मंगलवार, 24 दिसंबर 2024
  • Webdunia Deals
  1. समाचार
  2. मुख्य ख़बरें
  3. कोरोना वायरस
  4. Corona vaccine ready in Britain, preparing to test on 10 people
Written By
Last Updated : शुक्रवार, 22 मई 2020 (18:17 IST)

ब्रिटेन में Corona का टीका तैयार, 10 हजार लोगों पर परीक्षण की तैयारी

ब्रिटेन में Corona का टीका तैयार, 10 हजार लोगों पर परीक्षण की तैयारी - Corona vaccine ready in Britain, preparing to test on 10 people
लंदन। ब्रिटिश वैज्ञानिकों द्वारा कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 के इलाज के लिए तैयार प्रायोगिक टीके का परीक्षण अगले चरण में पहुंच रहा है और सफल होने पर इसे 10 हजार से अधिक लोगों को लगाने की तैयारी की जा रही है।

उल्लेखनीय है कि पिछले महीने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने प्रायोगिक टीके का प्रभाव और सुरक्षा की जांच करने के लिए एक हजार से अधिक स्वयंसेवकों पर परीक्षण की शुरुआत की थी। वैज्ञानिकों ने शुक्रवार को घोषणा की कि उनकी योजना अब पूरे ब्रिटेन में बच्चों और बुजुर्गों सहित 10,260 लोगों पर इस टीके का परीक्षण करने की है।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय में टीका विकसित करने के काम में लगी टीम का नेतृत्व कर रहे एंड्रयू पोलार्ड ने कहा, 
चिकित्सीय अध्ययन बहुत बेहतर तरीके से आगे बढ़ रहा है और हम बुजुर्गों में भी इस टीके का परीक्षण शुरू करने जा रहे हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या यह टीका पूरी आबादी को सुरक्षा मुहैया करा सकता है।

इस हफ्ते की शुरुआत में दवा निर्माता एस्ट्राजिनसा ने कहा था कि उसने ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित टीके की 40 करोड़ खुराक के लिए करार किया है। टीके के विकास, उत्पादन और वितरण के लिए अमेरिकी सरकार की एजेंसी ने एक अरब डॉलर का निवेश किया है।

कोरोना वायरस के इलाज के लिए करीब एक दर्जन संभावित टीके मानव पर परीक्षण शुरू करने के लिए शुरुआती चरण में पहुंच गए हैं या शुरू होने वाले हैं। इनमें से अधिकतर चीन, अमेरिका और यूरोप के हैं एवं दर्जनों अन्य टीके विकास के शुरुआती दौर में हैं।

अब तक वैज्ञानिकों ने इतने कम समय में कोई टीका विकसित नहीं किया है और अभी यह स्पष्ट नहीं है कि अंतत: क्या ये टीके सुरक्षित और प्रभावी साबित होंगे। ऐसी संभावना है कि शुरुआत में प्रभावी दिखने वाला टीका बड़े स्तर पर होने वाले परीक्षण में नाकाम हो जाए। इसलिए यह बहुत महत्वपूर्ण है।

कई संभावित टीकों को अलग-अलग प्रौद्योगिकी से विकसित किया जा रहा है और इससे कम से कम एक के सफल होने की उम्मीद बढ़ जाती है। अधिकतर विकसित हो रहे टीकों की कोशिश शरीर में प्रतिरोधक क्षमता को विकसित करना है ताकि नए कोरोना वायरस के सतह पर मौजूद प्रोटीन की शरीर पहचान कर वास्तविक संक्रमण होने से पहले ही उसे नष्ट कर दे।

ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा तैयार टीके में नुकसान नहीं पहुंचाने वाले चिम्पैंजी कोल्ड वायरस का इस्तेमाल किया गया है। इसमें ऐसे बदलाव किए गए हैं ताकि शरीर कोरोना से लड़ने वाले प्रोटीन से युक्त हो जाए। चीनी कंपनी भी इसी तकनीक पर टीका विकसित कर रही है।

कोरोना वायरस के खिलाफ टीका विकसित करने के अन्य प्रमुख दावेदारों में अमेरिका स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ एंड मोडेर्ना इंक और इनवियो फार्मास्युटिकल है। दोनों टीकों में प्रयास किया जा रहा है कि कोरोना वायरस की आनुवांशिकी को शरीर में प्रतिरोपित किया जाए ताकि वह स्वयं प्रतिरोधी प्रोटीन (एंटीबॉडी) विकसित करें जो प्रतिरोधिक क्षमता के लिए जरूरी है।
इस बीच, कंपनियां और सरकारें टीकों का उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं ताकि सफल टीके की करोड़ों 
खुराक उत्पादित की जा सकें। माना जा रहा है कि कंपनियों और सरकारों के लिए यह जुए की तरह है। अगर यह असफल होता है तो बड़ी राशि की बर्बादी होगी लेकिन सौभाग्य से सफल होने पर कुछ महीनों में ही बड़े पैमानें पर लोगों को टीके देने की शुरुआत हो सकती है।(भाषा) 
ये भी पढ़ें
तीसरे माले से लटकती रस्सी पर टिकी दिल्ली में कोरोना योद्धा के परिवार की जिंदगी