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Last Updated : गुरुवार, 30 सितम्बर 2021 (15:38 IST)

नो टाइम टू डाय : मूवी रिव्यू

नो टाइम टू डाय : मूवी रिव्यू - No Time To Die, Movie Review, Daniel Craig, Samay Tamrakar, James Bond
लगभग 60 वर्ष पहले की बात है जब जेम्स बॉन्ड की पहली फिल्म रिलीज हुई थी। तब से अब तक 25 फिल्में प्रदर्शित हो चुकी हैं जो इस बात का सबूत है कि यह किरदार दुनिया भर में लोगों के कितना करीब और लोकप्रिय है। इस दरमियान उसने कितने ही मिशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर दुनिया को खतरे से बचाया है। 25वीं फिल्म 'नो टाइम टू डाय' महीनों से तैयार थी, लेकिन कोरोना वायरस के कारण रिलीज नहीं हो पाई थी। संयोग की बात है कि इस मूवी में भी विलेन दुनिया में खतरनाक वायरस फैला कर आतंक मचाना चाहते हैं क्योंकि उन्हें तबाही का यह सबसे आसान रास्ता लगता है। 
 
अभिनेता डेनियल क्रेग की बतौर जेम्स बांड यह आखिरी फिल्म है। इस फिल्म के लिए भी वे मुश्किल से माने थे। निश्चित रूप से डेनियल ने इस किरदार को बहुत ही सशक्त तरीके से निभाकर नई ऊंचाइयां दी है। 'नो टाइम टू डाय' में उनके करिश्माई व्यक्तित्व का भरपूर इस्तेमाल किया गया है। पहली फ्रेम से लेकर क्लोजिंग शॉट तक वे अपना प्रभाव छोड़ते हैं। भले ही उम्र के निशान उनके चेहरे पर गहरे हो गए हों, लेकिन पूरे दमखम के साथ आखिरी बार भी उन्होंने कोई कसर नहीं छोड़ी है। 
 
स्पेक्टर (2015) जहां खत्म होती है उसी के बाद से नो टाइम टू डाय शुरू होती है। ब्रेक लेकर जेम्स बॉन्ड और मेडेलीन (ली सेडौक्स) आराम से रहते हैं। जेम्स बॉन्ड संवाद भी बोलता है कि जल्दी किस बात की है अब तो हमारे पास समय ही समय है। लेकिन एक ऐसी घटना घटती है कि मेडेलीन पर से जेम्स का विश्वास उठ जाता है। इटली में फिल्माए गए इस हिस्से में एक्शन सीक्वेंस देखने को मिलता है जो इस फिल्म के लिए मूड को सेट कर देता है। 
 
अचानक सीक्रेट एजेंट 007 की जरूरत पड़ती है। एक लापता वैज्ञानिक वाल्डो ओब्रुचेव की खोज में जेम्स की मदद मांगी जाती है। इस खोजबीन में बॉन्ड का सामना एक ऐसे खलनायक से होता है जिसके इरादे बेहद खतरनाक है। 
 
इसके बाद शुरू होता है बॉन्ड का धमाका। दिल की धड़कन बढ़ाने वाले कार चेजिंग सीन, जबरदस्त एक्शन, आसमान में उड़ते प्लेन, समुंदर में तैरते जहाज बैकग्राउंड में बजती जेम्स बांड फिल्मों की सिग्नेचर ट्यून और टक्स में सुपरहॉट जेम्स बॉन्ड जमैका, इटली, क्यूबा से लेकर रशिया और जापान के बीच मौजूद एक गुप्त द्वीप तक में अपने झंडे गाड़ देता है।


 
एक्शन के अलावा भी इस फिल्म में बहुत कुछ है। खासतौर पर कहानी पर खासी मेहनत की गई है। परत दर परत रहस्य खुलते जाते हैं और जेम्स बॉन्ड धीरे-धीरे आगे बढ़ते जाता है। एक्शन का मजा लेने के साथ-साथ दर्शकों को कहानी के दांवपेंच समझने के लिए अलर्ट रहना पड़ता है क्योंकि घटनाक्रम तेजी से घटते हैं। कहानी की जटिलता और उससे जुड़े किरदारों के तार फिल्म में दर्शकों की रूचि बढ़ाने के लिए काफी है।  
 
फिल्म के शुरुआत में इटली और क्यूबा में फिल्माए गए सीक्वेंस बहुत बढ़िया हैं। ह्यूमर और एक्शन के साथ कहानी को आगे बढ़ाया गया है। फिल्म का क्लाइमैक्स और बेहतर हो सकता था क्योंकि यहां दर्शक एक्शन को मिस करते हैं और अंत कुछ ऐसा किया गया है जो इमोशनल कर देता है। डेनियल क्रेग की एक अमिट छाप छोड़ता है। 
 
नो टाइम टू डाय 163 मिनट लंबी है जिसकी शिकायत कुछ दर्शकों को हो सकती है। खासतौर पर कुछ दृश्य लंबे खींचे गए हैं जिन्हें छोटा किया जा सकता था, लेकिन निर्देशक कैरी जोजी फुकुनागा ने यह फिल्म जेम्स बॉन्ड के फैंस के लिए बनाई है जो एक ही टिकट में बहुत ज्यादा उम्मीद के साथ आते हैं और ये सब बातें समेटने में फिल्म की लंबाई अगर बढ़ती है तो फुकुनागा ने इस बात को इग्नोर किया है। फिल्म का खलनायक सुस्त लगता है और उसे ज्यादा फुटेज दिए जाने थे जिससे कहानी की गहराई बढ़ती।  
 
जेम्स बॉन्ड जिन बातों के लिए जाना जाता है वो चिर-परिचित लाइनें और लड़कियों के बीच उसकी लोकप्रियता को इस फिल्म में भी प्रमुखता दी गई है। जहां तक एक्शन की बात है तो वो ओल्ड फैशन लग सकता है, लेकिन जेम्स बॉन्ड का एक्शन ऐसा ही होता है और इसे बिग स्क्रीन पर देखना अच्छा लगता है। 


 
सिनेमाटोग्राफी और बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म को भव्यता प्रदान करती है। लिनस सैंडग्रेन का कैमरावर्क लाजवाब है। पहली फ्रेम से लेकर आखिरी फ्रेम तक उनका कमाल नजर आता है। एरियल शॉट जहां आंखों को ठंडक पहुंचाते हैं वहीं एक्शन सीक्वेंस बेहद सफाई के साथ शूट किए गए हैं। लाइट्स का बहुत अच्छा उपयोग फिल्म में किया गया है। ज्यादातर आउटडोर शॉट अलसुबह और शाम को शूट किए गए हैं जो किरदार के मूड्स को बयां करते हैं। 
 
हैंस ज़िम्मर का बैकग्राउंड म्यूजिक फिल्म के दृश्यों को ऊंचाइयां प्रदान करता है। खामोशी का भी उन्होंने अच्छा इस्तेमाल किया है। उनके संगीत के उतार-चढ़ाव फिल्म की तीव्रता को बढ़ाते हैं। फिल्म के शुरुआत में दिखाए गए क्रेडिट टाइटल्स भी देखने लायक हैं। 
 
डेनियल क्रेग के अलावा रामी मालेकी, ली सेडौक्स, नाओमी हैरिस, क्रिस्टोफ़ वाल्ट्ज सहित सारे कलाकारों ने बेहतरीन एक्टिंग की है। अपने-अपने रोल में उन्होंने 100 प्रतिशत दिया है। 
 
नो टाइम टू डाय एक पारंपरिक बॉन्ड फिल्म है, जिसमें आपको सीट पर बैठाए रखने के लिए पर्याप्त गुण हैं। डेनियल क्रेग के लिए भी यह फिल्म देखी जा सकती है जो आखिरी बार जेम्स बॉन्ड के किरदार में नजर आए हैं। नए कलाकार के लिए डेनियल की जगह लेना बहुत कठिन होगा। 
 
निर्देशक : कैरी जोजी फुकुनागा
कलाकार : डेनियल क्रेग, रामी मालेकी, ली सेडौक्स, लशाना लिंचो, बेन व्हिस्वा, नाओमी हैरिस, जेफरी राइट, क्रिस्टोफ़ वाल्ट्ज
अवधि : 2 घंटे 43 मिनट 
रेटिंग : 4/5