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Last Updated : गुरुवार, 16 जून 2022 (17:42 IST)

जानिए मोमोज की पूरी कहानी, जिसको लेकर दिल्ली AIIMS ने कहा - 'इसे सावधानी से खाएं'

जानिए मोमोज की पूरी कहानी, जिसको लेकर दिल्ली AIIMS ने कहा - 'इसे सावधानी से खाएं' full story of momos from its origination to recipe - full story of momos from its origination to recipe
मोमोज आजकल हम सभी के मनपसंद बन गए हैं। दोस्तों से मिलने का बहाना हो या फॅमिली के साथ कुछ चटपटा खाना हो ... मोमोज की याद सबसे पहले आती है। इनका स्वाद इतना मनभावन होता है कि अक्सर हम मसालेदार मोमज को लाल चटनी और मेयोनेज के साथ बिना चबाए निगल जाते हैं। लेकिन, हाल ही में ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) ने मोमोज खाने को लेकर सुरक्षा निर्देश जारी किए हैं, जिसके बाद से मोमोज के सोशल मीडिया पर मोमोज के फायदे-नुक्सान गिनाए जा रहे हैं। आइए जानते है कि आखिर ये मोमोज आए कहां से, इन्हे कैसे बनाया जाता है, इन्हे खाने से हमारे स्वास्थ पर पड़ता है क्या असर और किस वजह से मोमोज आजकल चर्चाओं में हैं?  
 
नेपाल से मोमोज का आविष्कार 
मोमोज का आविष्कार नेपाल में हुआ था। यह एक 600 साल पुरानी डिश है। ये शुरू में काठमांडू घाटी के लोगो द्वारा खाए जाने वाले प्रमुख व्यंजनों में से एक था। धीरे-धीरे ये व्यंजन तिब्बत, चीन और जापान होते हुए एक नेपाली राजकुमारी द्वारा दुनिया के अन्य देशों में पेश किया गया। सोशल मीडिया पर खाने के व्यंजनों की वीडियो बनाकर डालने वाले फूड व्लॉगेर्स ने इसे और अधिक प्रचलन में ला दिया, जिसके बाद इसका जिक्र कई वेब सीरीज में कॉलेज के बच्चों के मनपसंद नाश्ते के रूप में हुआ। इसके बाद ये पूरी दुनिया में लाखों लोगों का पसंदीदा बन गया।
 
 
कैसे बनाएं मोमोस:
 
1. सबसे पहले मैदा, नमक और बेकिंग पाउडर मिलाएं और पानी से सख्त आटा गूंथ लें।
2. तेल गरम करें और उसमें प्याज और लहसुन डालें।
3. इसे तेज आँच पर भूनें और गाजर और पत्ता गोभी डालें। तेज आँच पर पलटें जब तक कि चमकदार न हो जाए। 
4. इसे आँच से उतार लें और सोया सॉस, नमक, सिरका और काली मिर्च में मिलाएं। 
5. आटे को पतला (पारदर्शी) बेलें और 4-5 के गोल आकार में काट लें।
6. अब इन गोल रोटियों  के किनारे पर पानी लगाएं और बीच में कुछ फिलिंग रखें।
7.  किनारों को एक साथ लेकर फिलिंग को ढंकें।  
8. बाकी को भी इसी तरह से सील करके भर दें।
9. 10 मिनट के लिए स्टीम करें और सोया सॉस और चिली सॉस के साथ परोसें।
 
स्वाद है 'मजेदार' लेकिन बिगाड़ सकता है 'पेट का मूड':
 
रेसिपी पढ़कर आप समझ ही गए होंगे कि मोमोज का स्वाद कितना मजेदार होता है। लेकिन मैदे की स्टीम की हुई डिश आपके पाचन तंत्र को हानि भी पहुंचा सकती है। जब हम बाहर जाकर किसी ठेले, कैफे या होटल के मोमोस खाते हैं तो उनके साथ परोसी गई चटनी बहुत तीखी होती है या यूं कह लीजिए की मोमोज को तीखी चटनी के साथ ही खाया जाता है। ये चटनी आपके पेट में एसिडिटी का कारण बन सकती है।  इसलिए, हो सके तो इन्हे अपने हिसाब से घर पर ही बनाएं और बेफिक्र होकर खाएं। 
 
AIIMS ने क्यों कहा - 'मोमोज संभलकर खाएं'
हाल ही में दिल्ली AIIMS के विशेषज्ञों ने कहा था कि मोमोज की सतह फिसलन भरी होती है और अगर हम इन्हे बिना चबाए निगल जाएं तो हमारी मृत्यु भी हो सकती है। एक 50 वर्षीय व्यक्ति की मोमोज खाने के बाद दम घुटने से मौत हो गई थी, इसी वजह से मोमोज खाने को लेकर भी सुरक्षा निर्देश जारी किए गए थे कि इन्हे 'सावधानी से खाएं'. 
 
आजकल हम बाजार में आई किसी भी खाने की वस्तु को अपने दोस्तों की देखा-देखि के कारण बिना सोचे-समझे खा लेते हैं। हमे ये भी नहीं पता होता कि उस डिश को खाने से हमारे स्वास्थ पर उसका क्या प्रभाव पड़ेगा। इसलिए, अब जब भी ऐसी कोई चीज खाएं तो ये जान लें कि हमारी जीभ के साथ साथ हमारे शरीर पर उसका क्या असर पड़ेगा।