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Written By WD

रिज्यूम बनाने का सरल तरीका

रिज्यूम बनाने का सरल तरीका -
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किसी भी नौकरी के लिए जाने से पहले आपके पास एक अच्छा रिज्यूम होना जरूरी है, जो आपकी इमेज और आपके काम के बारे में सही-सही बताता हो।

रिज्यूम बनाते समय अगर आप इन बातों का ध्यान रखेंगे, तो निश्चित ही आपको नौकरी पाने में आसानी होगी। यहां प्रस्तुत हैं कुछ खास बातें-

रिज्यूम के नोट्‍स : सबसे पहले अपने विषय में जो खास जानकारी आप रिज्यूम में देना चाहते हैं, उन्हें नोट कर लें। रिज्यूम बनाने से पहले अपने बारे में सभी फेक्‍चुअल इंफॉर्मेशन, तारीख आदि इकट्ठा कर लें फिर रिज्यूम की तैयारी करें।

पर्सनल डिटेल्स : किसी भी रिज्यूम की शुरुआत अपने विषय में व्यक्तिगत जानकारी से शुरू की जाती है जिसमें आपका नाम-पता और मोबाइल नंबर व ई-मेल आईडी होना चाहिए।

करियर का टारगेट : अब आप अपने रिज्यूम में ऐसा कुछ लिखें, जो ये दर्शाता हो कि आपने अपने करियर के लिए क्या टारगेट निर्धारित कर रखा है या आप कैसे काम करने वाले हैं। यहां आप अपने करियर के बारे में थोड़ी-सी जानकारी दे सकते हैं।

एकेडमिक क्वालिफिकेशन : रिज्यूम में आप अपनी शैक्षणिक योग्यताओं की जानकारी दे सकते हैं। इसमें आप क्रमश: प्रमुख परीक्षाओं के बारे में उनके मार्क्स और परसेंट के साथ उल्लेख करें।

अदर क्वालिफिकेशन : आपके पास कोई विशेष योग्यता हो तो इसकी जानकारी भी रिज्यूम में दर्ज करनी चाहिए। रिज्यूम में आप अपनी शैक्षणिक योग्यताओं के अलावा वह सर्टिफिकेट भी लगा सकते हैं, जो आपने अपनी पढ़ाई पूरी करते समय हासिल की थी। जैसे कोई क्रेस कोर्स या डिप्लोमा।

लेकिन यहां यह ध्यान देने लायक है कि आप जिस नौकरी के लिए जा रहे हैं, आपकी ये विशेषता उस काम में कितनी अहम है या फिर उस संस्थान का इससे क्या फायदा हो सकता है, इसका ध्यान रखें। अगर आपको लगता है कि इससे संबंधित संस्थान का कोई फायदा नहीं, तो इसकी जानकारी रिज्यूम में न दें तो ही अच्छा है।

एक्‍स्‍ट्रा एक्‍टि‍वि‍टीज : रिज्यूम में आप अपनी एक्‍स्‍ट्रा एक्‍टि‍वि‍टीज की जानकारी भी दे सकते हैं, जैसे आपने खेल में कुछ खास किया हो। इससे आपके एक्टिव होने का अंदाजा लगाया जा सकेगा।

वर्क एक्सपीरियंस : अब आप अपने करियर में किए गए कामों का ब्योरा दे सकते हैं। याद रखें ये सिर्फ पेज भरने के लिए नहीं होने चाहिए, बल्कि जो अहम हो उसे ही रिज्यूम में जगह दें। आप अपने पुराने अनुभवों के बारे में भी बता सकते हैं या फिर आपने दूसरे संस्थानों में अब तक क्या किया है, इसकी जानकारी दे सकते हैं।

बॉडी लैंग्वेज : रिज्यूम समिट करते समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि आपने रिज्यूम और खुद को किस तरह प्रस्तुत किया। इंपॉर्टेंट यह नहीं है कि आप क्या कहते हैं, बल्कि यह ज्‍यादा इंपॉर्टेंट है कि आप उसे किस तरह कहते हैं?

हमेशा मुस्कराते रहें : जो लोग अपने बारे में अच्छा सोचते हैं, उनकी बॉडी लैंग्वेज अक्सर बेहतर होती है। 'एटि‍ट्यूड' बड़ी काम की चीज है। इसलि‍ए जब भी आप कि‍सी से बात करें तो बॉडी लैंग्‍वेज पर जरूर ध्‍यान दें।

अंत में : सबसे खास बात रिज्यूम में कोई गलत जानकारी न दें। रिज्यूम ऐसा होना चाहिए कि सामने वाला व्यक्ति आपसे कुछ सवाल जरूर कर सके। अहम बात यह भी है कि आपका रिज्यूम किसी भी तरह से गंदा नहीं दिखाई देना चाहिए।
-वेबदुनिया संदर्भ