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  4. 21 June Yoga Day 2022 Agnisara Pranayama

अग्निसार प्राणायाम को करने से कब्ज, मोटापा सहित सभी रोग दूर होंगे

Agnisar Pranayama : अग्निसार प्राणायाम को क्रिया योग के अंतर्गत माना जाता है। इस प्राणायाम से शरीर के अंदर अग्नि उत्पन होती है जिसके चलते शरीर के भीतर के कई तरह के रोगाणु नष्ट हो जाते हैं। इसे प्लाविनी क्रिया भी कहते हैं।
 
अग्निसार प्राणायाम विधि (Agnisar Pranayama Vidhi) : इस प्राणायाम का अभ्यास खड़े होकर, बैठकर या लेटकर तीनों तरह से किया जा सकता है। आप चाहे तो सिद्धासन में बैठकर दोनों हाथ को दोनों घुटनों पर रखें और शरीर को स्थिर करें। अब पेट और फेंफड़े की वायु को बाहर छोह़ते हुए उड्डीयान बंध लगाएं अर्थात पेट को अंदर की ओर खींचे।
 
सहजता से जितनी देर श्वास रोक सके रोंके और पेट को नाभि पर से बार-बार झटके से अंदर खींचें और ढीला छोड़ें अर्थात श्वास को रोककर रखते हुए ही पेट को तेजी से 3 बार फुलाएं और पिचकाएं। ध्यान मणिपुर चक्र (नाभि के पीछे रीढ़ में) पर रहे। यथाशक्ति करने के बाद श्वास लेते हुए श्वास को सामान्य कर लें।
 
अग्निसार प्राणायाम के लाभ (Agnisar pranayama benefits) : यह क्रिया हमारी पाचन प्रक्रिया को गति‍शील कर उसे मजबूत बनाती है। शरीर के सभी तरह के रोगाणुओं को भस्म कर शरीर को स्वस्थ करती है। यह क्रिया पेट की चर्बी घटाकर मोटापे को दूर करती है ता यह कब्ज में भी लाभदाय है।
 
अग्निसार प्राणायाम की सावधानी (Cautions of Agnisar Pranayama) : प्राणायाम का अभ्यास स्वच्छ व साफ वातावरण में दरी या चटाई बिछाकर करना चाहिए। यदि पेट संबंधि किसी भी प्रकार का कोई गंभीर रोग हो तो यह क्रिया नहीं करना चाहिए।
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