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Written By भाषा
Last Modified: हलोल (भाषा) , शुक्रवार, 21 दिसंबर 2007 (19:13 IST)

उद्योग और विरासतस्थल बने प्रमुख चुनावी मुद्दा

उद्योग और विरासतस्थल बने प्रमुख चुनावी मुद्दा -
गुजरात के पंचमहल जिले के हलोल कस्बे में आगामी विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा और कांगेस के बीच उद्योग र यूनेस्को विश्व विरासतस्थल संबंधी विवाद प्रमुख मुद्दे होंगे।

हलोल में कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय उद्योग हैं। इनमें जनरल मोटर्स का एक संयंत्र भी है। अहमदाबाद से करीब 170 किलोमीटर दूर स्थित हलोल से अभी भाजपा के जयद्रथसिंह परमार विधायक हैं। उन्होंने 2002 के चुनाव में कांग्रेस के उदेसिंह बारिया को हराया था।

भाजपा को जहाँ मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी के विकास मंत्र का सहारा है, वहीं कांग्रेस स्थानीय मुद्दों को भुनाने की कोशिश कर रही है।

कांग्रेस पार्टी के सूत्रों का कहना है कि उद्योगों से स्थानीय लोगों का भला नहीं हुआ है। राजनेताओं के साथ साठगाँठ के कारण अधिकतर कंपनियाँ लोगों को अनुबंध के आधार पर भर्ती कर रही हैं।

स्थानीय लोगों का कहना है कि उन्हें भविष्यनिधि जैसे अतिरिक्त फायदे नहीं मिल रहे। इसके अलावा नौकरी भी स्थाई नहीं है। साथ ही अन्य लोगों का कहना है कि वे निर्धारित समय से भी अधिक काम करते हैं लेकिन उनके वेतन में कोई बढ़ोतरी नहीं हुई है।

कांग्रेस यूनेस्को विश्व विरासत स्थल पावागढ़ और चम्पानेर को भी चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही है। ग्रामीण लोग परेशान हैं क्योंकि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) इसके निकट कुछ भी निर्माण की इजाजत नहीं दे रहा।

वर्ष 1980 से लगातार ही इस सीट पर काबिज बारिया ने कहा हमारे लिए स्थानीय मुद्दे महत्वपूर्ण हैं। वे हमारे लिए चुनावी मुद्दा होगा। हम विश्व विरासत स्थल के मुद्दे पर ग्रामीणों के साथ हैं क्योंकि एएसआई इसके निकट किसी निर्माण कार्य की इजाजत नहीं दे रहा।

परमार इसे खारिज करते हुए कहते हैं कि यूनेस्को का दर्जा कोई मुद्दा ही नहीं है। उन्होंने कहा कुछ लोग पावागढ़ को मुद्दा बनाने की कोशिश कर रहे हैं। पिछली बार भाजपा ने यह सीट कांग्रेस से छीनी। इस बार हम इसे भारी अंतर से जीतेंगे।