श्रीलंका में कोरोनावायरस संक्रमण का पहला केस मिलते ही लगा दिया था Lockdown
कोरोना संक्रमण से आम जन को बचाने के लिए श्रीलंका सरकार ने संक्रमण का पहला केस मिलते ही तत्परता दिखाते हुए तेजी से निर्णय लेकर कर्फयू लगाया तो वहां आज विकसित देशों के मुकाबले में स्थिति नियंत्रण में है।
श्रीलंका के जाने-माने चैनल कम्युनिकेशन स्पेशलिस्ट रोहित हेटियारचेटी की वेबदुनिया से खास बातचीत में बताया कि कोविड-19 के दौरान मैंने घर पर रिश्तों में तालमेल बैठाने के साथ ही घर पर किस प्रकार का भोजन बनाया जा सकता है, इसके बारे में भी सीखा। लॉकडाउन (Lockdown) के दौरान ऑफिस के कार्य घर से ही किए। घर के लिए आवश्यक सामग्री को ऑनलाइन ऑर्डर किया। इनमें किराना सामान से लेकर दवाइयां तक शामिल है।
लॉकडाउन के दौरान अनेक मीटिंग और यात्राओं को भी कैंसिल करना पड़ा। यहां लॉकडाउन के दौरान करीब 55 दिन तक कर्फयू था, जिससे हम घरों में ही कैद रहे। लॉकडाउन के दौरान यहां पर लूट एवं डकैती की भी कुछ घटनाएं हुई। इन घटनाओं में वे लोग थे, जिन्होंने अपनी दैनिक कमाई को लॉकडाउन के जरिए खो दिया था।
खतरा भांपते ही लगाया कर्फ्यू : श्रीलंका सरकार ने कोविड-19 के संक्रमण के खतरों को देखते हुए तुरंत प्रभाव से कर्फ्यू लगाने का निर्णय लिया। प्रभावित लोगों को सेल्फ क्वारंटाइन करने के साथ ही एयरपोर्ट को सील कर दिया गया। सभी सार्वजनिक स्थान भी पूर्णत: बंद रहे। कोविड से बचने के लिए घरों के चारों तरफ सेनिटाइ किया गया। सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क एवं स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा गया।
संक्रमण एवं इससे उत्पन्न खतरों को लेकर मीडिया ने समय-समय पर जागरूक करने का काम किया। इस संबंध में समय-समय पर टीवी चैनल्स पर डिस्कशन भी दिखाए गए। इनमें हैल्थ एक्सपर्ट एवं सुरक्षाकर्मियों ने भी भाग लिया। सोशल मीडिया पर फेक न्यूज भी चलती रही।
अर्थव्यवस्था पर दुष्प्रभाव : कोविड-19 के कारण अर्थव्यवस्था पर बहुत ही बुरा प्रभाव पड़ा। कोई भी यह अनुमान लगाने की स्थिती में नहीं है कि स्थितियां कब पहले जैसी होंगी। विज्ञापन, ब्रांडिंग, विक्रय, मार्केटिंग आदि इंडस्ट्री पर भी इसका व्यापक प्रभाव देखने को मिला है। श्रीलंका में पर्यटन पर भी बहुत बुरा प्रभाव पड़ा है। श्रीलंका के ग्रामीण क्षेत्र में कृषि एवं वनस्पति पर निर्भरता के कारण ग्रामीण क्षेत्र में लोग आत्मनिर्भर रहे। जबकि शहरी क्षेत्रों में लोगों को घरेलू तंत्र पर निर्भरता के कारण उन पर अधिक प्रभाव देखा गया।
कोविड-19 के संकट में कुछ राजनेताओं ने परिस्थिति का भरपूर लाभ उठाने की कोशिश की। दूसरी ओर कई अन्य नेता नैतिकता का परिचय दूसरोंह की मदद के लिए भी आगे आए। हेटियारचेटी करीब 25 सालों से मीडिया वेस्ट ग्रुप, एटीएल एवं बीटीएल मीडिया, ग्रुप एम, यूनिलिवर सहित अनेक कंपनियों में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। इन्हें श्रीलंका, बांग्लादेश, म्यांमार, नेपाल, पाकिस्तान सहित अनेक देशों में कार्य करने का अनुभव है।