ट्रंप ने WHO पर लगाया बड़ा आरोप, फंडिंग रोकने की धमकी
वाशिंगटन। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वह विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) को अमेरिका की ओर से दिए जाने वाले वित्त पोषण पर रोक लगाएंगे। उन्होंने संगठन पर कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान सारा ध्यान चीन पर केंद्रित करने का आरोप लगाया।
ट्रंप ने व्हाइट हाउस में अपने नियमित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि हम WHO पर खर्च की जाने वाली राशि पर रोक लगाने जा रहे हैं। हम इस पर बहुत प्रभावशाली रोक लगाने जा रहे हैं। अगर यह काम करता है तो बहुत अच्छी बात होती। लेकिन जब वे हर कदम को गलत कहते हैं तो यह अच्छा नहीं है।’
विश्व स्वास्थ्य संगठन का मुख्यालय जिनेवा में स्थित है और उसे अमेरिका की ओर से बड़ी धनराशि मिलती है।
ट्रंप ने आरोप लगाया कि उनको मिलने वाले वित्तपोषण का अधिकांश या सबसे बड़ा हिस्सा हम उन्हें देते हैं। जब मैंने यात्रा प्रतिबंध लगाया था तो वे उससे सहमत नहीं थे और उन्होंने उसकी आलोचना की थी। वे गलत थे। वे कई चीजों के बारे में गलत रहे हैं। उनके पास पहले ही काफी जानकारी थी और वे काफी हद तक चीन केंद्रित लग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि उनका प्रशासन अमेरिका की ओर डब्ल्यूएचओ को दिए जाने वाले वित्त पोषण पर विचार करेगा।
ट्रंप ने कहा कि लेकिन हम इस पर विचार करना चाहते हैं। उन्होंने (WHO) इसे गलत बताया। वे महीनों पहले इसके बारे में बता सकते थे। वे जानते होंगे और उन्हें जानना चाहिए था। इसलिए हम बहुत सावधानीपूर्वक इस पर विचार करेंगे और हम WHO पर खर्च की जाने वाली धनराशि पर रोक लगाने जा रहे हैं।
इस बीच, सीनेट की विदेश मामलों की समिति के अध्यक्ष सीनेटर जिम रिच ने कोविड-19 से निपटने में डब्ल्यूएचओ के तौर तरीकों की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि WHO न केवल अमेरिकी लोगों के लिए नाकाम हुआ बल्कि वह कोविड-19 से निपटने में घोर लापरवाही के साथ विश्व के मोर्चे पर भी नाकाम हुआ।
करीब 24 सांसदों के एक द्विदलीय समूह ने डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस गेब्ररेयेसुस के इस्तीफा देने तक WHO की निधि रोकने वाला प्रस्ताव लाने का मंगलवार को एलान किया। साथ ही कोविड-19 से निपटने में चीन की कम्युनिस्ट पार्टी की नाकामी को छिपाने में संगठन की भूमिका की अंतरराष्ट्रीय आयोग से जांच कराने की भी मांग की।