मेरे दुश्मनों से मिलो ये लोग भी हैं अच्छे  
					
					
                                       
                  
				  				 
								 
				  
                  				  				  																	
									   बहुत संघर्षों के बाद अब्राहम लिंकन अमेरिका के राष्ट्रपति बने। संघर्ष के दौरान उन्होंने लोगों के बदलते रूप देखे। राजनीति में जो कुछ होता है, उनके साथ भी हुआ। उनके ऊपर भी कीचड़ उछाला गया। उन्हें तरह-तरह से परेशान किया गया, लेकिन उनकी दृढ़ता के आगे विरोधियों ने हमेशा मुँह की खाई। अंततः अमेरिकी जनता ने उनके व्यक्तित्व को पहचान ही लिया। राष्ट्रपति बनने के बाद अभिनंदन समारोह में उनका एक हितैषी उन्हें बधाई देते हुए बोला- देश की कमान हाथों में आने के बाद अब आप अपनी ताकत का उपयोग अपने विरोधियों को खत्म करने में क्यों नहीं करते? उनसे बदला लेने का इससे अच्छा मौका और क्या होगा? लिंकन बोले- श्रीमान, आप यह जानकर खुश होंगे कि जैसा आप कह रहे हैं, मैं पहले से ही वैसा कर रहा हूँ। मैं एक-एक करके अपने सभी विरोधियों को खत्म कर रहा हूँ। हितैषी- अच्छा, मजा आ गया। अब उन्हें पता चलेगा। |  | 
| | आज अब्राहम लिंकन की जयंती है। आज प्रण करें कि आप सच्चे दिल से अपने विरोधियों को भी अपना बनाने की कोशिश करेंगे। यदि आप ऐसा करेंगे तो फिर आपके रास्ते के काँटे स्वतः ही हट जाएँगे, क्योंकि उन्हें आपके रास्ते पर डालने वाले दुश्मन जो नहीं रहेंगे। | 
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