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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : बुधवार, 2 नवंबर 2022 (18:35 IST)

पूरे देश में कैसे लागू होगा पीएम मोदी के ‘एक राष्ट्र-एक पुलिस वर्दी’ का फॉर्मूला?

पूरे देश में कैसे लागू होगा पीएम मोदी के ‘एक राष्ट्र-एक पुलिस वर्दी’ का फॉर्मूला? - How will PM Modi's 'One Nation - One Police Uniform' formula be implemented across the country?
आने वाले समय देश के सभी राज्यों की पुलिस एक जैसी यूनिफॉर्म में अगर आपको दिखाई दें तो आप चौंक नहीं जाइएगा। दरअसल देश के सभी राज्यों की पुलिस जल्द ही आपको एक जैसी यूनिफॉर्म में नजर आ सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले सप्ताह हरियाणा के सूरजकुंड में राज्यों के गृहमंत्रियों के चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए सभी राज्यों की पुलिस में एकरूपता लाने, उन्हें साझा पहचान देने तथा उनकी ताकत को एकजुट करने के लिए ‘एक देश-एक राशन कार्ड’ की तर्ज पर ‘एक देश-एक पुलिस वर्दी’ का सुझाव दिया।

चिंतन शिविर को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि  देश में जिस तरह से ‘एक देश-एक राशन कार्ड’ और ‘एक देश-एक ग्रिड’ की व्यवस्था है उसी तर्ज पर ‘एक देश-एक पुलिस वर्दी’ पर भी गंभीरता से विमर्श किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह का दृष्टिकोण अपनाए जाने से पूरे देश की पुलिस को फायदा होगा एक तो उनकी पहचान सुनिश्चित होगी दूसरे गुणवत्ता बढ़ेगी तथा पुलिस बेड़े में एक दूसरे की ताकत बढ़ेगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि कि वह किसी राज्य पर अपने विचार थोपना नहीं चाहते लेकिन वह चाहते हैं कि इस सुझाव पर विचार किया जाना चाहिए उन्होंने कहा कि समान वर्दी लागू करते समय राज्य अपने विशेष टैग या प्रतीक को उस वर्दी पर लगा सकते हैं।

प्रधानमंत्री के इस सुझाव के बाद अब इस पर चर्चा शुरु हो गई है कि क्या आने वाले समय में देश के सभी राज्यों की पुलिस एक जैसी वर्दी में दिखाई देगी। सूरजकुंड चिंतन शिविर में शामिल होने वाले मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘एक देश-एक पुलिस वर्दी’ का सुझाव रखा और बैठक में शामिल लगभग सभी गृहमंत्रियों की इस पर सहमति थी। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के दिए सुझावों को जमीन पर उतारने के लिए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बुधवार को मंत्रालय में अधिकारियों के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक भी की।

रिटायर्ड डीजी सुभाष अत्रे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक देश-एक यूनिफॉर्म’ के सुझाव को अच्छी पहल मानते है।पुलिस में ‘एक देश-एक यूनिफॉर्म’ से देश में एकता और बंधुत्व की भावना बढ़ने साथ आपस में सामंजस्य और सहयोग भी बढ़ेगा। कानून में पुलिस के अपने-अपने अधिकार और क्षेत्र निर्धारित है और इससे किसी के अधिकारों में कोई खलल नहीं पड़ेगा और कोई विवाद होना भी नहीं चाहिए।  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस सुझाव के बाद लोगों में यह सवाल भी है कि पूरे देश में ‘एक देश-एक यूनिफॉर्म’ को लागू कैसे किया जाएगा। इस सवाल पर रिटायर्ड डीजी सुभाष अत्रे कहते हैं कि इसके लिए केंद्र सरकार पहल कर ‘एक यूनिफॉर्म कोड’ की गाइडलाइन बनाकर राज्यों की सहमति लेकर इस लागू करने के लिए कह सकती है। राज्यों की आपस सहमति के बाद राज्यों का गृहविभाग इसको नोटिफाइड कर दें।

सुभाष अत्रे कहते हैं कि अगर देखा जाए तो देश के कई राज्यों में पुलिस की खाकी रंग की ही यूनिफॉर्म है। ऐसे में ‘एक देश-एक यूनिफॉर्म’ को लागू  करने में कोई बड़ी कठिनाई है। सुभाष अत्रे कहते हैं कि संविधान में राज्य पुलिस का विषय है लेकिन जिस तरह सेंट्रल पुलिस एक्ट को हर स्टेट ने लागू कर लिया था वैसे ही एक राष्ट्र एक वर्दी को भी लागू किया जा सकता है।

‘एक राष्ट्र-एक पुलिस वर्दी’ का फॉर्मूला क्यों?-देश के ज्यादातर राज्यों की पुलिसकर्मियों की वर्दी खाकी है। दरअसल अग्रेजी शासनकाल में साल 1847 में सर हेनरी लॉरेंस ने खाकी को पुलिस की वर्दी के लिए आधिकारिक रंग के तौर पर चुन था,तब से लेकर अब तक देश के कई राज्यों की पुलिस खाकी रंग की वर्दी पहनती है। हलांकि कुछ राज्यों में पुलिस कर्मी दूसरे रंग की वर्दी में भी नजर आते हैं। जैसे कोलकाता पुलिस सफेद रंग की वर्दी पहनती है लेकिन पश्चिम बंगाल के बाकी हिस्सों में पुलिसकर्मियों की वर्दी का रंग भी खाकी ही है।

ऐसे में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी के अमृत महोत्सव में लाल किले से राष्ट्र के नाम अपने संबोधन में जो पंच प्रण दिए थे उसमें एक देश को गुलामी की हर पहचान और गुलामी की  हर सोच के मुक्त करने का संकल्प लिया है तो माना जा सकता है कि ‘एक राष्ट्र-एक वर्दी’ का सुझाव भी गुलामी की पहचान से मुक्ति की दिशा में एक बड़ा कदम होगा।