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Last Updated : सोमवार, 21 सितम्बर 2020 (19:31 IST)

इंदौर के निजी अस्पताल में शव को चूहों ने कुतरा, जांच के आदेश

इंदौर के निजी अस्पताल में शव को चूहों ने कुतरा, जांच के आदेश - The mice ate the dead body in the hospital
इंदौर (मध्यप्रदेश)। कोविड-19 से 87 वर्षीय व्यक्ति की रविवार रात मौत के बाद उसके शव को यहां एक निजी अस्पताल में चूहों ने कुतर दिया। शव की दुर्गति का वीडियो सोमवार को सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद प्रशासन ने मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दिया है।

इस वीडियो में सफेद कफन में पूरी तरह लिपटे शव के चेहरे और पैर की जगह पर घाव नजर आ रहे हैं। वीडियो में विलाप करते एक परिजन की आवाज सुनाई पड़ रही है, ये देखिए, हमें यूनिक हॉस्पिटल से जो लाश दी जा रही है, उसे चूहे ने कुतर दिया है।अधिकारियों ने बताया कि मृतक की पहचान नवीनचंद्र जैन (87) के रूप में हुई है।

कोविड-19 की रोकथाम के लिए इंदौर जिले के नोडल अधिकारी अमित मालाकार ने बताया, कोविड-19 के इस मरीज ने यूनिक हॉस्पिटल में इलाज के दौरान रविवार रात दम तोड़ा। मरीज को उसकी गंभीर हालत के चलते ऑक्सीजन भी दी जा रही थी।

उन्होंने बताया कि निजी अस्पताल की लापरवाही के चलते बुजुर्ग के शव को चूहों के कुतरने के आरोपों के मद्देजनर जिला प्रशासन ने मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश दिया है। इस बीच, दिवंगत बुजुर्ग के पोते चेतन ने बताया कि उनके दादा नवीनचंद्र जैन के शरीर में ऑक्सीजन के स्तर में लगातार उतार-चढ़ाव के चलते उन्हें चार दिन पहले दशहरा मैदान के पास स्थित यूनिक हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था।

उन्होंने बताया, जांच में मेरे दादा कोरोनावायरस से संक्रमित पाए गए थे। हालांकि डॉक्टरों ने हमें भरोसा दिलाया था कि वे जल्द ठीक हो जाएंगे।जैन ने बताया, अस्पताल प्रबंधन ने मेरे दादा का शव सोमवार को सौंपा। हमने देखा कि चूहे उनके शव का कान और अंगूठा कुतर गए थे।

मामले में निजी अस्पताल के प्रबंधन का पक्ष जानने का कई बार प्रयास किया गया। लेकिन अब तक उससे संपर्क नहीं हो सका है। बहरहाल, कोरोनावायरस संक्रमण काल के दौरान इंदौर के अस्पतालों में शवों की दुर्गति का यह कोई पहला मामला नहीं है।

शहर के शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय के मुर्दाघर में एक वयस्क व्यक्ति की लावारिस लाश के सड़कर कंकाल में बदल जाने का मामला पांच दिन पहले सामने आया था। यह मामला शांत भी नहीं हुआ था कि इसी अस्पताल में मुर्दाघर में पांच महीने के बालक के शव को छह दिन तक गत्ते के बक्से में बंद कर रखे जाने के प्रकरण का खुलासा हुआ था।

क्या कहा अस्पताल ने : दूसरी ओर, यूनिक अस्पताल के डायरेक्टर प्रमोद नीमा ने कहा कि कोरोना महामारी में सारे शहर के अस्पताल के नर्सिंग व मेडिकल स्टाफ व स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान की बाजी लगाकर मरीजों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। यूनिक अस्पताल में नवीनचंद्र जैन (86) वर्षीय बुजुर्ग की मृत्यु कोरोना के कारण हो गई। 
 
नीमा ने कहा कि अथक प्रयासों के बावजूद उन्हें बचाया न जा सका। दरअसल, प्रोटेक्शन किट में पैक की गई बॉडी मरीज के रिश्तेदारों ने खोलकर उसमें से कुछ शरीर के द्रव्य पदार्थों के रिसाव को चूहों द्वारा डैमेज होना बताया। यही नहीं नगर निगम की गाड़ी को भी वापस भेज दिया और अस्पताल में अनर्गल आरोप लगाए।