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भारत : फिल्म समीक्षा

भारत : फिल्म समीक्षा - Bharat, Salman Khan, Katrina Kaif, Samay Tamrakar, Ali Abbas Zafar, Bharat Movie Review in Hindi
पिछली दो ईदों पर ट्यूबलाइट और रेस 3 से निराश हो चुके सलमान के फैंस के लिए 'भारत' राहत लेकर आती है क्योंकि ये उन दोनों फिल्मों से बेहतर है। भारत एक इमोशनल एंटरटेनर है जिसमें भारत नामक किरदार की 1947 से 2010 की यात्रा दिखाई गई है। 
 
दक्षिण कोरियाई फिल्म 'ओड टू माय फादर' के हिंदी रीमेक 'भारत' के रिलीज के पूर्व चर्चा थी कि इसमें भारत के किरदार के साथ-साथ भारत देश में हुई प्रमुख घटनाओं को दर्शाया जाएगा, लेकिन यह फिल्म 'भारत' देश के मुकाबले 'भारत' नामक कैरेक्टर की जर्नी को ज्यादा हाइलाइट करती है। 
 
1947 में बंटवारा हुआ और उस दौरान भड़के दंगों में हजारों जानें गईं। भारत की उम्र उस समय तकरीबन आठ साल थी। ट्रेन में भागते समय भारत का अपनी छोटी बहन से हाथ छूट जाता है। उसके पिता भारत से यह वचन लेकर अपनी बेटी को ढूंढने के लिए निकलते हैं कि वह हमेशा अपने परिवार का ध्यान रखेगा। ट्रेन चल पड़ती है। मां और अपने छोटे भाई बहनों के साथ भारत दिल्ली चला आता है और उसे ताउम्र इस बात का अपराध बोध रहता है कि उसके कारण बहन और पिता से उसका परिवार बिछड़ गया। 
 
इस अपराध बोध के साथ वह बड़ा होता है। सर्कस में मौत के कुएं का खेल दिखाता है। इस कुएं से निकल कर वह खाड़ी देश में तेल के कुएं में काम करता है। अपनी बुआ की दुकान चलाता है। मालवाहक जहाज पर भी काम करता है और समुद्री डाकू से लड़ाई भी करता है। हर जगह हीरोगिरी दिखाने वाले भारत को उस दिन का इंतजार है जब वह अपने खोए पिता और बहन को मिल पाएगा और इंतजार करते-करते वह बूढ़ा हो जाता है। 
 
अब्बास अली ज़फर ने कोरियाई फिल्म का भारतीयकरण किया है। यदि वे सलमान के किरदार के साथ-साथ देश में हुई प्रमुख घटनाओं को भी जोड़ते या उसका असर सलमान के किरदार पर दिखाते तो निश्चित रूप से यह बेहतरीन फिल्म होती। 
 
फिल्म लिखते समय अली, सलमान की सुपरसितारा वाली छवि से अपने आपको मुक्त नहीं कर पाए। उन्हें सलमान के फैंस को खुश करने का विचार भी डराता रहा। इस वजह से 'भारत' कहीं एक टिपिकल सलमान खान एंटरटेनर बन गई और कहीं सलमान की उन फिल्मों से अलग भी लगती है जो हम देखते आए हैं। 
 
अच्‍छी बात यह है कि सलमान के प्रशंसकों को भी अली ने खुश किया है और एक फिल्मकार के रूप में अपनी उपस्थिति भी दर्ज कराई है। निर्देशक के रूप में अली की फिल्म पर पकड़ मजबूत है। उन्होंने मनोरंजन का ग्राफ फिल्म में गिरने नहीं दिया और लंबी फिल्म होने के बावजूद 'भारत' बोर नहीं करती। 
 
कहां पर सलमान को एक टिपिकल हीरो के रूप में दिखाना है, कहां पर इमोशनल और कॉमेडी वाले दृश्यों को रखना है यह काम अली ने बेहतरीन तरीके से किया है, इस कारण कुछ खामियों के बावजूद यह फिल्म अच्‍छी लगती है। 
 
फिल्म में कुछ बेहतरीन दृश्य हैं, जैसे सत्तर के सलमान का अटारी में जाकर जन्मदिन मनाना, सलमान और कैटरीना का पहली बार मिलना, सलमान की बहन का नेहरू जैसा लड़का पसंद करना, खाड़ी देश में जाने के लिए फिजिकल टेस्ट देना, सतीश कौशिक का जल्दी-जल्दी बोलना, अमिताभ बच्चन के नाम पर समुद्री डाकुओं से पिंड छुड़ाना, सलमान के जीजा वाले जैसे दृश्य हंसाते हैं। 
 
फिल्म में इमोशनल सीन भी भरपूर हैं जिसमें से कई दिल को छूते हैं। इमोशन के साथ-साथ रोमांटिक सीन भी बहते रहते हैं। सलमान और दिशा पाटनी का छोटा-सा प्रेम प्रसंग है। इसके साथ ही कैटरीना कैफ और सलमान का रिश्ता बहुत ही खूबसूरत तरीके से फिल्म में दिखाया गया है। 
 
कुछ जगह बात नहीं बन पाई। सुनील ग्रोवर और नोरा फतेही वाला ट्रैक हटाया जा सकता था। 70 साल के बूढ़े को फाइट करते देखना भी पचता नहीं है। यह बात भी परेशान करती है कि युवा होने पर सलमान अपने पिता और बहन को ढूंढने के लिए पाकिस्तान क्यों नहीं जाते? हालांकि फिल्म में एक जगह वे इसका जवाब देते भी हैं, लेकिन उससे संतुष्ट नहीं हुआ जा सकता। 
 
संगीतकार के रूप में विशाल-शेखर का काम अच्छा है। फिल्म के गाने भले ही ज्यादा लोकप्रिय नहीं हुए हों, लेकिन फिल्म देखते समय अच्छे लगते हैं। 'स्लो मोशन' और 'चाशनी' के लिए सिचुएशन अच्छी बनाई है, 'अथ्थे आ' और अन्य गीत फिट नहीं बैठते हैं। 'जिंदा' भी अच्छा बन पड़ा है। 'स्लो मोशन' और 'चाशनी' का पिक्चराइज़ेशन उम्दा है। दिशा और कैटरीना का डांस देखने लायक है।
 
मार्किन लास्काविक की सिनेमाटोग्राफी जबरदस्त है। कब लांग शॉट रखना है और अब क्लोज़ अप, यह काम उन्होंने बखूबी किया है। मौत के कुएं वाला सीक्वेंस उन्होंने शानदार तरीके से फिल्माया है। जूलियस पैकियाम का बैकग्राउंड म्युजिक फिल्म की अपील को बढ़ाता है। 
 
सलमान खान ने अपना काम गंभीरता से किया है। उन्होंने किरदार को ठीक से समझा है और मैच्योरिटी के साथ उसे निभाया है। वे बूढ़े के रूप में भी अच्छे लगते हैं, हालांकि उनका जो मेकअप किया गया है उसमें वे उम्र से कम लगते हैं। 
 
कम मेकअप में कैटरीना कैफ को देखना दर्शकों को अलग अनुभव देता है। उनकी एक्टिंग नैचुरल है और सलमान के साथ उनकी केमिस्ट्री फिल्म का लेवल ऊंचा करती है। सुनील ग्रोवर ने दोस्त के रूप में सलमान का साथ अच्छा निभाया है। 
 
जैकी श्रॉफ का रोल छोटा है, लेकिन असर छोड़ता है। छोटे से रोल में सतीश कौशिक हंसाते हैं। आसिफ शेख ने जो भी मौके मिले हैं, उन्हें अच्छी तरह से भुनाया है। दिशा पाटनी भी छोटे से रोल में प्रभावित करती हैं। सोनाली कुलकर्णी, तब्बू, नोरा फतेही, ब्रजेन्द्र काला, कुमुद मिश्रा, शशांक अरोरा के लिए ज्यादा करने को कुछ नहीं था। 
 
भारत एक मनोरंजक फिल्म है और सिनेमाघर आप एक अच्छी फील के साथ छोड़ते हैं। 
 
बैनर : रील लाइफ प्रोडक्शन्स, सलमान खान फिल्म्स, टी-सीरिज
निर्माता : अतुल अग्निहोत्री, अलवीरा खान, भूषण कुमार, कृष्ण कुमार, निखिल नामित, सलमान खान
निर्देशक : अली अब्बास ज़फर
कलाकार : सलमान खान, कैटरीना कैफ, तब्बू, दिशा पाटनी, सुनील ग्रोवर, सतीश कौशिक, जैकी श्रॉफ, सोनाली कुलकर्णी, ब्रजेन्द्र काला, नोरा फतेही 
सेंसर सर्टिफिकेट : यूए * 2 घंटे 47 मिनट 15 सेकंड 
रेटिंग : 3/5