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Last Modified: सोमवार, 20 अप्रैल 2020 (18:41 IST)

Corona के खिलाफ कुछ लोग जानबूझकर धर्मनिरपेक्षता-सांप्रदायिकता की बातें उठा रहे : जावड़ेकर

Corona के खिलाफ कुछ लोग जानबूझकर धर्मनिरपेक्षता-सांप्रदायिकता की बातें उठा रहे : जावड़ेकर - Union Minister Javadekar said, some people are deliberately raising the talk of secularism-communalism
नई दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस (Corona virus) के खिलाफ लड़ाई के दौरान कुछ लोग जानबूझकर धर्मनिरपेक्षता-सांप्रदायिकता की बातें उठा रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी लोगों को ‘हम सब एक हैं और एकजुट भारत’ की भावना के साथ सहयोग करना चाहिए।

सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि सरकार सभी तरह की फर्जी खबरों के खिलाफ है और अपने आलोचकों पर विशुद्ध रूप से गलत आक्षेप लगाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जब उनका पर्दाफाश हो जाता है, तब भी वे माफी नहीं मांगते।

उन्होंने स्वास्थ्य कर्मियों पर हमले की घटनाओं की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं को उस तरह से चर्चा नहीं होती है, जैसे होनी चाहिए। जावड़ेकर ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी जाति, धर्म, पंथ का भेद नहीं करती है और ऐसे में हम सभी को मिलकर इससे लड़ना है।

केंद्रीय मंत्री ने कहा, इसलिए हम सभी को उन लोगों से निपटने में सहयोग करना है जिन्हें जांच के लिए, पृथक वास में रहने या संक्रमित पाए जाने पर अस्पताल में भर्ती किया जाता है। सभी लोगों को हम सब एक हैं और एकजुट भारत की भावना के साथ सहयोग करना चाहिए।

तबलीगी जमात से जुड़े निजामुद्दीन मरकज के जरिए कोरोना वायरस फैलने को लेकर कुछ वर्गों के दावों एवं एक समुदाय को निशाना बनाए जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से गलत बातें हैं और इस पर लगाम लगाए जाने की जरूरत है।

जावड़ेकर ने कहा, भारत एकजुट है और हम सब एक हैं। कोई भी मरीज केवल मरीज ही होता है और इसलिए कोई भेदभाव नहीं होता है। सरकार किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है। कोविड-19 के खिलाफ अभियान इस बात का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है जहां कई मामलों में विरोध झेलते हुए भी स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जाकर मरीजों का पता लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कुछ लोग जानबूझकर धर्मनिरपेक्षता-सांप्रदायिकता की बातें उठा रहे हैं।

आलोचकों के एक वर्ग पर निशाना साधते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि एक वकील-सामाजिक कार्यकर्ता ने हाल ही में दावा किया था कि लॉकडाउन के दौरान एक परिवार में मां ने भूख के कारण अपने पांच बच्चों को डूबा दिया, जबकि बाद में यह बात सामने आई कि महिला और उसके पति के बीच का झगड़ा था और उसके घर में भोजन की कोई कमी नहीं थी।

उन्होंने यह भी कहा कि कुछ दिन पहले ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गलत तरीके से उद्धृत किया गया था जबकि वह बयान उन्होंने कभी नहीं दिया था। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सच्चाई सामने आने के बाद भी ऐसी बातें करने वाले माफी तक नहीं मांगते। (भाषा)
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