Last Modified: नई दिल्ली (वार्ता) ,
गुरुवार, 11 दिसंबर 2008 (21:04 IST)
शीला 15 को लेंगी मुख्यमंत्री पद की शपथ
दिल्ली में कांग्रेस को लगातार तीसरी बार विजय दिलाने वाली शीला दीक्षित 15 दिसम्बर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी।
मुख्यमंत्री निवास के सूत्रों के अनुसार दीक्षित सोमवार को शपथ ग्रहण करेंगी। सूत्रों ने बताया एक-दो दिन में वह उपराज्यपाल के समक्ष सरकार बनाने का दावा पेश करेंगी।
दिल्ली विधानसभा के आठ दिसम्बर को घोषित परिणामों में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिला है। विधानसभा की 70 सीटों में से 69 के घोषित परिणामों में कांग्रेस ने 42 सीटें हासिल की हैं।
कांग्रेस विधायक दल की कल हुई बैठक में श्रीमती दीक्षित को सर्वसम्मति से विधायक दल का नेता चुना गया था। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त नहीं होने के कारण मुख्यमंत्री के नाम को राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद ही आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
उधर, राज्य मंत्रिमंडल के गठन को लेकर कल से ही राजनीतिक गतिविधियाँ तेज हो गई हैं। एक तरफ जहाँ मौजूदा मंत्रिमंडल के सभी सदस्य मंत्रिमंडल में बने रहने लिए प्रयासरत हैं, वहीं पिछले कई बार से चुनाव जीतते आ रहे विधायक भी इस बार मंत्रिमंडल में जगह बनाने के लिए कोशिश में हैं।
दीक्षित दिल्ली की छठी मुख्यमंत्री हैं। दिल्ली के पहले मुख्यमंत्री चौधरी ब्रह्म प्रकाश थे, जिनका कार्यकाल 1952 से 1955 तक रहा। दूसरे मुख्यमंत्री के रूप में जीएनसिंह ने 1955 से 1956 तक कार्य किया। इसके बाद दिल्ली को केन्द्रशासित प्रदेश का दर्जा दे दिया गया।
वर्ष 1993 में दिल्ली विधानसभा को फिर से गठित किया गया और इस चुनाव में भाजपा विजयी हुई और मदनलाल खुराना दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। हवाला कांड में नाम आ जाने के कारण खुराना को मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़ा और साहिबसिंह वर्मा मुख्यमंत्री बने। उनका कार्यकाल 1997 के बाद रहा।
इसके बाद भाजपा ने सुषमा स्वराज को मुख्यमंत्री बनाया और 1998 का चुनाव उनकी अगुआई में लड़ा गया, जिसमें भाजपा हार गई और कांग्रेस सत्ता में आ गई। कांग्रेस की तरफ से श्रीमती दीक्षित को मुख्यमंत्री बनाया गया और वे तब से लगातार दिल्ली पर राज कर रही हैं।