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Written By Author विकास सिंह
Last Updated : गुरुवार, 20 मई 2021 (15:55 IST)

कोरोना के कहर से बचाएगा मास्क और वेंटिलेशन,'वेबदुनिया' की खबर के बाद अब केंद्र ने भी जारी की एडवाइजरी

कोरोना के कहर से बचाएगा मास्क और वेंटिलेशन,'वेबदुनिया' की खबर के बाद अब केंद्र ने भी जारी की एडवाइजरी - Masks and ventilation will protect corona
कोरोना संक्रमण को लेकर केंद्र सरकार ने नई एडवाइजरी जारी करते हुए कहा है कि कोरोना संक्रमित मरीज 10 मीटर के दायरे में संक्रमण फैला सकता है। केंद्र सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर विजय राघवन की ओर से जारी एडवाइजरी में बताया गया है कि किसी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के ड्रॉपलेट और एयरोसॉल कोरोना संक्रमण फैलाने की मुख्य वजह बनते है। कोरोना संक्रमित व्यक्ति का ड्रॉपलेट जहां 2 मीटर के दायरे में आने वाले लोगों को संक्रमित कर सकता है वहीं एयरोसॉल 10 मीटर तक हवा में फैलकर लोगों को संक्रमित कर सकता है। 
 
एडवाइजरी के मुताबिक अगर एक संक्रमित व्यक्ति जिसमें कोरोना के कोई लक्षण नहीं आ रहे है वो भी ‘वायरल लोड’ बनाने लायक पर्याप्त ड्रॉपलेट्स छोड़ सकता है और कई अन्य लोगों को संक्रमित कर सकता है। एडवाइजरी में कमरों, दफ्तरों और अन्य सार्वजनिक जगहों पर वेंटिलेशन बढ़ाने की सलाह दी गई है। 
 
केंद्र सरकार की ओर से भले ही आज एडवाइजरी जारी कर लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए मास्क और वेंटीलेशन बढ़ाने को कहा गया है लेकिन ‘वेबदुनिया’ से एक्सक्लूसिव बातचीत में भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान संस्था (ICMR) के महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ. रमन गंगाखेडकर पहले ही कह चुके है कि मास्क और वेंटीलेशन ही कोरोना संक्रमण से बचाने का सबसे प्रमुख हथियार है।
‘वेबदुनिया’ से खास बातचीत में डॉक्टर रमन गंगाखेडकर ने कोरोना संक्रमण पर विस्तार से  करते हुए कहा था कि कोरोना वायरस का संक्रमण मुख्य रुप से दो तरह से फैलता है जिसमें पहला ड्रॉपलेट इंफेक्शन होता है और दूसरा एयरोसोल ट्रांसमिशन। कोरोना के एयरोसोल के ट्रांसमिशन का खतरा वहां होता है जहां सही तरीके से वेंटीलेशन नहीं होता है जैसे बंद कमरे। बंद स्थानों पर देर तक हवा में कोरोना वायरस का विषाणु रहता है। 

वहीं कोरोना की दूसरी लहर में कोरोना वायरस का जो भी संक्रमण हो रहा है वह एयरबोर्न के कारण अधिक हो रहा है। इसका मतलब अगर एक संक्रमित व्यक्ति नहीं भी खांसता है तो हम उससे बात करते है उससे एयरोसोल निकलते है जो हमको संक्रमित कर सकता है। 
 
कोरोना की पहली लहर में कोरोना संक्रमण रोकने में मुख्य भूमिका निभाने वाले डॉक्टर रमन गंगाखेडकर ने ‘वेबदुनिया’ से बात करते हुए कहा कि अगर आपने मास्क पहने के साथ कोरोना संयमित व्यवहार का सही तरीके से पालन कर रहे है तो आप बहुत हद तक संक्रमण से बच सकते है। फिर चाहे संक्रमण हवा से आए या कहीं से आए। 
 
‘वेबदुनिया’ के जरिए उन्होंने लोगों पहले ही सलाह दी थी हमको ऐसी जगह से जाने से बचना होगा जहां वेंटीलेशन नहीं है क्योंकि यहां पर संक्रमित व्यक्ति के एयरोसोल से आप संक्रमित हो सकते है क्यों यह काफी दूर तक जाते है। इसके साथ सार्वजनिक स्थल पर आपको सोशल डिस्टेंसिंग बनानी होगी। 
 
डॉक्टर रमन गंगाखेड़कर कहते हैं कि कोरोना वायरस का संक्रमण वहीं होगा जहां वेंटीलेशन नहीं होगा। जैसे बंद कमरे अगर कोई संक्रमित व्यक्ति आता है तो एयरोसोल की वजह से दूसरे लोगों के संक्रमित होने का खतरा ज्यादा रहता है। अगर आप कोई संयमित व्यवहार कर रहे है तो आपक इंफेक्शन से बच सकते है। अगर आप सोशल डिस्टेंसिंग नहीं कर रहे तो आप इंफेक्शन के चपेट में आ सकते है। 
 
(नीचे दिए लिंक में पढ़ें डॉक्टर रमन गंगाखेडकर का 'वेबदुनिया' का दिया गया वह विस्तृत इंटरव्यू जिसमें उन्होंने एयरोसॉल से कोरोना संक्रमण के फैलने और मास्क और वेंटिलेशन को बचाव का सबसे कारगर उपाय बताया था) 
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