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Last Modified: रविवार, 10 मई 2020 (18:05 IST)

फ्रांस में परिजनों की सबसे बड़ी चिंता, बच्चों को स्कूल भेजें या नहीं?

फ्रांस में परिजनों की सबसे बड़ी चिंता, बच्चों को स्कूल भेजें या नहीं? - The biggest concern of family in France, send children to school or not?
पेरिस। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन में 8 हफ्ते तक रहने के बाद फ्रांस जहां सार्वजनिक जीवन को फिर से शुरू करने की तैयारी कर रहा है, वहीं कई परिजन इस बात को लेकर बेहद चिंतित हैं कि उन्हें अपने बच्चों को स्कूल भेजना चाहिए या नहीं?
 
फ्रांस सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 17 मार्च से लगाए गए प्रतिबंधों में कुछ ढील देनी शुरू की है, जहां कारोबारों को खोलने की इजाजत दी गई, लोगों को काम पर लौटने और सोमवार से स्कूलों को फिर से खोलने की छूट दी गई है।
 
शुरुआत में प्रीस्कूल और प्राथमिक स्कूलों को खोला जाएगा और प्रीस्कूल में 10 छात्र और प्राथमिक स्कूल में 15 छात्र से ज्यादा संख्या नहीं होगी। प्रशासकों को 5, 6 और 10 साल के बच्चों के लिए निर्दशों को प्राथमिकता देने को कहा गया है।
 
कोविड-19 से बुरी तरह प्रभावित रहे फ्रांस में बीमारी के भय के चलते चरणबद्ध तरीके से सबकुछ शुरू किए जने के कारण स्कूल में उपस्थिति फिलहाल अनिवार्य नहीं होगी।
 
परिजन एवं अभिभावक अपने बच्चों को घर पर रख सकते हैं और शिक्षक उन्हें उसी तरह से शिक्षा देंगे जैसे उन्होंने राष्ट्रव्यापी बंद के दौरान दी थी। जो परिजन बच्चों को स्कूल भेजना चाहते हैं जरूरी नहीं कि उनके बच्चों को छोटी कक्षाओं में जगह मिल पाए और उनको स्कूल आने की अनुमति तभी होगी जब स्कूल में उनके लिए जगह होगी।
 
शिक्षा मंत्री जीन मिशेल ब्लैंकर ने अनुमान जताया है कि फ्रांस के 50,500 प्रीस्कूल एवं प्राथमिक स्कूलों में से 80 से 85 प्रतिशत स्कूल इस हफ्ते खुल जाएंगे। जिन क्षेत्रों में वायरस के मामले कम होंगे वहां 18 मई से माध्यमिक स्कूलों के खुलने की उम्मीद है।
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