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Last Updated : शनिवार, 22 जनवरी 2022 (21:47 IST)

कोरोना की तीसरी लहर में 60 प्रतिशत मौतें वैक्सीन नहीं लेने वालों की हुईं, स्टडी में खुलासा

कोरोना की तीसरी लहर में 60 प्रतिशत मौतें वैक्सीन नहीं लेने वालों की हुईं, स्टडी में खुलासा - coronavirus 60 percent covid deaths in 3rd wave among partially or completely unvaccinated study
नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी की मौजूदा लहर के दौरान मरने वालों में 60 प्रतिशत लोग ऐसे थे जिन्होंने या तो बिलकुल टीकाकरण नहीं कराया था या फिर आंशिक टीकाकरण ही कराया था। यह बात एक निजी अस्पताल के एक अध्ययन में कही गई है।
 
मैक्स हेल्थकेयर द्वारा किए गए अध्ययन में कहा गया है कि दर्ज की गई मौतों के मामले में ज्यादातर लोग 70 वर्ष से अधिक उम्र के थे या वे गुर्दे की बीमारियों, हृदय रोग, मधुमेह, कैंसर जैसी कई अन्य बीमारियों से भी पीड़ित थे।
इसने एक बयान में कहा कि हमारे अस्पतालों में अब तक हुई 82 लोगों की मौत के मामले में 60 प्रतिशत ऐसे लोग थे जिन्होंने या तो आंशिक टीकाकरण कराया था या फिर बिलकुल भी टीकाकरण नहीं कराया था।"
 
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन भी इस बात पर जोर देते रहे हैं कि मृत्यु उन रोगियों की हो रही है जिनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है और जिन्हें अन्य बीमारियां भी हैं।
 
महामारी की तीन लहरों के तुलनात्मक अध्ययन में यह भी कहा गया है कि महामारी की तीसरी लहर के दौरान केवल 23.4 प्रतिशत रोगियों को ऑक्सीजन देने की आवश्यकता पड़ी है, जबकि दूसरी लहर के दौरान 74 प्रतिशत और पहली लहर के दौरान 63 प्रतिशत रोगियों को ऑक्सीजन देने की आवश्यकता पड़ी थी। 
 
अध्ययन में कहा गया है कि मैक्स नेटवर्क के सभी अस्पतालों में कोविड-19 के चलते 41 बच्चे भर्ती हुए। इसने कहा, "हालांकि, इस आयु वर्ग में कोई मौत नहीं हुई है। सात को बाल गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती करने की आवश्यकता पड़ी जबकि दो को वेंटिलेटर पर रखने की।"

11 हजार से ज्यादा मामले : दिल्ली में पांच जून के बाद कोविड-19 से शनिवार को सर्वाधिक 45 लोगों की मौत हुई और महामारी के 11,486 नये मामले सामने आये जबकि संक्रमण दर 16.36 प्रतिशत रही। स्वास्थ्य विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।

विभाग के स्वास्थ्य बुलेटिन के अनुसार दिन में की गई जांच की संख्या 70,226 थी। राष्ट्रीय राजधानी में अब मामलों की कुल संख्या बढ़कर 17,82,514 हो गई जबकि मृतकों की संख्या बढ़कर 25,586 पर पहुंच गई। पांच जून को शहर में 60 लोगों की मौत हुई थी। बुलेटिन के अनुसार शनिवार को संक्रमण दर 16.36 प्रतिशत रही। राष्ट्रीय राजधानी में 13 जनवरी को कोविड-19 के एक दिन में सबसे अधिक 28,867 मामले दर्ज किये गये थे।
 
अस्पताल ने कहा कि जब दिल्ली में अप्रैल में दूसरी लहर के दौरान 28,000 मामले आए थे तो अस्पतालों में आईसीयू बिस्तर उपलब्धता शून्य थी, जबकि मौजूदा लहर के दौरान जब पिछले सप्ताह अधिक संख्या में मामले सामने आए थे तो बिस्तर उपलब्धता का कोई संकट नहीं था।
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि पहली, दूसरी और तीसरी लहर के दौरान अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या क्रमशः 20,883, 12,444 और 1378 रही। पहली लहर में समग्र मृत्यु दर 7.2 प्रतिशत थी जो दूसरी लहर के दौरान बढ़कर 10.5 प्रतिशत हो गई। मैक्स अस्पतालों में मौजूदा लहर के दौरान छह प्रतिशत मृत्यु दर दर्ज की गई है।
 
अध्ययन में कहा गया है कि यद्यपि भर्ती होने वाले रोगियों की संख्या पिछले 10 दिनों में तेजी से बढ़ी है और रोजाना अधिक से अधिक मौतों की सूचना आ रही है, अच्छी खबर यह है कि ओमीक्रोन स्वरूप से मामूली बीमारी हो रही है।
 
इसने कहा कि अस्पतालों में भर्ती होने वालों की संख्या कम रहने का कारण कोविड रोधी टीकाकरण है और इसी की वजह से बड़े पैमाने पर ऑक्सीजन देने की जरूरत नहीं पड़ रही है।

अस्पताल श्रृंखला ने कोविड-19 की तीसरी लहर की शुरुआत से लेकर 20 जनवरी 2022 तक अध्ययन किया। यह अध्ययन मैक्स हेल्थकेयर के समूह चिकित्सा निदेशक डॉक्टर संदीप बुद्धिराजा के निर्देशन में किया गया।
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