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Last Modified: बुधवार, 27 जनवरी 2021 (23:54 IST)

Kisan Andolan : विधायक अभय सिंह चौटाला ने किया कृषि कानून का विरोध, विधानसभा से दिया इस्तीफा

Kisan Andolan : विधायक अभय सिंह चौटाला ने किया कृषि कानून का विरोध, विधानसभा से दिया इस्तीफा - MLA Abhay Singh Chautala resigns in protest against agricultural law
चंडीगढ़। इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के नेता अभय सिंह चौटाला ने केंद्र के नए कृषि कानूनों को लेकर हरियाणा विधानसभा की सदस्यता से बुधवार को इस्तीफा दे दिया। चौटाला ने केन्द्र के 3 नए कृषि कानूनों का समर्थन करने के लिए प्रस्ताव लाने संबंधी राज्य की भाजपा सरकार के कदम का जिक्र करते हुए कहा, मैंने फैसला किया कि मैं इन कानूनों के पक्ष में प्रस्ताव लाने वालों के साथ विधानसभा में नहीं बैठ सकता।

अभय 90 सदस्‍यीय राज्य विधानसभा में अपनी पार्टी के एकमात्र विधायक थे और वे एलेनाबाद सीट का प्रतिनिधित्व कर रहे थे। वे पार्टी के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के छोटे बेटे हैं। अभय अपना इस्तीफा सौंपने के लिए हरे रंग के अपने ट्रैक्टर से अपने समर्थकों के साथ राज्य विधानसभा परिसर पहुंचे थे।

विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने कहा कि उन्होंने अभय चौटाला (57) का इस्तीफा तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया है। गुप्ता ने कहा, अभय चौटाला व्यक्तिगत रूप से मेरे पास आए और अपना इस्तीफा सौंप दिया और मैंने तत्काल प्रभाव से उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है।

विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि अभय ने इस बात का जिक्र किया है कि उन्होंने किसानों की मांगें पूरी नहीं होने को लेकर इस्तीफा दिया है। गुप्ता ने कहा कि अपने इस्तीफे में चौटाला ने इस महीने की शुरुआत में अध्यक्ष को भेजे गए उन दो पत्रों का जिक्र किया है जिनमें कहा गया था कि यदि केंद्र नए कृषि कानूनों को रद्द करने की किसानों की मांग को स्वीकार करने में विफल रहा, तो उनके पत्रों को राज्य विधानसभा से उनके इस्तीफे के रूप में माना जाए।


विधानसभा अध्यक्ष ने चौटाला के पिछले पत्रों को उनके इस्तीफे के रूप में स्वीकार नहीं किया था, क्योंकि सशर्त पत्रों को इस तरह से नहीं माना जा सकता है। चौटाला के इस्तीफे के बाद 90 सदस्‍यीयहरियाणा विधानसभा में अब भाजपा के 40 विधायक हैं, उसकी सहयोगी जननायक जनता पार्टी (जजपा) के 10, मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के सदस्यों की संख्या 31 है और हरियाणा लोकहित पार्टी का एक विधायक है। सात सदस्य निर्दलीय हैं, जिनमें से पांच सत्तारूढ़ गठबंधन का समर्थन कर रहे हैं।

चौटाला ने बाद में कहा कि उनकी पार्टी पूर्व उप प्रधानमंत्री देवीलाल की नीतियों को आगे बढ़ाने में विश्वास करती है, जिन्हें किसानों का मसीहा माना जाता था। उन्होंने कहा कि न केवल पंजाब और हरियाणा के किसान इन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं, बल्कि देशभर के किसान इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, मैं देश के प्रधानमंत्री को बताना चाहता हूं कि केंद्र ने गलत निर्णय लिया और उसी के कारण किसान सर्दियों के महीनों में सड़कों पर इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं। चौटाला ने कहा, अगर केंद्र इन कानूनों को 18 महीने से लेकर दो साल तक के लिए स्थगित रखने को तैयार है, तो इसका मतलब है कि इनमें कुछ खामियां हैं। इसलिए, केंद्र को इन कानूनों को रद्द करना चाहिए और कृषि ऋण माफी तथा स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट को लागू करने संबंधी वादों को पूरा करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि वे जल्द ही पूरे राज्य का दौरा करेंगे और लोगों को इन किसान विरोधी कानूनों के बारे में बताएंगे।
जजपा नेता और राज्य के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला पर निशाना साधते हुए इनेलो नेता ने कहा कि वह विशेष रूप से उन निर्वाचन क्षेत्रों का दौरा करेंगे जहां कुछ लोगों ने दावा किया था कि वे किसानों के साथ खड़े होंगे और अगर जरूरत पड़ी तो इस्तीफा दे देंगे।

अभय चौटाला ने कहा कि चौधरी देवीलाल की विचारधारा का पालन करने का दावा करने वालों को किसानों के साथ खड़ा होना चाहिए। उन्होंने कहा, अब ऐसे लोगों को आगे आकर इस्तीफा देना चाहिए। अगर वे चाहते हैं कि किसानों को न्याय मिले, तो ऐसे लोगों, खासकर जिनके कमरे में देवीलाल की तस्वीरें हैं और उनकी विचारधारा का पालन करने का दावा करते हैं, को इस्तीफा दे देना चाहिए।

इस बीच, उन्होंने किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान मंगलवार को दिल्ली में हुई घटनाओं के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा, उत्तर प्रदेश के कुछ असामाजिक तत्वों ने अफवाह फैला दी, जिसके बाद कुछ युवा किसानों ने लाल किले की ओर रुख किया।(भाषा)
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