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Last Updated : रविवार, 30 जनवरी 2022 (17:32 IST)

कोरोना से जंग के 2 साल, महामारी से करीब 5 लाख लोगों की मौत

कोरोना से जंग के 2 साल, महामारी से करीब 5 लाख लोगों की मौत - India completes 2 years of coronavirus war
देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) कोविड-19 ने आज अपने 2 साल पूरे कर लिए हैं। लेकिन वायरस से निपटने की यह जंग कब खत्म होगी, इसको लेकर अभी भी अनिश्चितता बनी हुई है। अब तक संक्रमण के 4,10,92,522 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि इस महामारी के कारण 4,94,091 लोगों की मौत हो चुकी है

खबरों के अनुसार, आज से ठीक दो साल पहले 30 जनवरी 2020 को चीन के वुहान विश्वविद्यालय में सेमेस्टर की परीक्षा देने के बाद भारत लौटी एक छात्रा कोरोनावायरस से संक्रमित पाई गई थी। देश इस समय महामारी की तीसरी लहर का सामना कर रहा है। पिछले 2 वर्षों में देश ने कोरोना के विभिन्न स्वरूपों का भी सामना किया है।

देश में अब तक कोरोनावायरस संक्रमण के 4,10,92,522 मामलों की पुष्टि हो चुकी है, जबकि इस महामारी के कारण 4,94,091 लोगों की मौत हो चुकी है। महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोरोना के डेल्टा स्वरूप से बड़ी संख्या में लोग संक्रमित हुए और इसके कारण ही हजारों लोगों की मौत हुई।

महामारी से निपटने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करने और टीकाकरण अभियान को तेज करने की सलाह दी है, लेकिन अभी तक यह स्पष्ट नहीं हुआ है कि भारत में महामारी कब खत्म होगी।


टीका और प्रोटोकॉल ही कारगर उपाय : कोविड-19 महामारी के फैलने के दो वर्ष पूरा होने के बावजूद इस खतरनाक वायरस के खिलाफ कारगर उपाय टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करना ही है। कई दवाएं एवं अन्य तरीकों का इस्तेमाल किया गया लेकिन अभी तक कोई ठोस उपचार सामने नहीं आया है।

स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने शनिवार को कहा कि कोविड-19 का चाहे जो भी स्वरूप हो, लेकिन कोविड-19 प्रबंधन के लिए ‘जांच-निगरानी-उपचार-टीकाकरण और कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन’ ही पुख्ता रणनीति है।

कोविड-19 से निपटने के लिए हाल में कई तरह के उपचार का प्रयोग हुआ लेकिन अभी तक उपचार  का कोई व्यापक स्वीकार्य तरीका नहीं है। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) डॉ. वीके पॉल ने दवाओं के ‘अत्यधिक इस्तेमाल एवं दुरुपयोग’ पर चिंता जताई थी।

देश में कोविड-19 के उपचार के लिए प्लाज्मा थेरेपी, रेमडेसिविर, डीआरडीओ के कोविड रोधी दवा 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (2-डीजी) और हाल में मोलनुपिराविर का इस्तेमाल किया गया लेकिन कोविड-19 रोगियों के इलाज के लिए कोई पुख्ता दवा नहीं मिली। कोविड-19 और इसके हालिया स्वरूप ओमिक्रॉन से निपटने के लिए टीकाकरण ही सबसे कारगर साबित हो रहा है।

उजाला सिग्नस ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स के संस्थापक निदेशक डॉ. सुचिन बजाज ने कहा कि न केवल कोविड-19 बल्कि ठंड से जुड़ी बीमारियों का मुकाबला करने में आयुष की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। बजाज ने कहा कि फेफड़े की क्षमता बढ़ाने और मजबूती बढ़ाने के लिए योग में कई तरह के आसन हैं। साथ ही मस्तिष्क को शांति देने के लिए ध्यान का बड़ा महत्व है क्योंकि हमने देखा है कि भय, चिंता और निराशा कोविड-19 के साथ ही साथ आते हैं।

जिंदल नेचरक्योर इंस्टीट्यूट के मुख्य योग अधिकारी डॉ. राजीव राजेश ने कहा कि मानव शरीर में संरक्षण, स्व-विनियमन, मरम्मत और अस्तित्व बनाए रखने की स्वाभाविक क्षमता होती है लेकिन नियमित चुनौतियों से निपटने में कुछ अतिरिक्त की जरूरत होती है। इसके लिए योग से मदद मिलती है।
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