शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2025
  • Webdunia Deals
  1. चुनाव 2025
  2. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025
  3. दिल्ली विधानसभा चुनाव न्यूज 2025
  4. Kapil Mishra became minister in Delhi government
Last Modified: नई दिल्ली , शुक्रवार, 21 फ़रवरी 2025 (00:45 IST)

कपिल मिश्रा : PM मोदी, BJP, RSS के कटु आलोचक से हिंदुत्व के पोस्टरबॉय तक

Kapil Mishra
Kapil Mishra : सामाजिक कार्यकर्ता से दिल्ली सरकार में मंत्री बने कपिल मिश्रा कभी आम आदमी पार्टी के नेता के तौर पर भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कटु आलोचक माने जाते थे, लेकिन अब वह ‘हिंदुत्व के पोस्टरबॉय’ के रूप में नई पहचान के साथ उभरे हैं। बृहस्पतिवार को मिश्रा ने रामलीला मैदान में एक भव्य समारोह में नवगठित दिल्ली सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। रेखा गुप्ता के नेतृत्व वाली दिल्ली कैबिनेट में उनका शामिल होना भाजपा द्वारा राष्ट्रीय राजधानी में अपने शासन दृष्टिकोण को मजबूत करने के लिए एक रणनीतिक कदम के रूप में देखा जा रहा है।
 
मिश्रा अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने से पहले एक सामाजिक कार्यकर्ता थे। 44 वर्षीय मिश्रा राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित 2010 के राष्ट्रमंडल खेलों के दौरान भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलनों में सक्रिय रूप से शामिल थे। उन्होंने आम आदमी पार्टी (AAP) के साथ अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की और 2015 में करावल नगर सीट से विधायक चुने गए। मिश्रा ने भाजपा उम्मीदवार और चार बार के विधायक मोहन सिंह बिष्ट को 44,431 मतों के अंतर से हराया था।
आप के संस्थापक सदस्य रहे कवि कुमार विश्वास के करीबी माने जाने वाले मिश्रा को ‘आप’ संयोजक और तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 2015 में जल संसाधन मंत्री के रूप में अपने मंत्रिमंडल में शामिल किया था। मिश्रा दिल्ली विधानसभा के अंदर और बाहर मोदी, भाजपा और आरएसएस पर गंभीर आरोप लगाते थे। मोदी और आरएसएस के खिलाफ बोलते हुए मिश्रा के कई वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
 
बाद में केजरीवाल और मिश्रा के बीच संबंधों में खटास आने के बाद उन्होंने आप संयोजक के खिलाफ बयानबाजी की। उन्होंने केजरीवाल और उनके एक अन्य मंत्रिमंडलीय सहयोगी सत्‍येंद्र जैन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। मिश्रा को 2017 में मंत्री पद से बर्खास्त कर दिया गया था। लेकिन इससे मिश्रा हतोत्साहित नहीं हुए। वह केजरीवाल और आप की आलोचना करते रहे। आप विधायक होने के बावजूद वह भाजपा के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते नजर आते थे।
 
पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण उन्हें 2019 में विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। वह 2019 में भाजपा में शामिल हो गए और पार्टी की दिल्ली इकाई के उपाध्यक्ष बनाए गए। उन्होंने मॉडल टाउन से भाजपा के टिकट पर 2020 का विधानसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।
मिश्रा धीरे-धीरे मुसलमानों के खिलाफ बोलते हुए भाजपा के ‘हिंदुत्व पोस्टरबॉय’ बन गए। उन पर 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान नफरतभरे भाषण देने का आरोप है। मिश्रा ने पांच फरवरी को हुए दिल्ली विधानसभा चुनाव में आप के मनोज कुमार त्यागी को 23355 मतों के अंतर से हराया था। मिश्रा ने दिल्ली विश्वविद्यालय से एमए की डिग्री हासिल की है। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour