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Last Updated : गुरुवार, 14 जनवरी 2021 (19:18 IST)

भूपेंद्रसिंह मान के SC की कमेटी से अलग होने का प्रदर्शनकारी किसानों ने किया स्वागत, बोले- कानून रद्द के अलावा कुछ मंजूर नहीं

भूपेंद्रसिंह मान के SC की कमेटी से अलग होने का प्रदर्शनकारी किसानों ने किया स्वागत, बोले- कानून रद्द के अलावा कुछ मंजूर नहीं - Bhupinder Singh Mann recuses himself from 4 member SC panel on farm laws
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित समिति से भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष भूपिन्दरसिंह मान के अलग होने का प्रदर्शनकारी किसानों ने स्वागत किया है। किसान नेताओं ने कहा कि वे कोई कमेटी नहीं चाहते हैं और तीनों कानूनों को रद्द किए जाने से कम उन्हें कुछ भी मंजूर नहीं है।
किसान नेताओं ने कहा कि समिति के 3 अन्य सदस्यों को भी इससे अलग हो जाना चाहिए। ऐसा इसलिए कि प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने नए कृषि कानूनों पर किसानों और केंद्र के बीच गतिरोध को सुलझाने के लिए किसी समिति के गठन की मांग ही नहीं की थी।
 
कुछ नेताओं ने मान को कानूनों के खिलाफ आंदोलन में शामिल होने के लिए भी आमंत्रित किया। किसान संगठनों और विपक्षी दलों ने समिति के सदस्यों को लेकर आशंका जाहिर करते हुए कहा था कि इसके सदस्य पूर्व में तीनों कानूनों की पैरवी कर चुके हैं।
 
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि मान का फैसला एक अच्छा कदम है क्योंकि किसान यूनियनों के लिए किसी भी समिति का कोई महत्व नहीं है, क्योंकि संगठनों ने कभी इसकी मांग ही नहीं की थी। मान जानते हैं कि कोई भी किसान संगठन सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त समिति के सामने पेश नहीं होगा, इसलिए उन्होंने यह निर्णय किया है।
चढूनी प्रदर्शन कर रहे करीब 40 किसान संगठनों के प्रधान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा के वरिष्ठ सदस्य हैं। उन्होंने कहा कि समिति के बाकी 3 सदस्यों के अलग हो जाने और नए सदस्यों की नियुक्ति के बावजूद किसान नेता कमेटी के सामने पेश नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि किसानों को तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने के सिवा कुछ और मंजूर नहीं है।
 
एक और किसान नेता अभिमन्यु कोहार ने कहा कि सरकार जानती है कि अदालत कानूनों को निरस्त नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि सरकार को किसानों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ करना बंद कर देना चाहिए। किसान 28 नवंबर से दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं।
 
सरकार के साथ शुक्रवार को होने वाली अगली बैठक में क्या किसान नेता हिस्सा लेंगे, इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि किसान किसी भी वार्ता के खिलाफ नहीं है और वे केंद्रीय मंत्रियों के साथ वार्ता करेंगे।
 
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने भी मान के निर्णय का स्वागत किया और उन्हें तीनों कानूनों के खिलाफ आंदोलन में जुड़ने का आमंत्रण दिया। भाकियू (एकता उगराहां) के पंजाब महासचिव सुखदेवसिंह ने कहा कि सरकार अगर तीनों कानूनों को वापस ले ले तो वे किसी भी समिति को स्वीकार लेंगे।
 
किसान नेता हरिंदरसिंह लखोवाल ने भी कहा कि तीनों कानूनों को वापस लिए जाने तथा फसल के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी दिए जाने तक वे आंदोलन जारी रखेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने तीन नए कृषि कानूनों को लेकर सरकार और दिल्ली की सीमाओं पर धरना दे रहे रहे किसानों की यूनियनों के बीच व्याप्त गतिरोध खत्म करने के इरादे से मंगलवार को इन कानूनों के अमल पर अगले आदेश तक रोक लगाने के साथ ही किसानों की समस्याओं पर विचार के लिए 4 सदस्यीय समिति गठित की थी।
 
पीठ ने इस समिति के लिए भूपिन्दर सिंह मान के अलावा शेतकरी संगठन के अध्यक्ष अनिल घनवट, दक्षिण एशिया के अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. प्रमोद जोशी और कृषि अर्थशास्त्री अशोक गुलाटी के नामों की घोषणा की थी। (भाषा)
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