आगरा के पारस हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी के चलते मॉकड्रिल की गई थी, जिसमें 5 मिनट के लिए 97 पेशेंट की ऑक्सीजन बंद कर दी गई थी, जिसके चलते 22 मरीजों की छंटनी हो गई।
ये अस्पताल के संचालक अपने स्टाफ को कहानी सुना रहे थे, तभी पूरी बातचीत के 4 वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। 22 पेशेंट्स की मौत की खबर वायरल होते ही आगरा से लखनऊ तक हड़कंप मच गया। जिलाधिकारी ने जांच टीम का गठन कर दिया है। हालांकि अभी जांच चल रही है, लेकिन इसी बीच स्वास्थ्य विभाग ने पारस अस्पताल पर सील लगा दी है, साथ ही अस्पताल का लाइसेंस निरस्त करते हुए आगामी जांच जारी रहेगी।
पारस अस्पताल पर आखिरकार गाज गिर ही गई। स्वास्थ्य विभाग ने आज बड़ी कार्रवाई करते हुए पूरे अस्पताल को सील कर दिया है। सील करने के बाद अस्पताल गेट पर स्वास्थ्य विभाग का नोटिस भी चस्पा किया गया है। इस पर लिखा है- ये अस्पताल आज दिनांक 8 जून से बंद है।
हॉस्पिटल सील करने से पहले वहां मौजूद 55 मरीजों को अन्य अस्पताल में स्वास्थ्य विभाग या पेशेंट्स की परिजनों द्वारा अन्य अस्पताल में शिफ्ट किया गया। हालांकि अभी तक अस्पताल के संचालक डॉक्टर अरिन्जय को गिरफ्तार नहीं किया जा सका है, जिसके चलते स्थानीय लोगों में नाराजगी है।
गौरतलब है कि पारस अस्पताल का 26/27 अप्रैल का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें ऑक्सीजन संकट के दौरान अस्पताल संचालक ने एक में मॉक ड्रिल की थी, इस दौरान 5 मिनट के लिए 97 पेशेंट्स की ऑक्सीजन सप्लाई रोक दी गई, संचालक के शब्दों में 5 मिनट के अंदर 22 मरीजों की छंटनी की बात सामने आ रही है, सोशल मीडिया पर 22 गंभीर मरीजों की मौत की बात सामने आते ही प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए और जांच टीम गठित कर दी। जांच टीम 2 दिन बाद भी छंटनी के 22 मरीजों का ब्योरा नही दे पाई है।
पारस अस्पताल का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही राजनीतिक दल भी सक्रिय हो गए हैं। विरोधियों ने सरकार पर टीका-टिप्पणी शुरू कर दी। आगरा के डीएम प्रभु एन सिंह ने मंगलवार को हॉस्पिटल के खिलाफ महामारी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज करने और सील लगाने के आदेश दिए थे।
मीडिया की सुर्खियों में मामला आते ही पूरे प्रदेश में अस्पताल और प्रबंधन के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग होने लगी। प्रमुख सचिव गृह ने भी मामले में अस्पताल मालिक के खिलाफ मामला दर्ज करने का आदेश दिया था।
पारस अस्पताल पर सील लगाने आज सुबह 12 बजे एडिशनल सीएमओ के साथ स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच गई। सील लगाने के बाद मीडिया से रूबरू होते हुए एडिशनल सीएमओ ने बताया कि फिलहाल अस्पताल पर सील लगाई गई है, इसका लाइसेंस भी निरस्त कर दिया गया है, अस्पताल के खिलाफ जांच के लिए कमेटी गठित है, जो साक्ष्य जुटा रही और जांच कर रही है। जांच रिपोर्ट के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।
वायरल वीडियो अप्रैल माह में हुए ऑक्सीजन संकट के संदर्भ में है। बात करें सरकारी रिकॉर्ड तो उसमें 26 अप्रैल को पारस हॉस्पिटल में कोरोना से 4 मरीजों की मौत दर्ज है। आगरा डीएम प्रभु नारायणसिंह के मुताबिक 26/27 अप्रैल 2021 को ऑक्सीजन की कमी हुई थी।
जानकारी मिलते ही स्वास्थ्य विभाग के साथ प्रशासन की टीम अस्पतालों को ऑक्सीजन पहुंचाती रही थी। डीएम के मुताबिक 26 अप्रैल को पारस हॉस्पिटल में कोरोना के 97 मरीज भर्ती थे जिनमें से 4 की मौत हो गई थी। सूत्रों के मुताबिक मिली जानकारी के मुताबिक अस्पताल में पर्याप्त ऑक्सीजन थी, अस्पताल संचालक द्वारा इस तरह का भ्रम फैलाने के पीछे क्या मकसद था, उसकी भी जांच की जा रही है।