वयस्कों के मुकाबले बच्चों के लिए कम खतरनाक है Corona
न्यूयॉर्क। वयस्कों के मुकाबले बच्चों में कोरोना वायरस (Corona virus) संक्रमण और मृत्यु दर का खतरा कम होता है क्योंकि बच्चों की नाक में मौजूद एपिथिलियमी उत्तकों में कोविड-19 रिसेप्टर एसीई2 की मात्रा बहुत कम होती है।
एक नए अध्ययन के मुताबिक सार्स-सीओवी-2 संक्रमण के लिए पहले स्तर के रिसेप्टर एसीई2 की मात्रा और मानव शरीर की बनावट में यह राज छुपा है कि आखिर बच्चों के मुकाबले वयस्क इस संक्रमण से ज्यादा प्रभावित क्यों हो रहे हैं।
अमेरिका के माउंट सिनाई में इकान स्कूल ऑफ मेडिसिन के अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि सार्स-सीओवी-2 किसी भी होस्ट (सजीव शरीर) में प्रवेश करने के लिए रिसेप्टर एसीई2 का उपयोग करता है।
‘जेएएमए’ पत्रिका में प्रकाशित इस अध्ययन के लिए 4 से 60 साल आयु वर्ग के 305 मरीजों का न्यूयॉर्क के माउंट
सिनाई हेल्थ सिस्टम में विश्लेषण किया गया। अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि बच्चों की नाक के एपिथिलियमी उत्तकों में एसीई2 की मात्रा कम होती है जो बढ़ती उम्र के साथ-साथ बढ़ती है।
उनका कहना है कि इस अनुसंधान से यह गुत्थी सुलझ सकती है कि आखिरकार वयस्कों के मुकाबले बच्चों में
कोविड-19 संक्रमण की संख्या और इससे होने वाली मौतें कम क्यों हैं।(भाषा)