से खासी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
 
सीओएआई ने बयान में कहा कि हम किसी भी मुद्दे पर लोगों के अधिकार का पूरा सम्मान करते हैं किंतु आंदोलन की आड़ में दूरसंचार नेटवर्क के बुनियादी ढांचे में तोड़फोड़ और विरोध के रूप में दूरसंचार सेवाओं को बाधित करने की कड़ी निंदा करते हैं।
 
सीओआईए के सदस्यों में मुख्यरूप से रिलायंस जियो, वोडाफोन आइडिया और भारती एयरटेल शामिल हैं।
 पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदरसिंह की अपील और चेतावनी के बावजूद राज्य में आंदोलन की आड़ में तथाकथित किसानों के मोबाइल टावरों की बिजली काटने और उनको नुकसान पहुंचाने के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और डेढ़ हजार से अधिक टावरों को निशाना बनाकर उनमें तोड़फोड़ की जा चुकी है।
यही नहीं, कुछ जगहों पर मोबाइल टावरों से जनरेटर लूटपाट के मामले भी सामने आए हैं। कैप्टन सिंह ने अपील के बावजूद टावरों में तोड़फोड़ को देखते हुए सोमवार को पुलिस को कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों आंदोलन के दौरान मोबाइल टावरों के साथ तोड़फोड़ और राज्य में दूरसंचार सेवाओं को बाधित करने के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।
 
टावर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर्स एसोसिएशन (टीएआईपीए) के अनुसार टावरों के कनेक्शन बाधित होने से पंजाब के अधिकांश जिलों में 12000 वर्ग किलोमीटर से अधिक क्षेत्र में दूर संचार सेवा बाधित हुई है। किसान लगातार टावरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं। सोमवार को किसानों ने 1600 मोबाइल टावरों को संचालित करने में उपयोग होने वाली तार को जला दिया।
 
सीओएआई ने कहा कि कोरोना के संकटकाल दूरसंचार सेवाएं लाखों लोगों के जीवनयापन का साधन बनी। संकट के इस दौर में छात्रों ने ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखी। पेशेवरों ने वर्क टू होम को अपनाया औरकठिन समय में ऑनलाइन स्वास्थ्य परामर्श सेवाएं बीमारों का सहारा बनी।
 
महानिदेश कोचर ने कहा कि दूरसंचार सेवाएं में जिसे विभिन्न अधिनियमों के तहत 'आवश्यक' माना जाता है, इसमें व्यवधानों से आम आदमी को काफी असुविधा हो रही है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन और वैश्विक महामारी के अनवरत जारी रहने के समय में 'दूरसंचार क्षेत्र के योद्धाओं ने अथक मेहनत से पूरे देश में लोगों को दरवाजे पर डिलीवरी, बुनियादी ढांचे में निर्बाध सेवाएं प्रदान करने के लिए जीतोड़ प्रयास किया।
 
दूरसंचार टावरों को क्यों नुकसान पहुंचाया जा रहा है। हालांकि इसकी सही वजह का पता नहीं है। इसके पीछे कहा यह जा रहा है कि नए कृषि कानूनों से मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी जैसे उद्योगपतियों को फायदा होगा। इस अंदेशे में पंजाब में विभिन्न स्थानों पर विशेषकररिलायंस जियो के टावरों को निशाना बनाया गया है जिससे दूरसंचार राज्य में संपर्क व्यवस्था पर असर पड़ा। हालांकि यह बात दीगर है कि दोनों से जुड़ी कंपनियां किसानों से अनाज नहीं खरीदती हैं। (वार्ता)
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