• Webdunia Deals
  1. खबर-संसार
  2. व्यापार
  3. बजट 2017-18
  4. Arun Jaitley may hike service tax in Budget
Written By
Last Modified: नई दिल्ली , रविवार, 29 जनवरी 2017 (15:50 IST)

बजट में सेवाकर बढ़ाने का प्रस्ताव कर सकते हैं जेटली

बजट में सेवाकर बढ़ाने का प्रस्ताव कर सकते हैं जेटली - Arun Jaitley may hike service tax in Budget
नई दिल्ली। नई वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) प्रणाली को लागू करने की तैयारियों के बीच वित्तमंत्री अरुण जेटली वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में सेवा कर की दरों को बढ़कर 16-18 प्रतिशत के बीच करने का प्रस्ताव कर सकते हैं। वर्तमान दर 15 प्रतिशत है।

सेवाकर बढ़ने से फोन, उड़ान, रेस्तरां और तमाम अन्य प्रकार की सेवाओं का उपभोग करने वालों पर कर का बोझ बढ़ जाएगा। जीएसटी आगामी एक जुलाई से लागू करने का लक्ष्य है। जीएसटी के लागू होने पर केंद्र और राज्य सरकार की ओर से लगाए जाने वाले तमाम अप्रत्यक्ष कर इसमें समाहित हो जाएंगे।
 
आम बजट इस बार बुधवार को पेश किया जाएगा और बजट तथा वित्त विधेयक पारित कराने की पूरी प्रक्रिया नया वित्त वर्ष शुरू होने से पहले संपन्‍न करा ली जाएगी, ताकि पहली अप्रैल से ही विभाग अपने लिए प्रस्तावित बजट राशि का उपयोग शुरू कर सकें।
 
जीएसटी में कर की दरों को 5, 12, 18 और 28 प्रतिशत के स्तर पर रखने का निर्णय किया गया है। कर विशेषज्ञों के अनुसार, सेवा कर की दर को इस बार के बजट में उपरोक्त में से इसमें से एक स्तर के नजदीक ले जाना तर्कसंगत होगा। चूंकि इस समय सेवा कर की मुख्य दर 15 प्रतिशत है ऐसे में इसे 16 प्रतिशत के स्तर के करीब ले जाया जाना स्वाभाविक माना जाएगा। 
 
जेटली ने अपने पिछले बजट में सेवा कर की दर 0.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया था। विशेषज्ञों की राय में वे इस बार इसे 16 प्रतिशत तक ले जा सकते हैं, पर कुछ विशेषज्ञों की राय है कि विभिन्न सेवाओं को अलग-अलग स्तर की दरों के साथ रखा जा सकता है। ऐसे में आम लोगों के इस्तेमाल की सेवाओं पर 12 प्रतिशत और बाकी पर 18 प्रतिशत की दर रखी जा सकती है।
 
पिछले बजट में सेवा कर से 2.31 लाख करोड़ रुपए की प्राप्ति का अनुमान लगाया गया है। यह केंद्र सरकार के कुल 16.30 करोड़ रुपए के कर राजस्व के बजट अनुमान का 14 प्रतिशत है।
 
जेटली सेवाकर बढ़ाते हैं तो यह उसकी ओर से तीसरी वृद्धि होगी। पहले 1 जून, 2015 को उन्होंने सेवा कर की दर 12.36 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया था। इसके अलावा सभी सेवाओं पर 0.5 प्रतिशत की दर से स्वच्छ भारत उपकर लगाया गया, जिससे 15 नवंबर, 2015 से सेवा कर का कुल कराधान 14.5 प्रतिशत हो गया था।
 
पिछले बजट में इसमें 0.5 प्रतिशत का किसान कल्याण उपकर लगा दिया गया और इस तरह कर भार 15 प्रतिशत हो गया। (भाषा)
ये भी पढ़ें
राजीव की हत्‍या से पूर्व सीआईए ने तैयार की थी रिपोर्ट