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Last Modified: रविवार, 13 सितम्बर 2020 (13:14 IST)

कोरोना काल में इंदौर में शोक बैठकों का स्‍वरूप बदला, इस तरह हो रहे उठावने...

कोरोना काल में इंदौर में शोक बैठकों का स्‍वरूप बदला, इस तरह हो रहे उठावने... - The nature of mourning meetings in Indore changed during the Corona period
इंदौर (मध्‍यप्रदेश)। मनुष्य को सामाजिक प्राणी कहा जाता है, लेकिन कोरोनावायरस (Coronavirus) के बढ़ते प्रकोप ने न केवल खुशी के मौकों पर सामाजिक मेलजोल को बेहद सीमित कर दिया है, बल्कि शोक बैठकों का स्वरूप भी बदल दिया है। कोरोनावायरस संक्रमण की रफ्तार तेज होने के चलते स्थानीय नागरिक पारंपरिक शोक सभाओं के आयोजन से बच रहे हैं। इनके स्थान पर चलित उठावनों और ऑनलाइन उठावनों का नया चलन जोर पकड़ रहा है।

किसी व्यक्ति के निधन पर होने वाली शोक बैठक को बोलचाल के स्थानीय लहजे में 'उठावना' कहा जाता है।चश्मदीदों ने रविवार को बताया कि पारंपरिक उठावनों के उलट चलित उठावनों में शोक प्रकट करने आए लोगों को बैठाने के लिए आयोजन स्थल पर दरियों या कुर्सियों का इंतजाम नहीं किया जाता।

उन्होंने बताया कि चलित उठावनों में किसी व्यक्ति के निधन पर शोक जताने आए लोग शारीरिक दूरी बनाकर कतार में खड़े होते हैं। वे शोकाकुल परिवार के प्रति दूर से संवेदना व्यक्त करते हैं और दिवंगत व्यक्ति की तस्वीर के आगे हाथ जोड़ते हुए बिना ठहरे रवाना हो जाते हैं।

स्थानीय सिंधी समुदाय ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए एक कदम आगे बढ़ाते हुए अपने सामुदायिक भवनों में शोक बैठकों और निधन से जुड़ी रस्मों के अन्य कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगा दी है।
सिंधी समुदाय के संगठन भारतीय सिन्धु सभा की इंदौर इकाई के महामंत्री नरेश फुंदवानी ने कहा, शहर में कोरोनावायरस संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। ऐसे में हमने तय किया है कि आगामी फैसले तक हमारे समुदाय के दो प्रमुख भवनों में शोक बैठक और पगड़ी रस्म से जुड़े कार्यक्रम आयोजित नहीं किए जाएंगे।

उन्होंने कहा,हमने इन भवनों में अन्य सामाजिक आयोजन पहले ही बंद कर दिए थे। लेकिन हमने देखा कि चलित उठावनों में भी भीड़ उमड़ती है और लोग शोक जताने के बाद समूह बनाकर एक-दूसरे से देर तक बातें करते रहते हैं।
कोविड-19 के प्रकोप के कारण शहर में ऑनलाइन उठावनों का चलन भी बढ़ रहा है। इनमें लोग सोशल मीडिया मंचों या वीडियो कॉन्फ्रेंस के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एप्‍लीकेशनों की मदद से शोक सभाएं आयोजित कर रहे हैं और दिवंगत व्यक्तियों के प्रति संवेदना जताते हुए शोकाकुल परिवार को ढांढस बंधा रहे हैं।

इंदौर लोकसभा क्षेत्र के सांसद शंकर लालवानी ने कहा, मौका खुशी का हो या गम का, इंदौर के लोग एक-दूसरे से खूब सामाजिक मेल-जोल रखने के आदी हैं। लेकिन फिलहाल समाज को कोविड-19 की मौजूदा हकीकत के साथ ही जीना पड़ेगा।

उन्होंने कहा, बेहद संक्रामक महामारी के इस दौर में ऑनलाइन उठावनों का आयोजन ही उचित है। मैं खुद पिछले एक महीने में 100 से ज्यादा ऑनलाइन उठावनों में शरीक होकर दिवंगत व्यक्तियों के प्रति शोक जता चुका हूं।
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इंदौर जिले में अब तक कोविड-19 के कुल 16,782 मरीज मिले हैं। इनमें से 458 मरीजों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि 11,313 लोग उपचार के बाद स्वस्थ हो चुके हैं। जिले में कोविड-19 के प्रकोप की शुरुआत 24 मार्च से हुई, जब पहले चार मरीजों में इस महामारी की पुष्टि हुई थी।(भाषा)
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