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Last Modified: शनिवार, 14 मार्च 2020 (09:04 IST)

Corona virus : पंजाब और हरियाणा सरकार ने शिक्षण संस्थाओं को 31 मार्च तक बंद किया

Corona virus : पंजाब और हरियाणा सरकार ने शिक्षण संस्थाओं को 31 मार्च तक बंद किया - Coronavirus in punjab and haryana
चंडीगढ़। कोरोना वायरस के भय के कारण हरियाणा और पंजाब सरकार ने शुक्रवार को राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को 31 मार्च तक बंद करने का आदेश दिया।
 
 
केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ ने भी तत्काल प्रभाव से 31 मार्च तक सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया। हरियाणा ने राष्ट्रीय राजधानी से सटे पांच जिलों के स्कूलों को बंद करने का फैसला किया। हालांकि, हरियाणा के पांच जिलों के स्कूलों, पंजाब और चंडीगढ़ के सभी स्कूलों में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम की तहत परीक्षाएं जारी रहेंगी।
 
हरियाणा के उच्च शिक्षा विभाग के महानिदेशक द्वारा पंचकूला में जारी परामर्श में कहा गया, ‘राज्य सरकार ने एहतियातन 31 मार्च तक राज्य के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों को बंद रखने का फैसला किया है।’
 
हरियाणा के स्कूली शिक्षा विभाग ने अपने आदेश में कहा, ‘राज्य के पांच जिलों सोनीपत, रोहतक, झज्जर, फरीदाबाद और गुरुग्राम के सभी सरकारी और निजी स्कूल तत्काल प्रभाव से 31 मार्च तक बंद रहेंगे, सिवाय उन स्कूलों के जिनमें परीक्षाएं चल रही हैं।’
 
आदेश में कहा गया, ‘छात्र केवल पूर्व निर्धारित बोर्ड परीक्षा, वार्षिक एवं आकलन परीक्षा के लिए स्कूल जाएंगे। हालांकि, सभी शिक्षक और गैर शैक्षणिक कार्यों में लगे कर्मचारी पूर्व की तरह काम करते रहेंगे।’
 
उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार ने गुरुवार को कोरोना वायरस को महामारी घोषित किया था और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने लोगों को बड़े समूह में एकत्र होने से बचने की सलाह दी थी।
 
पंजाब के शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने शुक्रवार को घोषणा की कि कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए राज्य में सभी स्कूल एहतियातन 31 मार्च तक बंद रहेंगे।
 
पंजाब के उच्च शिक्षामंत्री तृप्त रजिंदर सिंह बाजवा ने कहा कि राज्य सरकार ने सभी सरकारी और निजी महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों को 31 मार्च तक बंद रखने का फैसला किया है।
 
पंजाब के राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर जो केंद्र शासित प्रदेश चंडीगढ़ के प्रशासक भी हैं ने कोरोना वायरस के मद्देनजर हालात की समीक्षा के लिए बैठक की। चंडीगढ़ प्रशासन ने कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कदम उठाने के लिए महामारी रोग अधिनियम लागू कर दिया है।
 
पंजाब सरकार ने सात सदस्यीय मंत्रियों का समूह दैनिक आधार पर कोरोना वायरस से उत्पन्न हालात की समीक्षा के लिए गठित किया है। राज्य सरकार ने शुक्रवार को उपायुक्तों को निर्देश दिया कि वह बड़े पैमाने पर लोगों को एकत्र होने की अनुमति नहीं दें। स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिंद्र के नेतृत्व में यहां हुई बैठक में धार्मिक नेताओं और डेरा प्रमुख से आह्वान किया गया कि वे पूर्व निर्धारित धार्मिक समागम को स्थगित कर दें।
 
उन्होंने बताया कि राज्य में किसी भी स्थिति से निपटने के लिए राज्य में 2,200 बिस्तरों की व्यवस्था की गई है। मोहिंद्र ने बताया कि निजी क्षेत्र के अस्पतालों में 250 और पटियाला एवं अमृतसर के सरकारी चिकित्सा महाविद्यालयों में 20-20 जीवन रक्षक प्रणाली (वेंटिलेटर) की व्यवस्था की गई है।
 
उन्होंने बताया कि लोगों को जागरूक करने के लिए विभिन्न संस्थाओं की मदद ली जा रही है। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ग्रामीण इलाकों में लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करेंगी।
 
कोरोना वायरस से उत्पन्न भय के मद्देनजर हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज ने शुक्रवार को सभी जनसभाओं, धार्मिक समागम और भीड़ जुटने वाले खेल आयोजनों पर रोक लगाने के आदेश दिए। यह आदेश राज्य सरकार द्वारा कोरोना वायरस को महामारी घोषित किए जाने के एक दिन बाद दिया गया।
 
राज्य के स्वास्थ्य विभाग की भी जिम्मेदारी देख रहे विज ने कहा कि हम स्थिति की समीक्षा कर रहे हैं और विभिन्न पहलुओं का संज्ञान ले रहे है। उन्होंने बताया कि पूरे राज्य में लोगों को जागरूक करने के लिए 100 शिविर लगाए जाएंगे और इस दौरान होम्योपैथी और आयुर्वेदिक दवाएं मुफ्त वितरित की जाएंगी।
 
विज ने बताया कि राज्य के सरकारी और निजी अस्पतालों में 1,206 बिस्तरों के साथ 270 पृथक वार्ड बनाए गए हैं। रोहतक स्थित पीजीआईएमएस अस्पताल को गंभीर मरीजों के इलाज के लिए तैयार किया गया है। अधिकारियों ने बताया कि इस बीच, इटली और स्विट्जरलैंड से पंजाब लौटे अधिकारी दंपत्ति ने स्वयं को अपने घर में पृथक कर लिया है। (भाषा)
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