भारतीय मूल के प्रोफेसर बोले, Covid 19 जैसी महामारी जीवन में कभी नहीं देखी
जोहानिसबर्ग। भारतीय मूल के प्रख्यात दक्षिण अफ्रीकी शिक्षाविद् प्रोफेसर हुसैन मोहम्मद 'जेरी' कूवाडिया ने कहा है कि कोविड-19 जैसी महामारी उन्होंने अपने 6 दशक के कार्यकाल में कभी नहीं देखी।
डॉ. कूवाडिया ने अपनी पुस्तक 'पीडिएट्रिक्स एंड चाइल्ड हेल्थ' के 7वें संस्करण के विमोचन के बाद डरबन में
अपने आवास से बातचीत के दौरान यह बात कही। डॉ. कूवाडिया ने साप्ताहिक 'सैटरडे इंडिपेंडेंट' को बताया कि उन्हें और उनकी पत्नी डॉ. जुबी हामिद को संक्रमण से बचाव के लिए टीका लग चुका है। उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस लंबे समय से मौजूद था लेकिन मैंने कोविड-19 जैसी बीमारी कभी नहीं देखी।
जॉन हॉप्किन्स विश्वविद्यालय के अनुसार दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण के 15,57,527 मामले हैं और इससे
53,256 लोगों की मौत हो चुकी है। कूवाडिया को मां से बच्चे को एचआईवी/एड्स होने संबंधी उनके अहम शोध के लिए दुनियाभर में जाना जाता है।
उन्होंने कहा कि बच्चों में कोविड-19 का असर हालांकि कम ही होता है लेकिन अगर बच्चों में किसी प्रकार
की बीमारी मसलन उन्हें तपेदिक हो तो स्थिति खराब हो सकती है। अपनी पुस्तक के 7वें संस्करण के बारे में उन्होंने कहा कि 1984 में हमारे पास जितनी किताबें (चिकित्सा से जुड़ी) थीं, वे सारी अंग्रेजों की लिखी हुई थीं।
विकासशील देशों पर कोई पुस्तक नहीं थी, जो खासतौर पर दक्षिणी अफ्रीका के बच्चों की बीमारियों को दूर करने में सहायक साबित हो सके।
कूवाडिया ने कहा कि यहीं से लिखने की शुरुआत हुई लेकिन मुझे कहना है कि यह सामूहिक प्रयास था और मैंने
विभिन्न विश्वविद्यालयों के अपने मित्रों और सहयोगियों से शोध एकत्र किए। कूवाडिया ने चिकित्सा की डिग्री मुंबई से ली है। (भाषा)