गुरुवार, 17 अप्रैल 2025
  • Webdunia Deals
  1. धर्म-संसार
  2. ज्योतिष
  3. सूर्य ग्रहण
  4. Kankanakruti surya grahan 2021

Solar Eclipse 2021: कंकणाकृति सूर्यग्रहण कहां-कहां दिखाई देगा, जानिए

10 june 2021 surya grahan time
10 जून 2021 गुरुवार अमावस्या को ज्योतिष की दृष्टि में वर्ष का पहला सूर्यग्रहण होने जा रहा है जिसे कृंकणाकृति सूर्य ग्रहण कहा जा रहा है। इसके बाद वर्ष का दूसरा ग्रहण 4 दिसंबर 2021 को दिखाई देगा। पहला सूर्यग्रहण कंकणाकृति का सूर्य ग्रहण होगा।
 
 
कहां दिखाई देगा सूर्य ग्रहण? : यह सूर्य ग्रहण उत्तरी अमेरिका के उत्तर पूर्वी भाग, उत्तरी एशिया और उत्तरी अटलांटिक महासागर में दिखाई देगा। भारतीय मानक समयानुसार इन हिस्सों में ग्रहण का प्रारंभ 1 बजकर 43 मिनट पर दिन में होगा तथा इसका मोक्ष 6 बजकर 41 मिनट शाम को होगा।

क्या भारत में लगेगा सूतक काल ? : यह सूर्य ग्रहण भारत में न के बराबर दिखाई देगा। इसलिए इसका सूतक काल मान्य नहीं होगा। शास्त्रों के अनुसार उपच्छाया ग्रहण या ना दिखाई देना वाले ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होता है।
 
 
सूर्य ग्रहण के 3 प्रकार : 1.खग्रास या पूर्ण, 2.खंडग्रास या मान्द्य, 3.वलयकार या कंकणाकृति। 
 
कैसे होता है सूर्य ग्रहण : जब पृथ्वी पर चंद्रमा की छाया पड़ती है तब सूर्य ग्रहण होता है। मतलब सूर्य और धरती के बीच जब चंद्रमा आ जाता है तब सूर्य ग्रहण होता है। पूर्ण छाया खग्रास, आंशिक छाया खंडग्रास और जिसमें सूर्य के बीचोबीच छाया हो और आसपास से सूर्य नजर आए वह वलयकार ग्रहण होता है। ग्रहण के दौरान सूर्य में छोटे-छोटे धब्बे उभरते हैं जो कंकण के आकार के होते हैं इसीलिए भी इसे कंकणाकृति सूर्यग्रहण कहा जाता है।
 
 
कंकणाकृति सूर्यग्रहण ( kankanakruti suryagrahan ): सूर्य, चंद्र और धरती जब एक सीध में होते हैं अर्थात चंद्र के ठीक राहु और केतु बिंदु पर ना होकर ऊंचे या नीचे होते हैं तब खंड ग्रहण होता और जब चंद्रमा दूर होते हैं तब उसकी परछाई पृथ्‍वी पर नहीं पड़ती तथा बिंब छोटे दिखाई देते हैं। उसके बिम्ब के छोटे होने से सूर्य का मध्यम भाग ढक जाता है। जिससे चारों और कंकणाकार सूर्य प्रकाश दिखाई पड़ता है। इस प्रकार के ग्रहण को कंकणाकार सूर्य ग्रहण कहते हैं।